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बिजली लाइन के लिए मे्ट्रो पर अलग से ट्रेक। - फोटो : amar ujala digital विस्तार Follow Us देश के कई शहरों में मेेट्रो का संचालन हो रहा हैै, लेकिन इंदौर में मेट्रो के लिए नई तकनीक अपनाई जा रही है। बिजली से दौड़ने वाली मेट्रो केे तार ट्रेन के उपर नहीं होंगे, बल्कि उसके लिए पटरियों के पास ही ट्रेक बनेंगे। मेट्रो ट्रेन के लिए जो ट्रेक शहर में बन रहे है, इसलिए उनकी चौड़ाई ज्यादा है। इंदौर के अलावा भोपाल में भी मेट्रो के लिए बिजली की लाइन ट्रेन केे उपर नहीं दिखाई देगी। मेेट्रो केे सिविल वर्क के लिए तो चल रही है, साथ में मेट्रो के संचालन के लिए दूसरे काम भी शुरू हो गए है। छह किलोमीटर हिस्से में पटरियां बिछाने का काम लगभग पूरा हो गया हैै। इसके लिए ट्रेक पर क्रांक्रिट किया गया हैै। पटरियों के पास दो अन्य ट्रेक भी बन रहे है। अफसरों के अनुसार दोनों तरफ के ट्रेक से मेट्रो ट्रेन को बिजली की सप्लाई होगी। इस ट्रेक में मेट्रो के गुजरने के बाद बिजली का कटआफ हो जाएगा,जबकि ट्रेन के उपर जो बिजली की लाइन होती है, उसमें लगातार विद्युत प्रवाहित होती है। ट्रेक का काम पुरा होने के बाद बिजली की सप्लाई कर टेस्टिंग का काम एक महीने बाद किया जाएगा। मेट्रो में बिजली सप्लाय के लिए सब स्टेशन भी तैयार किया गया है। मेट्रो के स्टेशन का काम लगभग पूरा गांधी नगर में मेट्रो स्टेशन का काम लगभग पूरा हो चुका है। अगले माह आने वाले कोच को यहां पर रखा जाएगा। स्टेशन से ही मेट्रो का संचालन होगा और रात में ट्रेन यहां पार्क हुआ करेगी। स्टेशन वाले हिस्से में सबसे पहले पटरियां बिछाई गई थी। सरकार ने अगस्त माह में मेट्रो के ट्रायल रन का लक्ष्य रखा है, जो सुपर काॅरिडोर से एमआर-10 तक चलना है। इस हिस्से में रात में भी काम चल रहा है, ताकि तय समय तक मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन हो सके।

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बिजली लाइन के लिए मे्ट्रो पर अलग से ट्रेक। – फोटो : amar ujala digital

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देश के कई शहरों में मेेट्रो का संचालन हो रहा हैै, लेकिन इंदौर में मेट्रो के लिए नई तकनीक अपनाई जा रही है। बिजली से दौड़ने वाली मेट्रो केे तार ट्रेन के उपर नहीं होंगे, बल्कि उसके लिए पटरियों के पास ही ट्रेक बनेंगे।

मेट्रो ट्रेन के लिए जो ट्रेक शहर में बन रहे है, इसलिए उनकी चौड़ाई ज्यादा है। इंदौर के अलावा भोपाल में भी मेट्रो के लिए बिजली की लाइन ट्रेन केे उपर नहीं दिखाई देगी। मेेट्रो केे सिविल वर्क के लिए तो चल रही है, साथ में मेट्रो के संचालन के लिए दूसरे काम भी शुरू हो गए है।

छह किलोमीटर हिस्से में पटरियां बिछाने का काम लगभग पूरा हो गया हैै। इसके लिए ट्रेक पर क्रांक्रिट किया गया हैै। पटरियों के पास दो अन्य ट्रेक भी बन रहे है। अफसरों के अनुसार दोनों तरफ के ट्रेक से मेट्रो ट्रेन को बिजली की सप्लाई होगी। इस ट्रेक में मेट्रो के गुजरने के बाद बिजली का कटआफ हो जाएगा,जबकि ट्रेन के उपर जो बिजली की लाइन होती है, उसमें लगातार विद्युत प्रवाहित होती है। ट्रेक का काम पुरा होने के बाद बिजली की सप्लाई कर टेस्टिंग का काम एक महीने बाद किया जाएगा। मेट्रो में बिजली सप्लाय के लिए सब स्टेशन भी तैयार किया गया है।

मेट्रो के स्टेशन का काम लगभग पूरा

गांधी नगर में मेट्रो स्टेशन का काम लगभग पूरा हो चुका है। अगले माह आने वाले कोच को यहां पर रखा जाएगा। स्टेशन से ही मेट्रो का संचालन होगा और रात में ट्रेन यहां पार्क हुआ करेगी। स्टेशन वाले हिस्से में सबसे पहले पटरियां बिछाई गई थी। सरकार ने अगस्त माह में मेट्रो के ट्रायल रन का लक्ष्य रखा है, जो सुपर काॅरिडोर से एमआर-10 तक चलना है। इस हिस्से में रात में भी काम चल रहा है, ताकि तय समय तक मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन हो सके।

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