indore:इंदौर-मेट्रो:-आधे-से-ज्यादा-काम-होने-के-बाद-फिर-रुट-मेें-बदलाव-बनेगा-देरी-की-वजह
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अभिषेक चेंडके Updated Thu, 20 Jun 2024 09: 17 PM IST जानकारों का कहना है कि बंगाली काॅलोनी से आगे मध्य हिस्से में ब्रिज बन चुके है और वहां अब ट्रैफिक आसान हो चुका है। इस कारण वहां मेट्रो की ज्यादा उपयोगिता नहीं बची। मेट्रो का आधा काम हो चुका है। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us इंदौर में मेट्रो के पहले चरण का काम पूरा होने से पहले बार-बार बदलाव की सुगबुगाहट प्रोजेक्ट की देरी की वजह बन सकती है। मेट्रो को लेकर जनप्रतिनिधियों के साथ पहले भी बैठक हो चुकी है, लेकिन प्रोजेक्ट शुरू होने के तीन साल बीतने के बाद फिर बदलाव के सुर उठे है। इसके बाद नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नए सिरे अंडरग्राउंड हिस्से के फिजिबिलिटि सर्वे के निर्देश दिए है। एक माह में रिपोर्ट आने के बाद बदलाव की संभावना पर विचार किया जा सकता है,हालांकि दो हिस्सों के टैंडर हो चुके है। तीसरे व अंतिम हिस्से के टेंडर भी मंजूर होने की प्रक्रिया में हैै। अब नए सिरे से सर्वे में फिर समय लग सकता है और अंडरग्राउंड हिस्से का काम फिर अटक सकता है। बंगाली काॅलोनी से  मेट्रो अंडरग्राउंड करने की मांग मेट्रो को लेकर हुई बैठक में मेट्रो ट्रेन के भूमिगत हिस्से को बंगाली काॅलोनी चौराहे से ही अंडर ग्राउंड करने की मांग उठी जबकि नाथ मंदिर से एयरपोर्ट तक मेट्रो अंडर ग्राउंड होगी। अंडरग्राउंंड में सबसे ज्यादा लागत आती है, इसलिए इंदौर के प्रोजेक्ट में इसे जहां जरुरत है,वहां उसे लिया गया। बंगाली काॅलोनी से पलासिया चौराहे तक सड़क पर्याप्त चौड़ी है। इसके अलावा कृषि काॅलेज की तरफ से एमवाय अस्पताल होते हुए मेट्रो रीगल चौराहे तक ले जाने के सुझाव पर भी सर्वे होना हैै। जानकारों का कहना है कि बंगाली काॅलोनी से आगे मध्य हिस्से में ब्रिज बन चुके है और वहां अब ट्रैफिक आसान हो चुका है। इस कारण वहां मेट्रो की ज्यादा उपयोगिता नहीं बची। फिर भी नए सुझाव पर सर्वे करना आश्चर्यजनक है। सांसद शंकर लालवानी का इस मामले में कहना है कि समय-समय पर सुझाव लेकर उसे प्रोजेक्ट में जोड़ा गया है। जो नए सुझाव आए है। उसे गंभीरता से सुना गया है। यह है मेट्रो का रुट इंदौर में पहले चरण में मेट्रो का रुट 31 किलोमीटर लंबा है। मेट्रो रुट इंदौर एयरपोर्ट से शुरू होकर सुपर कॉरिडोर, एमआर-10, रोबोट चौराहा, खजराा होते हुए पलासिया, गांधी हॉल, बड़ा गणपति, एयरपोर्ट तक रहेगा। मेट्रो की यह रिंग बनने में पांच साल से ज्यादा का समय लग सकता है। शहर का 30 प्रतिशत हिस्सा ही हो रहा कवर स्ट्रक्चरल इंजीनियर अतुल शेठ का कहना है कि अभी जो मेट्रो का रुट है। उसमें शहर का सिर्फ 30 प्रतिशत हिस्सा ही कवर हो रहा है, जबकि शहर काफी फैल गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि मेट्रो रुट पलासिया के बजाए बंगाली काॅलोनी चौराहा से आगे बढ़ाकर पिपलियाहाना चौराहा, एमवाय अस्पताल, रेलवे स्टेशन, गंगवाल बस स्टेशन होते हुए रीगल चौराहा से गांधी हाॅल, बड़ा गणपति और एयरपोर्ट हो सकता है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अभिषेक चेंडके Updated Thu, 20 Jun 2024 09: 17 PM IST

