indore:-चुनावी-साल-में-भाजपा-फिर-यात्रा-के-भरोसे,-प्रदेश-में-जन-आशीर्वाद-यात्रा-निकालने-की-तैैयारी
प्रदेश में फिर राजनीतिक यात्राएं निकालने की तैयारी। - फोटो : SOCIAL MEDIA विस्तार मध्य प्रदेश की राजनीति मेें राजनीतिक यात्राओं भी बड़ी भूमिका रही है। कई बार यह गेम चेंजर भी साबित होती है।दोनो ही प्रमुख राजनीतिक दल चुनाव से पहले यात्रा के बहाने मतदाता की नब्ज टटोलते है। प्रदेश सरकार ने चार माह पहले ही हर विधानसभा में विकास यात्राएं निकाली थी। जिसमें अफसरों के शामिल होने पर कांग्रेस नेे बड़ा हल्ला मचाया था। चुनाव से पहले भाजपा ने फिर जन आशीर्वाद यात्रा निकालने की रणनीति बनाई है। यह यात्रा कब से निकलेगी इसका खुलासा नहीं हुआ हैै। भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इस कहा कि यात्रा के कारण जनता से रुबरु मिलने का मौका मिलता है। इस साल भाजपा जन आशीर्वाद यात्रा निकालेगी और जनता के बीच सरकार की नीतियों के काम पहुंचाए जाएंगे। नर्मदा परिक्रमा ने पलट दी थी सत्ता पिछले विधानसभा चुनाव के पहले दिग्विजय सिंह ने नर्मदा परिक्रमा की थी। इस यात्रा में उन्होंने प्रदेश की 100 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को एकजुट करने का काम किया। इस यात्रा का सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस को मालवा निमाड़ मेें मिला था। यहां कांग्रेस की झोली मेें भाजपा से ज्यादा सीटें आई थी उसकी वजह से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी। खरगोन जिले में तो भाजपा का खाता भी नहीं खुल पाया था। इस बार भी कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा से उम्मीद है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मालवा निमाड़ की 30 विधानसभा सीटों से इस यात्रा के दौरान गुजरतेे थे और तब कांग्रेस एकजुट नजर आई थी। इनमें से ज्यादातर आदिवासी सीटें है। अब देखना होगा कि उसका विधानसभा चुनाव में कितना फायदा मिलता है। मध्य प्रदेश में राजनीतिक यात्राओं के मायने -इस साल प्रदेेश में 5 से लेकर 25 फरवरी तक विकास यात्रा निकली। हर विधानसभा में जनप्रतिनिधि अफसरों को साथ लेकर घुमे। यात्रा के दौरान रहवासियों ने समस्याएं भी सुनी। -मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले विधानसभा चुनाव में जन आशीर्वाद यात्रा निकाली थी। प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों से यह यात्रा गुजरी थी। इसके बाद दो साल पहले भाजपा ने पूरे देश में जन अाशीर्वाद यात्रा निकाली। जिसमें मोदी सरकार के 39 मंत्रियों ने देशभर के 200 से ज्यादा लोकसभा क्षेत्रों का दौरा किया था। इंदौर में तब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अाए थे। -पिछले साल नवंबर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में 12 दिन रहे और 380 किलोमीटर पैदल चले। राहुल गांधी की यात्रा मालवा-निमाड़ की 26 सीटों से गुजरी। इन सीटों पर पिछले विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है। इस बार भी कांग्रेस को इन सीटों फोकस है। -कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में धिक्कार यात्रा प्रदेश भर में निकाली थी। कमल नाथ ने इस यात्रा केे दौरान किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस रखा था, जिसका फायदा उसे चुनाव मेें मिला।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

प्रदेश में फिर राजनीतिक यात्राएं निकालने की तैयारी। – फोटो : SOCIAL MEDIA

विस्तार मध्य प्रदेश की राजनीति मेें राजनीतिक यात्राओं भी बड़ी भूमिका रही है। कई बार यह गेम चेंजर भी साबित होती है।दोनो ही प्रमुख राजनीतिक दल चुनाव से पहले यात्रा के बहाने मतदाता की नब्ज टटोलते है। प्रदेश सरकार ने चार माह पहले ही हर विधानसभा में विकास यात्राएं निकाली थी। जिसमें अफसरों के शामिल होने पर कांग्रेस नेे बड़ा हल्ला मचाया था। चुनाव से पहले भाजपा ने फिर जन आशीर्वाद यात्रा निकालने की रणनीति बनाई है। यह यात्रा कब से निकलेगी इसका खुलासा नहीं हुआ हैै।

भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इस कहा कि यात्रा के कारण जनता से रुबरु मिलने का मौका मिलता है। इस साल भाजपा जन आशीर्वाद यात्रा निकालेगी और जनता के बीच सरकार की नीतियों के काम पहुंचाए जाएंगे।

नर्मदा परिक्रमा ने पलट दी थी सत्ता

पिछले विधानसभा चुनाव के पहले दिग्विजय सिंह ने नर्मदा परिक्रमा की थी। इस यात्रा में उन्होंने प्रदेश की 100 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को एकजुट करने का काम किया। इस यात्रा का सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस को मालवा निमाड़ मेें मिला था। यहां कांग्रेस की झोली मेें भाजपा से ज्यादा सीटें आई थी उसकी वजह से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी। खरगोन जिले में तो भाजपा का खाता भी नहीं खुल पाया था।

इस बार भी कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा से उम्मीद है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मालवा निमाड़ की 30 विधानसभा सीटों से इस यात्रा के दौरान गुजरतेे थे और तब कांग्रेस एकजुट नजर आई थी। इनमें से ज्यादातर आदिवासी सीटें है। अब देखना होगा कि उसका विधानसभा चुनाव में कितना फायदा मिलता है।

मध्य प्रदेश में राजनीतिक यात्राओं के मायने

-इस साल प्रदेेश में 5 से लेकर 25 फरवरी तक विकास यात्रा निकली। हर विधानसभा में जनप्रतिनिधि अफसरों को साथ लेकर घुमे। यात्रा के दौरान रहवासियों ने समस्याएं भी सुनी।

-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले विधानसभा चुनाव में जन आशीर्वाद यात्रा निकाली थी। प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों से यह यात्रा गुजरी थी। इसके बाद दो साल पहले भाजपा ने पूरे देश में जन अाशीर्वाद यात्रा निकाली। जिसमें मोदी सरकार के 39 मंत्रियों ने देशभर के 200 से ज्यादा लोकसभा क्षेत्रों का दौरा किया था। इंदौर में तब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अाए थे।

-पिछले साल नवंबर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में 12 दिन रहे और 380 किलोमीटर पैदल चले। राहुल गांधी की यात्रा मालवा-निमाड़ की 26 सीटों से गुजरी। इन सीटों पर पिछले विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है। इस बार भी कांग्रेस को इन सीटों फोकस है।

-कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में धिक्कार यात्रा प्रदेश भर में निकाली थी। कमल नाथ ने इस यात्रा केे दौरान किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस रखा था, जिसका फायदा उसे चुनाव मेें मिला।

Posted in MP