जिला कोर्ट – फोटो : अमर उजाला
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एक दुष्कर्म पीड़िता ने इंदौर जिला कोर्ट के एक न्यायाधीश की शिकायत सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश और राष्ट्रीय महिला आयोग से की है। शिकायत में उसने आरोप लगाया है कि गवाह के प्रतिपरीक्षण के दौरान जज ने कोर्ट रूम का गेट खुलवा कर बयान लिए और कई बार इस तरह की लज्जाजनक भाषा का उपयोग किया, जिससे पीड़िता ने खुद को अपमानित महसूस किया। महिला के बयान 25 जुलाई को लिए गए थे।
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महिला द्वारा शिकायत करने के बाद महिला वकीलों ने भी दुष्कर्म पीड़िता का समर्थन किया और न्यायधीश के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। महिला ने अपनी लिखित शिकायत में आरोप लगाया कि जज ने कोर्ट रूम के दरवाजे खुलवाकर बयान लिए और अपमानित किया। शिकायत में उसने कहा है कि कोर्ट रूम में इस तरह के सवाल पूछे जा रहे थे कि वहां मौजूद लोग और आरोपी के वकील मुझ पर हंस रहे थे।
गाड़ी में दुष्कर्म कैसे हो सकता है?
पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा कि आरोपी अशरफ अंसारी ने उसका दुष्कर्म किया था और इसकी शिकायत जूनी इंदौर थाने में की थी। आरोपी के खिलाफ एससी एसटी एक्ट, दुष्कर्म और लव जिहाद के तहत केस दर्ज किया गया। इस केस में 25 जुलाई को मेरे द्वारा दिए गए बयानों का प्रतिपरीक्षण होना था। कोर्ट रूम में आरोपी के वकील को रोकते हुए जज ने खुद सवाल पूछना शुरू कर दिए। मुझसे पूछा गया कि गाड़ी में दुष्कर्म कैसे हो सकता है? उनके सवालों से मैं असहज महसूस कर रही थी। मेरे वकील ने इस पर आपत्ति ली तो उन्हें भी डांट कर चुप करा दिया गया। यह बात मुझे अच्छी नहीं लगी।
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