indore:-इंदौर-के-रेल-प्रोजेक्ट-लेटलतीफी-में-आगे,16-साल-पहले-शुरू-परियोजनाएं-अब-तक-नहीं-पूरी
इंदौर के रेल प्रोजेक्ट अटके। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us 18 हजार करोड़ रुपये की इंदौर-मनमाड़ योजना केंद्र ने मंजूर तो कर दी है, लेकिन इसके पूरा होने में वर्षों लग जाएंगे। इंदौर-दाहोद, रतलाम-इंदौर-अकोला रेल प्रोजेक्ट की आधार शिला वर्ष 2008 में रखी गई थी, लेकिन 16 साल बाद भी इन प्रोजेक्टों में 10-15 प्रतिशत से ज्यादा काम नहीं हो पाया। इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना के फिजिबिलिटी सर्वे, जमीन अधिग्रहण में लंबा समय लगना तय है,क्योकि महाराष्ट्र वाले हिस्से में मनमाड़ से धुले तक 50 किलोमीटर लंबाई का काम ही अभी पूरा नहीं हो पाया है। दरअसल मध्य प्रदेश से जुड़े प्रोेजेक्टों में जमीन अधिगृहण में रेल विभाग को सबसे ज्यादा परेशानी आती हैै। पातालपानी-बलवाड़ा के बीच अभी तक रेल विभाग को वन विभाग से ही जमीन नहीं मिल पाई है, जबकि इस हिस्से में चार से ज्यादा सुरंगों का निर्माण होना हैै। नाराजगी के बाद टीही की सुरंग बनी इंदौर-दाहोद रेल लाइन प्रोजेक्ट का भूमिपूजन वर्ष 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने किया था, लेेकिन लंबे समय तक प्रोजेक्ट काम धीमी गति से चला। पीथमपुर के पास टीही की सुरंग पांच सालों तक नहीं बन पाई। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नेे डेढ़ साल पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर अफसरों के रवैए पर नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद दिल्ली से अफसर आए और सुरंग का काम शुरू हुआ। तीन माह पहले सुरंग के दोनो सिरे खुल गए। अब उससे आगे का काम शुरू होगा। इंदौर-बुधनी रेेल परियोजना की मियाद खत्म इंदौर-बुधनी रेल परियोजना पर पांच साल पहले काम शुरू हुआ था। पांच साल यानि वर्ष 2024 तक प्रोजेक्ट पूरा होना था, लेकिन अभी तक कई जगह जमीन अधिगृहण ही नहीं हो पाया है। कुछ जगहों पर पुल-पुुलिया ही बनेे है।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

इंदौर के रेल प्रोजेक्ट अटके। – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

18 हजार करोड़ रुपये की इंदौर-मनमाड़ योजना केंद्र ने मंजूर तो कर दी है, लेकिन इसके पूरा होने में वर्षों लग जाएंगे। इंदौर-दाहोद, रतलाम-इंदौर-अकोला रेल प्रोजेक्ट की आधार शिला वर्ष 2008 में रखी गई थी, लेकिन 16 साल बाद भी इन प्रोजेक्टों में 10-15 प्रतिशत से ज्यादा काम नहीं हो पाया।

इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना के फिजिबिलिटी सर्वे, जमीन अधिग्रहण में लंबा समय लगना तय है,क्योकि महाराष्ट्र वाले हिस्से में मनमाड़ से धुले तक 50 किलोमीटर लंबाई का काम ही अभी पूरा नहीं हो पाया है। दरअसल मध्य प्रदेश से जुड़े प्रोेजेक्टों में जमीन अधिगृहण में रेल विभाग को सबसे ज्यादा परेशानी आती हैै। पातालपानी-बलवाड़ा के बीच अभी तक रेल विभाग को वन विभाग से ही जमीन नहीं मिल पाई है, जबकि इस हिस्से में चार से ज्यादा सुरंगों का निर्माण होना हैै।

नाराजगी के बाद टीही की सुरंग बनी

इंदौर-दाहोद रेल लाइन प्रोजेक्ट का भूमिपूजन वर्ष 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने किया था, लेेकिन लंबे समय तक प्रोजेक्ट काम धीमी गति से चला।

पीथमपुर के पास टीही की सुरंग पांच सालों तक नहीं बन पाई। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नेे डेढ़ साल पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर अफसरों के रवैए पर नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद दिल्ली से अफसर आए और सुरंग का काम शुरू हुआ। तीन माह पहले सुरंग के दोनो सिरे खुल गए। अब उससे आगे का काम शुरू होगा।

इंदौर-बुधनी रेेल परियोजना की मियाद खत्म

इंदौर-बुधनी रेल परियोजना पर पांच साल पहले काम शुरू हुआ था। पांच साल यानि वर्ष 2024 तक प्रोजेक्ट पूरा होना था, लेकिन अभी तक कई जगह जमीन अधिगृहण ही नहीं हो पाया है। कुछ जगहों पर पुल-पुुलिया ही बनेे है।

Posted in MP