इंदौर में खतरनाक निर्माण तोड़े। – फोटो : अमर उजाला
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इंदौर मेें मानसून का सीजन आधा बीत गया है,लेकिन नगर निगम की नींद खतरनाक मकानों को लेकर अब खुली है। सागर में दीवार गिरने से हुई 9 बच्चों की मौत के बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टरों को खतरनाक मकानों की स्थिति पता करने और उन्हें हटाने के निर्देश दिए हैै।
इसके बाद इंदौर नगर निगम के अफसर भी सक्रिय हुए। इंदौर मेें करीब 97 खतरनाक मकान नगर निगम की सूची मेें शामिल है। इसमेंं 40 से ज्यादा अतिखतरनाक मकान है। जिन्हें हटाने के लिए नगर निगम ने नोटिस जारी किए हैै।
मंगलवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने शहर के खतरनाक मकानों की समीक्षाै बैठक मेें की थी।। बुधवार को नगर निगम ने तीन खतरनाक मकान हटाए। जूनी इंदौर क्षेेत्र मेें एक मकान डेढ़ सौ साल पुराना था। जिसे तोड़ा गया।
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सभी जिलों मेें खतरनाक निर्माणों की नए सिरे से सर्वे कर सूची बनाने को कहा गया हैै। इसके अलावा अति खतरनाक मकानों को हटाने के लिए भी कहा गया है।
इंदौर में भी हो चुके है खतरनाक मकानों के कारण हादसे
इंदौर में भी खतरनाक मकान, कुंए गिरने के कारण हादसे हो चुके है। पांच साल एक खतरनाक होटल के गिरने से दस लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा खातीपुरा क्षेत्र में एक खतरनाम मकान के मलबे में दबने से पांच लोगों की मौत हो चुकी है।
इंदौर में ज्यादातर खतरनाक मकानों के प्रकरण कोर्ट में है। इस कारण नगर निगम उन्हें तोड़ नहीं पाता हैै। इंदौर मेें एक कुंए की स्लैब के गिरने से पिछले साल 36 लोगों की मौत हो चुकी है।
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