indore:-इंदौर-नगर-निगम-परिषद-के-दो-साल-पूरे-काम-कम-हुए,-यू-टर्न-रहे-ज्यादा
नगर निगम परिषद के दो साल पूरे - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us पांच अगस्त को इंदौर नगर निगम के दो साल पूरे होने जा रहे हैै। इन दो सालों मेें बड़ी उपलब्धियां कम रही और यू टर्न ज्यादा रहे। भाजपा परिेषद का दूसरा साल मेयर पुष्य मित्र भार्गव के लिए ज्यादा चुनौतियों भरा रहा। पोर्टल खराब होने के कारण राजस्व का काफी नुकसान हुआ। निगम ने शहर की जनता पर संपत्ति व जलकर का बोझ भी बढ़ा दिया। सफाई व्यवस्था भी अब कमतर हो गई हैै। 100 करोड़ के घोटाले के कारण भी निगम की साख गिरी।हुकमचंद मिल के मजदूूरों के भुगतान, हरियाली में रिकार्ड जैसी उपलब्धियां भी रही। सफाई व्यवस्था हो गई कमजोर इंदौर के साथ पिछले साल सूरत शहर ने स्वच्छता रैंकिंग अवार्ड साझा किया था। इस साल पिछले साल की तुलना में सफाई व्यवस्था और कमजोर हो गई। शहर की बेकलेन ठीक से साफ नहीं हो पा रही है। इसके अलावा नालों में भी गंदगी ज्यादा हैै। बदलना पड़े फैसले   नगर निगम परिषद द्वारा लिए गए कई फैसले भी बदलना पड़े। शहर के गांधी हाॅल को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी की गई, लेकिन इसका विरोध हो गया और मामला ठंडे बस्ते में चले गए। शहर के चौराहों पर होर्डिंग लगाने का ठेका दिया गया। उसका भी विरोध हो गया तो चौराहों से होर्डिंग निकाले गए। रिमूवल गैंग को सेना जैसी वर्दी पहनाई गई। इसका भी जोरदार विरोध किया गया और वह फैसला भी रद्द करना पड़ा। शहर को सोलर सिटी बनाने की दिशा मेें भी सार्थक काम नहीं हुए। विधानसभा चुनाव के पहले शहर की आंतरिक सड़कों व पेयजल लाइन के काम जरुर कई क्षेत्रों में हुए। अब कामों में आएगी तेजी मेेयर पुष्य मित्र भार्गव ने कहा कि इस साल लोकसभा और विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगी। जो बड़े काम पिछले साल मंजूर हुए। वे अब गति पकडेंगे। जलूद में सोलर प्लांंट का काम भी शुरू हो चुका है। सफाई व्यवस्था ठीक हैै। इस साल सफाई में अष्ठसिद्धि इंदौर को मिलेगी।

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नगर निगम परिषद के दो साल पूरे – फोटो : अमर उजाला

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पांच अगस्त को इंदौर नगर निगम के दो साल पूरे होने जा रहे हैै। इन दो सालों मेें बड़ी उपलब्धियां कम रही और यू टर्न ज्यादा रहे। भाजपा परिेषद का दूसरा साल मेयर पुष्य मित्र भार्गव के लिए ज्यादा चुनौतियों भरा रहा।

पोर्टल खराब होने के कारण राजस्व का काफी नुकसान हुआ। निगम ने शहर की जनता पर संपत्ति व जलकर का बोझ भी बढ़ा दिया। सफाई व्यवस्था भी अब कमतर हो गई हैै। 100 करोड़ के घोटाले के कारण भी निगम की साख गिरी।हुकमचंद मिल के मजदूूरों के भुगतान, हरियाली में रिकार्ड जैसी उपलब्धियां भी रही।

सफाई व्यवस्था हो गई कमजोर

इंदौर के साथ पिछले साल सूरत शहर ने स्वच्छता रैंकिंग अवार्ड साझा किया था। इस साल पिछले साल की तुलना में सफाई व्यवस्था और कमजोर हो गई। शहर की बेकलेन ठीक से साफ नहीं हो पा रही है। इसके अलावा नालों में भी गंदगी ज्यादा हैै।

बदलना पड़े फैसले
 

नगर निगम परिषद द्वारा लिए गए कई फैसले भी बदलना पड़े। शहर के गांधी हाॅल को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी की गई, लेकिन इसका विरोध हो गया और मामला ठंडे बस्ते में चले गए।

शहर के चौराहों पर होर्डिंग लगाने का ठेका दिया गया। उसका भी विरोध हो गया तो चौराहों से होर्डिंग निकाले गए। रिमूवल गैंग को सेना जैसी वर्दी पहनाई गई। इसका भी जोरदार विरोध किया गया और वह फैसला भी रद्द करना पड़ा। शहर को सोलर सिटी बनाने की दिशा मेें भी सार्थक काम नहीं हुए। विधानसभा चुनाव के पहले शहर की आंतरिक सड़कों व पेयजल लाइन के काम जरुर कई क्षेत्रों में हुए।

अब कामों में आएगी तेजी

मेेयर पुष्य मित्र भार्गव ने कहा कि इस साल लोकसभा और विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगी। जो बड़े काम पिछले साल मंजूर हुए। वे अब गति पकडेंगे। जलूद में सोलर प्लांंट का काम भी शुरू हो चुका है। सफाई व्यवस्था ठीक हैै। इस साल सफाई में अष्ठसिद्धि इंदौर को मिलेगी।

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