indore:-इंदौर-में-मेट्रो-ट्रेन-के-अंडरग्राउंड-रूट-के-नए-विकल्पों-का-होगा-फिजिबिलिटी-सर्वे,-मंत्री-ने-ली-बैठक
मेट्रो प्रोजेक्ट को लेेकर इंदौर में बैठक आयोजित की गई। - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें इंदौर में मेट्रो ट्रेन रूट का 20 किलोमीटर हिस्से में काम चल रहा है। अंडरग्राउंड मेट्रो को लेकर जनप्रतिनिधि और शहरवासियों ने नए विकल्प सुझाए हैं। इसे लेकर सोमवार को नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक ली। उन्होंने कहा कि मेट्रो के पुराने रूट से जनप्रतिनिधि और शहरवासी खुश नहीं हैं, लेकिन अब 30-40 प्रतिशत काम हो चुका है। जो नए विकल्प अंडरग्राउंड रूट को लेकर बैठक में सुझाए गए हैं। उनका फिजिबिलिटी सर्वे होगा। अफसरों को एक माह में रिपोर्ट देना होगी। विजयवर्गीय ने कहा कि अभी एमजी रोड पर नाथ मंदिर से मेट्रो अंडरग्राउंड हो रही है। बंगाली चौराहे से भी मेट्रो को अंडरग्राउंड करने का सुझाव आया है। इसके अलावा मेट्रो रूट को कृषि काॅलेज से रीगल तक ले जाने का सुझाव भी आया है। रेसकोर्स रोड को मेट्रो रूट में शामिल करने की बात भी बैठक में उठी। इंदौर-उज्जैन मेट्रो रूट पर मुख्यमंत्री से चर्चा होगी बैठक में इंदौर से उज्जैन के बीच मेट्रो के संचालन की चर्चा हुई। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी घोषणा की थी। विजयवर्गीय ने कहा कि सिंहस्थ के लिए इंदौर से उज्जैन के बीच रेल विभाग एक शटल ट्रेन चला रहा है। इंदौर से उज्जैन के बीच मेट्रो के संचालन पर फैसला मुख्यमंत्री मोहन यादव से चर्चा के बाद निर्णय होगा। मेट्रो की बैठक में पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि पहले मेट्रो का अंडरग्राउंड स्टेशन राजवाड़ा के पास बनाया जा रहा था। इससे राजवाड़ा को नुकसान हो सकता था। मैंने इस बाद पर आपत्ति ली थी। इसके बाद बदलाव हुए। अंडरग्राउंड मेट्रो के काम के दौरान होने वाली दिक्कतों का मुद्दा भी उन्होंने उठाया। बैठक में सांसद शंकर लालवानी, मेयर पुष्य मित्र भार्गव सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे। विजयवर्गीय बोले-एक सीमा तक विरोध किया जा सकता है पत्रकारों ने पूछा कि पहले मेट्रो, महू, पीथमपुर तक ले जाने की योजना थी। उस पर अमल क्यों नहीं हो पाया। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि विरोध एक सीमा तक किया जा सकता है। हमारी सरकार ने पहले योजना तैयार की थी, लेकिन बीच में आई कांग्रेस सरकार ने उसे बदल दिया और मेट्रो का काम भी शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि अब समय सीमा में काम करने पर जोर दिया जा रहा है। मेट्रो कार्पोरेशन को जो भूमि चाहिए थी। वह दी जा चुकी है। अंडरग्राउंड हिस्से में काम भी जल्दी ही शुरू होगा। ब्रिज के कारण काम में देरी मेट्रो का काम अब रेडिसन चौराहा से रिंग रोड के बीच हो रहा है। खजराना चौराहे पर ब्रिज बन रहा है। यहां मेट्रो का ट्रेक बीच में बनेगा। दोनों तरफ ब्रिज की दो-दो लेन होगी। चौराहे पर अभी मेट्रो का काम नहीं हो पाया है। इसके अलावा अभी मेट्रो स्टेशनों का काम भी नहीं हो सका है। इस साल 17 किलोमीटर हिस्से में मेट्रो का संचालन भी संभव नजर नहीं आ रहा है। बारिश में वैसे ही काम की गति धीमी हो जाएगी।  

