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इंदौर में निकली यात्रा। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us इंदौर मेें रविवार को दो स्थानों से भगवान जगन्नाथ की यात्रा धूमधाम से निकली। हजारों भक्तों ने भगवान जगन्नाथ के नारे लगाए और रथ को खींचा। इस यात्रा के दौरान कुछ भक्त सड़क की सफाई करते हुए भी चल रहे थे। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया के दिन रविवार को प्रदेश के कई शहरों से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकली। छत्रीबाग देवस्थान से शाम को भगवान व्यंकटेश रथ पर सवार हुए। भगवान चांदी के रथ पर सवार थेे। भगवान को सोने के तारों से बनी पोशाख पहनाई गई। रथ में सवार प्रभु ने भक्तों को दर्शन दिए। यात्रा में झांकियां भी शामिल की गई थी। यात्रा छत्रीबाग से आसपास के क्षेत्रों में घूमकर फिर मंदिर में लौटी। मंदिर को मोगरे, गुलाब, रजनीगंधा के फूलों से सजाया गया था। पूरा मंदिर फूलों से महक रहा था। लंबी कतार में भक्त प्रभु के दर्शन का इंतजार कर रहे थे। देर रात तक मंदिर खुला रहा। इसके अलावा एरोड्रम रोड स्थित विद्याधाम सेे भी भगवान जगन्नाथ की यात्रा निकली। जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। 51 फीट लंबे हाईड्रोलिक रथ पर मंदिर की प्रतिकृति बनाई गई थी। उसमें प्रभु सवार थे। विद्याधाम से चार किलोमीटर का सफर तय कर यात्रा राजवाड़ा तक पहुंची। यात्रा मेें कई भक्त सड़क की सफाई करते हुए चल रहे है। यात्रा के स्वागत के लिए जगह-जगह मंच भी लगाए गए। भगवान जगन्नाथ को वृंदावन से तैयार की गई पोशाख पहनाई गई।

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इंदौर में निकली यात्रा। – फोटो : अमर उजाला

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इंदौर मेें रविवार को दो स्थानों से भगवान जगन्नाथ की यात्रा धूमधाम से निकली। हजारों भक्तों ने भगवान जगन्नाथ के नारे लगाए और रथ को खींचा। इस यात्रा के दौरान कुछ भक्त सड़क की सफाई करते हुए भी चल रहे थे।

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया के दिन रविवार को प्रदेश के कई शहरों से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकली। छत्रीबाग देवस्थान से शाम को भगवान व्यंकटेश रथ पर सवार हुए। भगवान चांदी के रथ पर सवार थेे। भगवान को सोने के तारों से बनी पोशाख पहनाई गई।

रथ में सवार प्रभु ने भक्तों को दर्शन दिए। यात्रा में झांकियां भी शामिल की गई थी। यात्रा छत्रीबाग से आसपास के क्षेत्रों में घूमकर फिर मंदिर में लौटी। मंदिर को मोगरे, गुलाब, रजनीगंधा के फूलों से सजाया गया था। पूरा मंदिर फूलों से महक रहा था। लंबी कतार में भक्त प्रभु के दर्शन का इंतजार कर रहे थे। देर रात तक मंदिर खुला रहा।

इसके अलावा एरोड्रम रोड स्थित विद्याधाम सेे भी भगवान जगन्नाथ की यात्रा निकली। जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। 51 फीट लंबे हाईड्रोलिक रथ पर मंदिर की प्रतिकृति बनाई गई थी। उसमें प्रभु सवार थे। विद्याधाम से चार किलोमीटर का सफर तय कर यात्रा राजवाड़ा तक पहुंची।

यात्रा मेें कई भक्त सड़क की सफाई करते हुए चल रहे है। यात्रा के स्वागत के लिए जगह-जगह मंच भी लगाए गए। भगवान जगन्नाथ को वृंदावन से तैयार की गई पोशाख पहनाई गई।

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