indore:इंदौर-के-पलासिया-क्षेत्र-में-नगर-निगम-ने-तोड़-दी-दुकान तो-सेवानिवृत्त-बैंककर्मी-ने-कर-ली-आत्महत्या
दुकान तोड़ने के कारण बुर्जुग ने की आत्महत्या। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us इंदौर में एक बुजुर्ग व्यक्ति ने अपनी दुकान टूटने से दुखी होकर आत्महत्या कर ली। वे पलासिया क्षेत्र में घर के पास एक दुकान संचालित करते थे। कुछ रहवासियों ने अवैध दुकान की शिकायत की थी। इसके बाद नगर निगम ने दुकान तोड़ डाली। आत्महत्या करने से पहले 69 वर्षीय अनिल पिता सुरेंद्र यादव ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा। इसमें कुछ रहवासियों और नगर निगम के अफसरों के नाम लिखे हैं। अनिल यादव बैंक में नौकरी करते थे। सेवानिवृत होने के बाद वे घर के बाहर ही मिल्क पार्लर चलाते थे। परिसर में दुकान चलाने पर कुछ रहवासियों ने आपत्ति ली थी और इसकी शिकायत नगर निगम को की थी। मंगलवार को नगर निगम के अफसर आए तो अनिल ने विरोध किया, लेकिन अफसर नहीं माने। उन्होंने दुकान तोड़ दी। इससे वे दुखी हो गए। रिटायर्ड होने के बाद खोली थी दुकान अनिल के बेटे विक्रम ने बताया कि पिता ने बैंक से रिटायर्ड होने के बाद खुद को व्यस्त रखने के लिए मिल्क पार्लर खोला था। इसके लिए शेड लगाया था। पार्लर से वे खुद का खर्च निकाल लेते थे, लेकिन रहवासियों के आपत्ति लेने से वे तनाव में आ गए थे। जब दुकान नगर निगम ने तोड़ दी तो वे बर्दाश्त नहीं कर सके और जहरीली वस्तु खाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।

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दुकान तोड़ने के कारण बुर्जुग ने की आत्महत्या। – फोटो : अमर उजाला

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इंदौर में एक बुजुर्ग व्यक्ति ने अपनी दुकान टूटने से दुखी होकर आत्महत्या कर ली। वे पलासिया क्षेत्र में घर के पास एक दुकान संचालित करते थे। कुछ रहवासियों ने अवैध दुकान की शिकायत की थी। इसके बाद नगर निगम ने दुकान तोड़ डाली। आत्महत्या करने से पहले 69 वर्षीय अनिल पिता सुरेंद्र यादव ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा। इसमें कुछ रहवासियों और नगर निगम के अफसरों के नाम लिखे हैं।

अनिल यादव बैंक में नौकरी करते थे। सेवानिवृत होने के बाद वे घर के बाहर ही मिल्क पार्लर चलाते थे। परिसर में दुकान चलाने पर कुछ रहवासियों ने आपत्ति ली थी और इसकी शिकायत नगर निगम को की थी। मंगलवार को नगर निगम के अफसर आए तो अनिल ने विरोध किया, लेकिन अफसर नहीं माने। उन्होंने दुकान तोड़ दी। इससे वे दुखी हो गए।

रिटायर्ड होने के बाद खोली थी दुकान
अनिल के बेटे विक्रम ने बताया कि पिता ने बैंक से रिटायर्ड होने के बाद खुद को व्यस्त रखने के लिए मिल्क पार्लर खोला था। इसके लिए शेड लगाया था। पार्लर से वे खुद का खर्च निकाल लेते थे, लेकिन रहवासियों के आपत्ति लेने से वे तनाव में आ गए थे। जब दुकान नगर निगम ने तोड़ दी तो वे बर्दाश्त नहीं कर सके और जहरीली वस्तु खाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।

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