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जलूद के पास से आएगा नर्मदा का चौथा चरण। - फोटो : amar ujala digital विस्तार Follow Us 46 सालों में आए नर्मदा के तीन चरणों के बाद अब इंदौर तक चौथा चरण लाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए नगर निगम ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर ली है और दो साल में प्रोजेक्ट का काम पूरा होना। नर्मदा का चौथा चरण आने के बाद अगले 25 सालों तक 75 लाख की आबादी के लिए शहर में पानी की चिंता नहीं होगी। इस प्रोजेक्ट पर 1700 करोड़ रुपये खर्च होंगे। चौथे चरण के आने के बाद शहरवासियों को रोजाना पानी मिल सकेगा। इंदौर में तीन चरणों से फिलहाल 436 एमएलडी पानी वितरित होता है। इसमें नर्मदा के पहले, दूसरे और तीसरे चरण के तहत 406 एमएलडी और यशवंत सागर से 30 एमएलडी पानी मिलता है। शहर में नए 29 गांव जुड़े है और नर्मदा लाइन वहां भी बिछाई जा रही है। नर्मदा का चौथे चरण में 400 एमएलडी पानी मिलने लगेगा। इसके बाद शहर में रोजाना करीब 836 एमएलडी पानी वितरित होगा। जलूद में नए इंटेकवेल  और 22 किलोमीटर लंबाई की लाइन बिछाने के अलावा अन्य काम होंगे। शहर में नर्मदा के चौथे चरण के लिए 32 नई टंकियों का निर्माण किया जाएगा। मेयर पुष्य मित्र भार्गव ने कहा कि चौथा चरण आने के बाद 2050 तक शहर में पानी की समस्या नहीं रहेगी। हम इसी दिशा में काम कर रहे है। पहले चरण के लिए हुआ था महीने भर आंदोलन शहर में नर्मदा का पहला चरण लाने के लिए शहरवासियों ने एक माह तक आंदोलन चलाया। इंदौर बंद का आव्हान किया गया। इसके बाद पहला चरण वर्ष 1978 में आया। इसके बाद 1990 के दशक में दूसरा चरण इंदौर आया। वर्ष 2014 में तीसरा चरण इंदौर लाया गया। तीसरे चरण के लिए वांचू पाइंट के पहाड़ पर डेढ़ किलोमीटर की सुरंग भी बनाई गई।

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जलूद के पास से आएगा नर्मदा का चौथा चरण। – फोटो : amar ujala digital

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46 सालों में आए नर्मदा के तीन चरणों के बाद अब इंदौर तक चौथा चरण लाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए नगर निगम ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर ली है और दो साल में प्रोजेक्ट का काम पूरा होना। नर्मदा का चौथा चरण आने के बाद अगले 25 सालों तक 75 लाख की आबादी के लिए शहर में पानी की चिंता नहीं होगी। इस प्रोजेक्ट पर 1700 करोड़ रुपये खर्च होंगे। चौथे चरण के आने के बाद शहरवासियों को रोजाना पानी मिल सकेगा।

इंदौर में तीन चरणों से फिलहाल 436 एमएलडी पानी वितरित होता है। इसमें नर्मदा के पहले, दूसरे और तीसरे चरण के तहत 406 एमएलडी और यशवंत सागर से 30 एमएलडी पानी मिलता है। शहर में नए 29 गांव जुड़े है और नर्मदा लाइन वहां भी बिछाई जा रही है।

नर्मदा का चौथे चरण में 400 एमएलडी पानी मिलने लगेगा। इसके बाद शहर में रोजाना करीब 836 एमएलडी पानी वितरित होगा। जलूद में नए इंटेकवेल  और 22 किलोमीटर लंबाई की लाइन बिछाने के अलावा अन्य काम होंगे। शहर में नर्मदा के चौथे चरण के लिए 32 नई टंकियों का निर्माण किया जाएगा। मेयर पुष्य मित्र भार्गव ने कहा कि चौथा चरण आने के बाद 2050 तक शहर में पानी की समस्या नहीं रहेगी। हम इसी दिशा में काम कर रहे है।

पहले चरण के लिए हुआ था महीने भर आंदोलन

शहर में नर्मदा का पहला चरण लाने के लिए शहरवासियों ने एक माह तक आंदोलन चलाया। इंदौर बंद का आव्हान किया गया। इसके बाद पहला चरण वर्ष 1978 में आया। इसके बाद 1990 के दशक में दूसरा चरण इंदौर आया। वर्ष 2014 में तीसरा चरण इंदौर लाया गया। तीसरे चरण के लिए वांचू पाइंट के पहाड़ पर डेढ़ किलोमीटर की सुरंग भी बनाई गई।

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