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मेट्रो प्रोजेक्ट को लेेकर इंदौर में बैठक आयोजित की गई। – फोटो : अमर उजाला

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इंदौर में मेट्रो ट्रेन रूट का 20 किलोमीटर हिस्से में काम चल रहा है। अंडरग्राउंड मेट्रो को लेकर जनप्रतिनिधि और शहरवासियों ने नए विकल्प सुझाए हैं। इसे लेकर सोमवार को नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक ली।

उन्होंने कहा कि मेट्रो के पुराने रूट से जनप्रतिनिधि और शहरवासी खुश नहीं हैं, लेकिन अब 30-40 प्रतिशत काम हो चुका है। जो नए विकल्प अंडरग्राउंड रूट को लेकर बैठक में सुझाए गए हैं। उनका फिजिबिलिटी सर्वे होगा। अफसरों को एक माह में रिपोर्ट देना होगी। विजयवर्गीय ने कहा कि अभी एमजी रोड पर नाथ मंदिर से मेट्रो अंडरग्राउंड हो रही है। बंगाली चौराहे से भी मेट्रो को अंडरग्राउंड करने का सुझाव आया है। इसके अलावा मेट्रो रूट को कृषि काॅलेज से रीगल तक ले जाने का सुझाव भी आया है। रेसकोर्स रोड को मेट्रो रूट में शामिल करने की बात भी बैठक में उठी।

इंदौर-उज्जैन मेट्रो रूट पर मुख्यमंत्री से चर्चा होगी
बैठक में इंदौर से उज्जैन के बीच मेट्रो के संचालन की चर्चा हुई। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी घोषणा की थी। विजयवर्गीय ने कहा कि सिंहस्थ के लिए इंदौर से उज्जैन के बीच रेल विभाग एक शटल ट्रेन चला रहा है। इंदौर से उज्जैन के बीच मेट्रो के संचालन पर फैसला मुख्यमंत्री मोहन यादव से चर्चा के बाद निर्णय होगा। मेट्रो की बैठक में पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि पहले मेट्रो का अंडरग्राउंड स्टेशन राजवाड़ा के पास बनाया जा रहा था। इससे राजवाड़ा को नुकसान हो सकता था। मैंने इस बाद पर आपत्ति ली थी। इसके बाद बदलाव हुए। अंडरग्राउंड मेट्रो के काम के दौरान होने वाली दिक्कतों का मुद्दा भी उन्होंने उठाया। बैठक में सांसद शंकर लालवानी, मेयर पुष्य मित्र भार्गव सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

विजयवर्गीय बोले-एक सीमा तक विरोध किया जा सकता है
पत्रकारों ने पूछा कि पहले मेट्रो, महू, पीथमपुर तक ले जाने की योजना थी। उस पर अमल क्यों नहीं हो पाया। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि विरोध एक सीमा तक किया जा सकता है। हमारी सरकार ने पहले योजना तैयार की थी, लेकिन बीच में आई कांग्रेस सरकार ने उसे बदल दिया और मेट्रो का काम भी शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि अब समय सीमा में काम करने पर जोर दिया जा रहा है। मेट्रो कार्पोरेशन को जो भूमि चाहिए थी। वह दी जा चुकी है। अंडरग्राउंड हिस्से में काम भी जल्दी ही शुरू होगा।

ब्रिज के कारण काम में देरी
मेट्रो का काम अब रेडिसन चौराहा से रिंग रोड के बीच हो रहा है। खजराना चौराहे पर ब्रिज बन रहा है। यहां मेट्रो का ट्रेक बीच में बनेगा। दोनों तरफ ब्रिज की दो-दो लेन होगी। चौराहे पर अभी मेट्रो का काम नहीं हो पाया है। इसके अलावा अभी मेट्रो स्टेशनों का काम भी नहीं हो सका है। इस साल 17 किलोमीटर हिस्से में मेट्रो का संचालन भी संभव नजर नहीं आ रहा है। बारिश में वैसे ही काम की गति धीमी हो जाएगी।
 

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