indore:-इंदौर-की-सात-विधानसभा-सीटों-पर-भाजपा-और-कांग्रेस-से-नए-चेहरे-दावेदार
सांकेतिक फोटो - फोटो : SOCIAL MEDIA विस्तार Follow Us पांच माह बाद प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दोनों दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर की 9 में सात विधानसभा सीटों पर नए चेहरे दावेदारी जता रहे हैं। सबसे ज्यादा दावेदार पांच नंबर विधानसभा क्षेत्र में हैं। भाजपा इंदौर जिले के एक-दो मौजूदा विधायकों को दूसरी सीट से चुनाव भी लड़ा दे, तो कोई आश्चर्य की बात नहीं।  गुजरात फार्मूले से कटेंगे टिकट गुजरात फार्मूला अपनाते हुए भाजपा प्रदेश में बड़े पैमाने पर विधायकों के टिकट काट सकती है, जबकि कांग्रेस भी इस बार उम्मीदवारों के चयन केे लिए सर्वे पर जोर दे रही है। इस वजह से दोनों ही दल नए चेहरों पर दांव लगा सकते हैं। इंदौर शहर में बनने वाले राजनीतिक माहौल का असर मालवा निमाड़ की विधानसभा सीटों पर भी पड़ता है, इसलिए यहां भाजपा और कांग्रेस सोच विचार कर टिकट देती है।  उषा ठाकुर की हो सकती है घर वापसी कैलाश विजयवर्गीय के बाद पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर को भाजपा ने सीटें बदल कर चुनाव लड़ाने का प्रयोग किया और दोनो ने ही एक भी चुनाव नहीं हारा। उषा ठाकुर के राजनीतिक करियर की शुरुआत एक नंबर विधानसभा क्षेत्र के संगम नगर वार्ड से बतौर पार्षद हुई थी। बाद में वे इस क्षेेत्र की विधायक भी बनीं। तीन नंबर और महू जाकर उन्होंने चुनाव लड़ा। जीत भी दर्ज कराई। इस बार एक नंबर विधानसभा क्षेत्र से फिर भाजपा उन्हें टिकट देकर कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला को टक्कर दे सकती है। कांग्रेस से भी शुक्ला का टिकट लगभग तय माना जा रहा है। चौकसे को कांग्रेस बना सकती है उम्मीदवार इंदौर का दो नंबर विधानसभा क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता है। दस सालों से पार्षद चिंटू चौकसे इस विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रबल दावेदार रहे हैं, लेकिन उन्हें कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया। इस बार दो नंबर विधानसभा क्षेत्र में चार वार्ड कांग्रेस ने जीते हैं और चौकसे नेता प्रतिपक्ष भी हैं। उन्हें कांग्रेस टिकट दे सकती है। भाजपा से विधायक रमेश मेंदोला का ही दावा फिर मजबूत है। दोनों युवा चेहरे हो सकते है सामने-सामने तीन नंबर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय का दूसरी मर्तबा भी दावा मजबूत है, जबकि कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता रहे महेश जोशी के बेटे पिंटू जोशी को कांग्रेस टिकट दे सकती है। इस स्थिति में युवा चेहरे आमने-सामने हो सकते हैं। हर बार नए चेहरों को यहां मिलता है मौका चार नंबर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस हर साल नए चेहरे को मौका देती है। तीन सालों से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। भाजपा का टिकट तो इस बार भी पूर्व महापौर व विधायक मालिनी गौड के परिवार की झोली में ही माना जा रहा है, लेकिन कांग्रेस से इस बार अक्षय बम की दावेदारी है। सुरजीत सिंह चड्ढा भी फिर टिकट की दौड़ में हैं। सबसे ज्यादा दावेदार पांच नंबर सीट पर पांच नंबर विधनासभा सीट पर दोनों ही दलों से सबसे ज्यादा दावेदार है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार सत्यनारायण पटेल सिर्फ 1700 वोटों के अंतर से चुनाव हारे थे। वर्तमान विधायक महेंद्र हार्डिया भी पांच सालों में ज्यादा सक्रिय नहीं दिखे। कांग्रेस से इस सीट पर सत्यनारायण पटेल, स्वप्निल कोठारी, अमन बजाज दावेदारी कर रहे हैं, जबकि भाजपा से गौरव रणदिवे का नाम सबसे आगे है, हालांकि उन्होंने कभी खुलकर दावेदारी नहीं जताई है। नानूराम कुमावत भी कुछ बड़े आयोजन क्षेत्र में कराकर दावेदारों की लिस्ट में अपना नाम मजबूती से लिखा चुके हैं। सांवेर में गुड्डू की बेटी सक्रिय सांवेर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा फिर मंत्री तुलसी सिलावट को टिकट दे सकती है। उनके सामने कांग्रेस पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू की बेटी रीना बौरासी को मैदान में उतार सकती है। उपचुुनाव में गुड्डू को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वे चुनाव हार गए थे। उसके बाद से ही उन्होंने अपनी बेटी को क्षेत्र में सक्रिय कर दिया। राऊ से दोनों ही दलों से दूसरे किसी नेता की गंभीर दावेदारी नहीं है। देपालपुर में ठाकुर वोट बैंक भी तगड़ा है, इसलिए इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा का नाम अक्सर इस सीट के लिए चर्चा में रहता है, लेकिन उन्होंने  खुलकर दावेदारी नहीं जताई है।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सांकेतिक फोटो – फोटो : SOCIAL MEDIA

