एमआईसी बैठक। – फोटो : अमर उजाला
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महापौर परिषद बैठक में 100 करोड़ के घोटाले का मुद्दा गरमाया। दो एमआईसी मेंबरों की आपत्ति के बाद घोटाले की एफआईआर लिखवाने वाले कार्यपालन यंत्री सुनील गुप्ता को बैठक छोड़कर जाना पड़ा। एमआईसी सदस्य जीतू यादव व मनीष मामा बैठक में सवाल उठाया कि लंबे समय से घोटाले हो रहे थे,क्या गुप्ता को इसकी जानकारी नहीं थी। अभी भी ड्रेनेज से जुड़े काम अटके हुए है। गुप्ता अपने चेहते ठेकेदारों का काम देते है। वे भी घोटाले के जिम्मेदार हैै।
बैठक में गुप्ता की मौजूदगी से नाराज दोनो सदस्य जब अपनी कुर्सी से उठने लगे तो गुप्ता को बैठक छोड़कर जाना पड़ा। इसके बाद बैठक में अन्य विषयों पर चर्चा हो पाई।
आपको बता दे कि मेयर पुष्य मित्र भार्गव ने भी गुप्ता की कार से घोटाले की फाइलें चोरी होने पर सवाल उठाया था, हालांकि बाद में पुलिस ने घोटाले का मुख्य आरोपी अभय राठौर को माना। राठौर की पत्नी ने भी गुप्ता पर आरोप लगाए है। गुप्ता को जिस विभाग का जिम्मा है। उसमें बगैर काम हुए करोड़ों के बिल मंजूर हो गए। बैठक के बाद गुप्ता को रिलीव करने पर भी चर्चा हुई। उनका तबादला पहले ही हो चुका है।
400 करोड़ रुपये होंगे सड़कों पर खर्च
बैठक में तय हुआ कि 400 करोड़ रुपये नए मार्गों के निर्माण पर खर्च होंगे। सराफा चौपाटी को लेकर मार्केट विभाग को निर्देश दिए गए कि चौपाटी में एकरुपता के लिए एसअेापी जारी की जाए। ठेलों के आकार और डिजाइन एक समान हो और उनके साइन बोर्ड भी एक रंग और आकार के होना चाहिए। गांधी हाल को निजी हाथों में सौंपने का विषय भी महापौर परिषद बैठक में रखा गया था, लेकिन उस पर अभी चर्चा नहीं हो पाई। बैठक में तय हुआ कि उद्यान विभाग के लिए दस डंपर खरीदे जाएंगे।
मेयर बोले-भ्रष्ट अफसरों पर नकेल कसेंगे
मेयर पुष्य मित्र भार्गव ने कहा कि घोटाले में जो भी अफसर लिप्त पाए गए है। उन्हें न केवल नौकरी से हटाया गया है,बल्कि उनके खिलाफ प्रकरण भी दर्ज कराए जाएंगे। भ्रष्ट अफसरों पर अब पूरी तरह नकेल कसी जाएगी। बैैठक में 15 से ज्यादा एजेंडों पर चर्चा हुई।
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