indore:-इंदौर-के-रिंग-रोड-से-20-मिनट-में-होगा-आठ-किलोमीटर-का-सफर,-आठ-में-से-पांच-चौराहों-पर-बन-रहे-ब्रिज
रिंग रोड का खजराना ब्रिज शुरू करने की तैयारी। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us इंदौर की एक सड़क का बड़ा हिस्सा जल्दी ही ट्रैफिक सिग्नल फ्री हो जाएगा। 30 साल पहले बने पूर्वी रिंग रोड की लंबाई 10 किलोमीटर है। इस मार्ग पर आठ बड़े जंक्शन हैं। जिन पर ट्रैफिक सिग्नल हैं। इन आठ में से तीन जंक्शनों पर ब्रिज बन चुके हैं, जबकि दो जंक्शन पर ब्रिज तैयार हो रहे हैं। उनके निर्माण के बाद रिंग रोड का आठ किलोमीटर का हिस्सा ट्रैफिक जंक्शन फ्री हो जाएगा। इसके बाद यह सफर 20 मिनट में पूरा हो जाएगा। अभी यह दूरी तय करने में 25 से 30 मिनट लगते हैं। 30 साल पहले मुंबई-आगरा हाइवे का ट्रैफिक इंदौर के शहरी हिस्से से होकर जाता था। इसके चलते यहां हादसे होने लगे थे। इस मार्ग पर भारी वाहनों की एंट्री बंद कराने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण ने पूर्वी रिंग रोड बनाई। लंबे समय तक उसे शुरू नहीं किया गया तो राजनीतिक दलों ने प्रदर्शन किए। इसके बाद रिंग रोड़ से आवागमन शुरू होने लगा था, लेकिन 30 सालों में रिंग रोड के आसपास बसाहट होने लगी और इस मार्ग पर भी ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया था। तब रिंग रोड पर ब्रिज बनाने की प्लानिंग शुरू हुई। रिंग रोड पर 10 साल पहले पालदा जंक्शन पर पहला ब्रिज लोक निर्माण विभाग ने बनाया था। इसके बाद पिपलियाहाना, बंगाली काॅलोनी चौराहे पर ब्रिज बनने से रिंग रोड पर ट्रैफिक का दबाव कम हुआ। खजराना ब्रिज का एक हिस्से पर जुलाई माह से ट्रैफिक शुरू होगा। उधर मूसाखेड़ी चौराहे पर भी ब्रिज का निर्माण शुरू हो चुका है। उसका निर्माण दो साल में पूरा होगा। सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि इन ब्रिजों के निर्माण के बाद मार्ग का बड़ा हिस्सा ट्रैफिक सिग्नल फ्री हो जाएगा।

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रिंग रोड का खजराना ब्रिज शुरू करने की तैयारी। – फोटो : अमर उजाला

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इंदौर की एक सड़क का बड़ा हिस्सा जल्दी ही ट्रैफिक सिग्नल फ्री हो जाएगा। 30 साल पहले बने पूर्वी रिंग रोड की लंबाई 10 किलोमीटर है। इस मार्ग पर आठ बड़े जंक्शन हैं। जिन पर ट्रैफिक सिग्नल हैं। इन आठ में से तीन जंक्शनों पर ब्रिज बन चुके हैं, जबकि दो जंक्शन पर ब्रिज तैयार हो रहे हैं। उनके निर्माण के बाद रिंग रोड का आठ किलोमीटर का हिस्सा ट्रैफिक जंक्शन फ्री हो जाएगा। इसके बाद यह सफर 20 मिनट में पूरा हो जाएगा। अभी यह दूरी तय करने में 25 से 30 मिनट लगते हैं।

30 साल पहले मुंबई-आगरा हाइवे का ट्रैफिक इंदौर के शहरी हिस्से से होकर जाता था। इसके चलते यहां हादसे होने लगे थे। इस मार्ग पर भारी वाहनों की एंट्री बंद कराने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण ने पूर्वी रिंग रोड बनाई। लंबे समय तक उसे शुरू नहीं किया गया तो राजनीतिक दलों ने प्रदर्शन किए। इसके बाद रिंग रोड़ से आवागमन शुरू होने लगा था, लेकिन 30 सालों में रिंग रोड के आसपास बसाहट होने लगी और इस मार्ग पर भी ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया था। तब रिंग रोड पर ब्रिज बनाने की प्लानिंग शुरू हुई।

रिंग रोड पर 10 साल पहले पालदा जंक्शन पर पहला ब्रिज लोक निर्माण विभाग ने बनाया था। इसके बाद पिपलियाहाना, बंगाली काॅलोनी चौराहे पर ब्रिज बनने से रिंग रोड पर ट्रैफिक का दबाव कम हुआ। खजराना ब्रिज का एक हिस्से पर जुलाई माह से ट्रैफिक शुरू होगा। उधर मूसाखेड़ी चौराहे पर भी ब्रिज का निर्माण शुरू हो चुका है। उसका निर्माण दो साल में पूरा होगा। सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि इन ब्रिजों के निर्माण के बाद मार्ग का बड़ा हिस्सा ट्रैफिक सिग्नल फ्री हो जाएगा।

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