विस्तार Follow Us

पांच माह बाद प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दोनों दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर की 9 में सात विधानसभा सीटों पर नए चेहरे दावेदारी जता रहे हैं। सबसे ज्यादा दावेदार पांच नंबर विधानसभा क्षेत्र में हैं। भाजपा इंदौर जिले के एक-दो मौजूदा विधायकों को दूसरी सीट से चुनाव भी लड़ा दे, तो कोई आश्चर्य की बात नहीं। 

गुजरात फार्मूले से कटेंगे टिकट
गुजरात फार्मूला अपनाते हुए भाजपा प्रदेश में बड़े पैमाने पर विधायकों के टिकट काट सकती है, जबकि कांग्रेस भी इस बार उम्मीदवारों के चयन केे लिए सर्वे पर जोर दे रही है। इस वजह से दोनों ही दल नए चेहरों पर दांव लगा सकते हैं। इंदौर शहर में बनने वाले राजनीतिक माहौल का असर मालवा निमाड़ की विधानसभा सीटों पर भी पड़ता है, इसलिए यहां भाजपा और कांग्रेस सोच विचार कर टिकट देती है। 

उषा ठाकुर की हो सकती है घर वापसी
कैलाश विजयवर्गीय के बाद पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर को भाजपा ने सीटें बदल कर चुनाव लड़ाने का प्रयोग किया और दोनो ने ही एक भी चुनाव नहीं हारा। उषा ठाकुर के राजनीतिक करियर की शुरुआत एक नंबर विधानसभा क्षेत्र के संगम नगर वार्ड से बतौर पार्षद हुई थी। बाद में वे इस क्षेेत्र की विधायक भी बनीं। तीन नंबर और महू जाकर उन्होंने चुनाव लड़ा। जीत भी दर्ज कराई। इस बार एक नंबर विधानसभा क्षेत्र से फिर भाजपा उन्हें टिकट देकर कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला को टक्कर दे सकती है। कांग्रेस से भी शुक्ला का टिकट लगभग तय माना जा रहा है।

चौकसे को कांग्रेस बना सकती है उम्मीदवार
इंदौर का दो नंबर विधानसभा क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता है। दस सालों से पार्षद चिंटू चौकसे इस विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रबल दावेदार रहे हैं, लेकिन उन्हें कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया। इस बार दो नंबर विधानसभा क्षेत्र में चार वार्ड कांग्रेस ने जीते हैं और चौकसे नेता प्रतिपक्ष भी हैं। उन्हें कांग्रेस टिकट दे सकती है। भाजपा से विधायक रमेश मेंदोला का ही दावा फिर मजबूत है।

दोनों युवा चेहरे हो सकते है सामने-सामने
तीन नंबर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय का दूसरी मर्तबा भी दावा मजबूत है, जबकि कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता रहे महेश जोशी के बेटे पिंटू जोशी को कांग्रेस टिकट दे सकती है। इस स्थिति में युवा चेहरे आमने-सामने हो सकते हैं।

हर बार नए चेहरों को यहां मिलता है मौका
चार नंबर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस हर साल नए चेहरे को मौका देती है। तीन सालों से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। भाजपा का टिकट तो इस बार भी पूर्व महापौर व विधायक मालिनी गौड के परिवार की झोली में ही माना जा रहा है, लेकिन कांग्रेस से इस बार अक्षय बम की दावेदारी है। सुरजीत सिंह चड्ढा भी फिर टिकट की दौड़ में हैं।

सबसे ज्यादा दावेदार पांच नंबर सीट पर
पांच नंबर विधनासभा सीट पर दोनों ही दलों से सबसे ज्यादा दावेदार है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार सत्यनारायण पटेल सिर्फ 1700 वोटों के अंतर से चुनाव हारे थे। वर्तमान विधायक महेंद्र हार्डिया भी पांच सालों में ज्यादा सक्रिय नहीं दिखे। कांग्रेस से इस सीट पर सत्यनारायण पटेल, स्वप्निल कोठारी, अमन बजाज दावेदारी कर रहे हैं, जबकि भाजपा से गौरव रणदिवे का नाम सबसे आगे है, हालांकि उन्होंने कभी खुलकर दावेदारी नहीं जताई है। नानूराम कुमावत भी कुछ बड़े आयोजन क्षेत्र में कराकर दावेदारों की लिस्ट में अपना नाम मजबूती से लिखा चुके हैं।

सांवेर में गुड्डू की बेटी सक्रिय
सांवेर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा फिर मंत्री तुलसी सिलावट को टिकट दे सकती है। उनके सामने कांग्रेस पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू की बेटी रीना बौरासी को मैदान में उतार सकती है। उपचुुनाव में गुड्डू को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वे चुनाव हार गए थे। उसके बाद से ही उन्होंने अपनी बेटी को क्षेत्र में सक्रिय कर दिया। राऊ से दोनों ही दलों से दूसरे किसी नेता की गंभीर दावेदारी नहीं है। देपालपुर में ठाकुर वोट बैंक भी तगड़ा है, इसलिए इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा का नाम अक्सर इस सीट के लिए चर्चा में रहता है, लेकिन उन्होंने  खुलकर दावेदारी नहीं जताई है।

Posted in MP