indore:-देवी-अहिल्या-की-पालकी-का-शहर-में-हुआ-स्वागत,-सीएम-बोले-अहिल्याबाई-ने-पूरे-देश-में-मालवा-का-मान-बढ़ाया
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: दिनेश शर्मा Updated Sun, 01 Sep 2024 06: 26 PM IST शिवभक्त देवी अहिल्याबाई होलकर की 229वीं पुण्यतिथि पर रविवार को इंदौर में उनकी पालकी निकली। जगह-जगह मंच लगाकर पालकी का स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव भी पालकी यात्रा में शामिल हुए।  गांधी हॉल में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि अहिल्या बाई के समय चुनौतियों के पहाड़ थे, लेकिन उन्होंने सफलतापूर्वक सत्ता चलाई। मुगलों ने मंदिर तोड़ डाले थे, लेकिन अहिल्याबाई ने सनातन धर्म की पताका का थामे रखा। अहिल्या अपने कामों के कारण अमर हो गई। अहिल्या बाई ने सारे भेदभाव मिटाकर काम किया। वे कुशल प्रबंधक थीं और तलवार की ताकत भी जानती थीं। अहिल्या बाई ने पूरे देश में मालवा का मान बढ़ाया। Trending Videos इंदौर पर अहिल्यामाता का आशीर्वाद पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि अहिल्यामाता का इंदौर पर आशीर्वाद है। जब बारिश कम होती है तो इंद्रेश्वर मंदिर में पूजा की जाती है तो पानी आ जाता है। शिवगंगा अभियान के महेश शर्मा ने कहा कि अहिल्यादेवी मालवा स्टेट की महारानी थीं, लेकिन उन्होंने पूरे देश में काम किया। शर्मा ने कहा कि झाबुआ के आदिवासी इंदौर के प्रेम से वंचित है। उस समाज में बदलाव लाना अहिल्याबाई को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। स्वागत भाषण सरयू वाघमारे ने दिया। आभार सुधीर देड़गे ने माना। अखाड़ों के साथ निकली पालकी  समारोह समाप्त होने के बाद अहिल्या बाई की पालकी गांधी हॉल से निकली। पालकी का स्वागत कई संगठनों ने मंच लगाकर किया। होलकर राजाओं की वेशभूषा में युवक घोड़े पर सवार थे। इसके अलावा अहिल्या सेना की युवतियां भी लुगड़ा पहन कर घोड़े पर सवार थी। पालकी के आगे बोहरा समाज का बैंड मधुर ध्वनि बजा रहा था। इसके अलावा अखाड़ों के पहलवान भी करतब दिखा रहे थे। पालकी एमजी रोड से कृष्णपुरा ब्रिज, फ्रूट मार्केट होते हुए राजवाड़ा गई।

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: दिनेश शर्मा Updated Sun, 01 Sep 2024 06: 26 PM IST

शिवभक्त देवी अहिल्याबाई होलकर की 229वीं पुण्यतिथि पर रविवार को इंदौर में उनकी पालकी निकली। जगह-जगह मंच लगाकर पालकी का स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव भी पालकी यात्रा में शामिल हुए। 

गांधी हॉल में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि अहिल्या बाई के समय चुनौतियों के पहाड़ थे, लेकिन उन्होंने सफलतापूर्वक सत्ता चलाई। मुगलों ने मंदिर तोड़ डाले थे, लेकिन अहिल्याबाई ने सनातन धर्म की पताका का थामे रखा। अहिल्या अपने कामों के कारण अमर हो गई। अहिल्या बाई ने सारे भेदभाव मिटाकर काम किया। वे कुशल प्रबंधक थीं और तलवार की ताकत भी जानती थीं। अहिल्या बाई ने पूरे देश में मालवा का मान बढ़ाया।

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इंदौर पर अहिल्यामाता का आशीर्वाद
पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि अहिल्यामाता का इंदौर पर आशीर्वाद है। जब बारिश कम होती है तो इंद्रेश्वर मंदिर में पूजा की जाती है तो पानी आ जाता है। शिवगंगा अभियान के महेश शर्मा ने कहा कि अहिल्यादेवी मालवा स्टेट की महारानी थीं, लेकिन उन्होंने पूरे देश में काम किया। शर्मा ने कहा कि झाबुआ के आदिवासी इंदौर के प्रेम से वंचित है। उस समाज में बदलाव लाना अहिल्याबाई को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। स्वागत भाषण सरयू वाघमारे ने दिया। आभार सुधीर देड़गे ने माना।

अखाड़ों के साथ निकली पालकी 
समारोह समाप्त होने के बाद अहिल्या बाई की पालकी गांधी हॉल से निकली। पालकी का स्वागत कई संगठनों ने मंच लगाकर किया। होलकर राजाओं की वेशभूषा में युवक घोड़े पर सवार थे। इसके अलावा अहिल्या सेना की युवतियां भी लुगड़ा पहन कर घोड़े पर सवार थी। पालकी के आगे बोहरा समाज का बैंड मधुर ध्वनि बजा रहा था। इसके अलावा अखाड़ों के पहलवान भी करतब दिखा रहे थे। पालकी एमजी रोड से कृष्णपुरा ब्रिज, फ्रूट मार्केट होते हुए राजवाड़ा गई।

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