indore:-इंदौर-में-हरियाली-अमावस्या-पर-ब्रिज-के-लिए-पंद्रह-से-ज्यादा-पेड़ों-की-बलि
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अभिषेक चेंडके Updated Sun, 04 Aug 2024 04: 27 PM IST दस साल पहले बीआरटीएस निर्माण के समय पंचमुखी हनुमान मंदिर के समीप कदम, अशोक, बादाम के पौधे लगाए गए थे। जो काफी बड़े हो गए थे। इन पेड़ों को रविवार को काट दिया गया। ग्रीन बेल्ट से हरियाली गायब होेने के बाद रहवासियों को वह हिस्सा सूना लग रहा है। इंदौर में काटे गए पेड़। - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें इंदौर ने हाल ही में एक साथ 12 लाख पौधे रोपे जाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया गया, लेकिन हरियाली लगातार कम हो रही है। जो पेड़ वर्षों में फल-फूल कर बड़े हुए, उन्हें विकास में बाधा मानकर तोड़ा जा रहा है। हरियाली अमावस्या पर रविवार को इंदौर के पुराने एबी रोड पर स्थित सत्यसांई चौराहे के समीप हरे-भरे पंद्रह पेड़ काट दिए गए। यहां मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम छह लेन ब्रिज बना रहा है। इसकी जद में आ रहे पेड़ों को काटने का काम शुरू हुआ है। पेड़ों को काटने की अनुमति नगर निगम ने ही दी थी। 10 साल पहले लगाए थे पौधे 10 साल पहले बीआरटीएस निर्माण के समय पंचमुखी हनुमान मंदिर के समीप कदम, अशोक, बादाम के पौधे लगाए गए थे, जो काफी बड़े हो गए थे। इन पेड़ों को रविवार को काट दिया गया। ग्रीन बेल्ट से हरियाली गायब होने के बाद रहवासियों को वह हिस्सा सूना लग रहा है। उनका कहना था कि अफसरों को पहले प्लान कर पेड़ लगाना चाहिए, ताकि बड़े होने पर उन्हें काटने की नौबत न आए। साल भर में 4000 से ज्यादा पेड़ काटे इस साल इंदौर में 4000 से ज्यादा पेड़ सड़कों के आसपास से हटाए गए। निजी परिसरों से हटाए गए पेड़ोंं की संख्या हजारों में है। इंदौर के विजय नगर चौराहा, एमओजी लाइन, रामबाग, एमआर-10, खजराना क्षेत्र से इस साल चार हजार से ज्यादा पेड़ काटे जा चुके हैं। अब हुकमचंद मिल परिसर से भी हजारों पेड़ हटाने की तैयारी हो रही है। शहर में इस साल जो पौधे लगे हैं। उन्हें हरा भरा होने में काफी समय लगेगा, लेकिन अभी हरियाली कम हो रही है। शहर के मास्टर प्लान में हरियाली का प्रतिशत 14 है, लेकिन वास्तविकता में आठ प्रतिशत हरियाली है। ग्रीन बेल्ट के कई हिस्सों में अवैध बसाहट हो चुकी है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अभिषेक चेंडके Updated Sun, 04 Aug 2024 04: 27 PM IST

दस साल पहले बीआरटीएस निर्माण के समय पंचमुखी हनुमान मंदिर के समीप कदम, अशोक, बादाम के पौधे लगाए गए थे। जो काफी बड़े हो गए थे। इन पेड़ों को रविवार को काट दिया गया। ग्रीन बेल्ट से हरियाली गायब होेने के बाद रहवासियों को वह हिस्सा सूना लग रहा है। इंदौर में काटे गए पेड़। – फोटो : अमर उजाला

विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

इंदौर ने हाल ही में एक साथ 12 लाख पौधे रोपे जाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया गया, लेकिन हरियाली लगातार कम हो रही है। जो पेड़ वर्षों में फल-फूल कर बड़े हुए, उन्हें विकास में बाधा मानकर तोड़ा जा रहा है। हरियाली अमावस्या पर रविवार को इंदौर के पुराने एबी रोड पर स्थित सत्यसांई चौराहे के समीप हरे-भरे पंद्रह पेड़ काट दिए गए।

यहां मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम छह लेन ब्रिज बना रहा है। इसकी जद में आ रहे पेड़ों को काटने का काम शुरू हुआ है। पेड़ों को काटने की अनुमति नगर निगम ने ही दी थी।

10 साल पहले लगाए थे पौधे
10 साल पहले बीआरटीएस निर्माण के समय पंचमुखी हनुमान मंदिर के समीप कदम, अशोक, बादाम के पौधे लगाए गए थे, जो काफी बड़े हो गए थे। इन पेड़ों को रविवार को काट दिया गया। ग्रीन बेल्ट से हरियाली गायब होने के बाद रहवासियों को वह हिस्सा सूना लग रहा है। उनका कहना था कि अफसरों को पहले प्लान कर पेड़ लगाना चाहिए, ताकि बड़े होने पर उन्हें काटने की नौबत न आए।

साल भर में 4000 से ज्यादा पेड़ काटे
इस साल इंदौर में 4000 से ज्यादा पेड़ सड़कों के आसपास से हटाए गए। निजी परिसरों से हटाए गए पेड़ोंं की संख्या हजारों में है। इंदौर के विजय नगर चौराहा, एमओजी लाइन, रामबाग, एमआर-10, खजराना क्षेत्र से इस साल चार हजार से ज्यादा पेड़ काटे जा चुके हैं। अब हुकमचंद मिल परिसर से भी हजारों पेड़ हटाने की तैयारी हो रही है। शहर में इस साल जो पौधे लगे हैं। उन्हें हरा भरा होने में काफी समय लगेगा, लेकिन अभी हरियाली कम हो रही है। शहर के मास्टर प्लान में हरियाली का प्रतिशत 14 है, लेकिन वास्तविकता में आठ प्रतिशत हरियाली है। ग्रीन बेल्ट के कई हिस्सों में अवैध बसाहट हो चुकी है।

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