indore:-अब-धार-की-भोजशाला-पर-जैन-समाज-का-दावा,-खुदाई-में-निकली-थी-मूर्तियां,-कोर्ट-में-लगी-याचिका
धार भोजाशाला - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें धार में एएसआई के सर्वे के बाद हाईकोर्ट में अब जैन समाज ने याचिका लगाई है। एएसआई द्वारा भोजशाला में की गई खुदाई के दौरान जैन तीर्थंकर मूर्तियां भी निकली। इसके बाद जैन समाज ने भोजशााला पर दावा पेश किया है। समाज ने याचिका में कहा है कि धार में जैन गुरुकुल था, जिसे भोजशाला कहा जा रहा है। हाईकोर्ट ने जैन समाज की याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली है। हाईकोर्ट के निर्देश पर डेढ़ माह तक धार की भोजशाला में सर्वे चला। खुदाई कर भोजशाला की पुरानी बनावट, निर्माण शैली और धार्मिक चिन्हों की जानकारी जुटाई गई। इस बीच, जैन समाज ने याचिका लगाई। इसमें कहा गया है कि भोजशाला में जैन धर्म से संबंधित अंबिका देवी और सरस्वती देवी की मूर्ति के अलावा भोजशाला में जैन गुरुकुल होने के प्रमाण मिले हैं। जैन समाज के शिलालेख ब्रिटिश संग्रहालय में सुरक्षित हैं। उधर, हिंदू पक्ष पूर्व में भोजशाला पर अपना अधिकार जता चुका है। समाज ने कहा कि वहां सरस्वती माता का मंदिर था और शिक्षा का एक बड़ा केंद्र था। विश्व जैन संगठन के मीडिया प्रभारी राजेश जैन दादू ने बताया कि हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के वकील दिनेश कुमार जैन समाज की तरफ से पक्ष रखेंगे। हम कोर्ट से आग्रह करेंगे कि सुनवाई में हमारे समाज के दो लोगों को भी शामिल किया जाए। याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होगी। एएसआई दो जुलाई को पेश कर सकता है रिपोर्ट हाईकोर्ट के निर्देश पर धार में 22 मार्च को सर्वे शुरू हुआ था, जो 98 दिन चला। एएसआई दो जुलाई को अपनी सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत कर सकता है। इसके बाद कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी। एएसआई सर्वे के दौरान दोनों पक्षों के प्रतिनिधि भी भोजशाला में मौजूद रहते थे।

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धार भोजाशाला – फोटो : अमर उजाला

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धार में एएसआई के सर्वे के बाद हाईकोर्ट में अब जैन समाज ने याचिका लगाई है। एएसआई द्वारा भोजशाला में की गई खुदाई के दौरान जैन तीर्थंकर मूर्तियां भी निकली। इसके बाद जैन समाज ने भोजशााला पर दावा पेश किया है। समाज ने याचिका में कहा है कि धार में जैन गुरुकुल था, जिसे भोजशाला कहा जा रहा है। हाईकोर्ट ने जैन समाज की याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली है।

हाईकोर्ट के निर्देश पर डेढ़ माह तक धार की भोजशाला में सर्वे चला। खुदाई कर भोजशाला की पुरानी बनावट, निर्माण शैली और धार्मिक चिन्हों की जानकारी जुटाई गई। इस बीच, जैन समाज ने याचिका लगाई। इसमें कहा गया है कि भोजशाला में जैन धर्म से संबंधित अंबिका देवी और सरस्वती देवी की मूर्ति के अलावा भोजशाला में जैन गुरुकुल होने के प्रमाण मिले हैं। जैन समाज के शिलालेख ब्रिटिश संग्रहालय में सुरक्षित हैं।

उधर, हिंदू पक्ष पूर्व में भोजशाला पर अपना अधिकार जता चुका है। समाज ने कहा कि वहां सरस्वती माता का मंदिर था और शिक्षा का एक बड़ा केंद्र था। विश्व जैन संगठन के मीडिया प्रभारी राजेश जैन दादू ने बताया कि हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के वकील दिनेश कुमार जैन समाज की तरफ से पक्ष रखेंगे। हम कोर्ट से आग्रह करेंगे कि सुनवाई में हमारे समाज के दो लोगों को भी शामिल किया जाए। याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होगी।

एएसआई दो जुलाई को पेश कर सकता है रिपोर्ट
हाईकोर्ट के निर्देश पर धार में 22 मार्च को सर्वे शुरू हुआ था, जो 98 दिन चला। एएसआई दो जुलाई को अपनी सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत कर सकता है। इसके बाद कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी। एएसआई सर्वे के दौरान दोनों पक्षों के प्रतिनिधि भी भोजशाला में मौजूद रहते थे।

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