जानकारों का कहना है कि बंगाली काॅलोनी से आगे मध्य हिस्से में ब्रिज बन चुके है और वहां अब ट्रैफिक आसान हो चुका है। इस कारण वहां मेट्रो की ज्यादा उपयोगिता नहीं बची। मेट्रो का आधा काम हो चुका है। – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

इंदौर में मेट्रो के पहले चरण का काम पूरा होने से पहले बार-बार बदलाव की सुगबुगाहट प्रोजेक्ट की देरी की वजह बन सकती है। मेट्रो को लेकर जनप्रतिनिधियों के साथ पहले भी बैठक हो चुकी है, लेकिन प्रोजेक्ट शुरू होने के तीन साल बीतने के बाद फिर बदलाव के सुर उठे है। इसके बाद नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नए सिरे अंडरग्राउंड हिस्से के फिजिबिलिटि सर्वे के निर्देश दिए है।

एक माह में रिपोर्ट आने के बाद बदलाव की संभावना पर विचार किया जा सकता है,हालांकि दो हिस्सों के टैंडर हो चुके है। तीसरे व अंतिम हिस्से के टेंडर भी मंजूर होने की प्रक्रिया में हैै। अब नए सिरे से सर्वे में फिर समय लग सकता है और अंडरग्राउंड हिस्से का काम फिर अटक सकता है।

बंगाली काॅलोनी से  मेट्रो अंडरग्राउंड करने की मांग

मेट्रो को लेकर हुई बैठक में मेट्रो ट्रेन के भूमिगत हिस्से को बंगाली काॅलोनी चौराहे से ही अंडर ग्राउंड करने की मांग उठी जबकि नाथ मंदिर से एयरपोर्ट तक मेट्रो अंडर ग्राउंड होगी। अंडरग्राउंंड में सबसे ज्यादा लागत आती है, इसलिए इंदौर के प्रोजेक्ट में इसे जहां जरुरत है,वहां उसे लिया गया।

बंगाली काॅलोनी से पलासिया चौराहे तक सड़क पर्याप्त चौड़ी है। इसके अलावा कृषि काॅलेज की तरफ से एमवाय अस्पताल होते हुए मेट्रो रीगल चौराहे तक ले जाने के सुझाव पर भी सर्वे होना हैै। जानकारों का कहना है कि बंगाली काॅलोनी से आगे मध्य हिस्से में ब्रिज बन चुके है और वहां अब ट्रैफिक आसान हो चुका है। इस कारण वहां मेट्रो की ज्यादा उपयोगिता नहीं बची। फिर भी नए सुझाव पर सर्वे करना आश्चर्यजनक है। सांसद शंकर लालवानी का इस मामले में कहना है कि समय-समय पर सुझाव लेकर उसे प्रोजेक्ट में जोड़ा गया है। जो नए सुझाव आए है। उसे गंभीरता से सुना गया है।

यह है मेट्रो का रुट

इंदौर में पहले चरण में मेट्रो का रुट 31 किलोमीटर लंबा है। मेट्रो रुट इंदौर एयरपोर्ट से शुरू होकर सुपर कॉरिडोर, एमआर-10, रोबोट चौराहा, खजराा होते हुए पलासिया, गांधी हॉल, बड़ा गणपति, एयरपोर्ट तक रहेगा। मेट्रो की यह रिंग बनने में पांच साल से ज्यादा का समय लग सकता है।

शहर का 30 प्रतिशत हिस्सा ही हो रहा कवर

स्ट्रक्चरल इंजीनियर अतुल शेठ का कहना है कि अभी जो मेट्रो का रुट है। उसमें शहर का सिर्फ 30 प्रतिशत हिस्सा ही कवर हो रहा है, जबकि शहर काफी फैल गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि मेट्रो रुट पलासिया के बजाए बंगाली काॅलोनी चौराहा से आगे बढ़ाकर पिपलियाहाना चौराहा, एमवाय अस्पताल, रेलवे स्टेशन, गंगवाल बस स्टेशन होते हुए रीगल चौराहा से गांधी हाॅल, बड़ा गणपति और एयरपोर्ट हो सकता है।

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