Hindenburg Report: अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की दूसरी रिपोर्ट पर देश की राजनीतिक गलियारों में जुबानी जंग जारी है. शॉर्ट सेलर की ताजा रिपोर्ट पर देश में सत्तारूढ़ भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों पर हमलावर हैं, तो कांग्रेस सरकार और सेबी से सवाल पूछ रही है. इन दोनों की जुबानी जंग के बीच अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने सोमवार 12 अगस्त को आरोपों का एक और पुलिंदा खोल दिया है. सोशल मीडिया के प्रमुख मंच एक्स (ट्विटर) पर हिंडनबर्ग ने लिखा है कि रिपोर्ट में आरोप लगाए जाने के बाद सेबी प्रमुख माधवी पूरी बुच और उनके पति ने रविवार को जो बयान दिए हैं, उसमें कई स्वीकारोक्ति शामिल है. यह स्वीकारोक्ति कई सवाल खड़ी कर रही हैं. उसने लिखा है कि सेबी प्रमुख के जवाब से बरमूडा और मॉरीशस फंड में उनके निवेश की पुष्टि होती है. साथ ही, विनोद अदाणी द्वारा कथित रूप से गबन किया गया धन भी इसमें शामिल है.
कांग्रेस और टूलकिट गैंग ने रची साजिश : रविशंकर प्रसाद उधर, हिंडनबर्ग की रिसर्च की ताजा रिपोर्ट पर भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत की जनता से मुंह की खाने के बाद कांग्रेस, उसके सहयोग और टूलकिट गैंग ने मिलकर देश में अराजकता और अस्थरिता लाने की साजिश रची है. उन्होंने कहा कि शनिवार को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होती है और रविवार को हंगामा होता है. इसलिए सोमवार को पूंजी बाजार में अस्थिरता आती है. उन्होंने कहा कि भारत शेयरों के मामले में भी सुरक्षित, स्थिर और आशाजनक बाजार है. बाजार को सुचारू रूप से चलाना सेबी की कानूनी जिम्मेदारी है. जब सेबी ने जुलाई में अपनी पूरी जांच पूरी करने के बाद हिंडनबर्ग के खिलाफ नोटिस जारी किया, तो अपने बचाव के पक्ष में कोई जवाब दिए बिना उन्होंने यह हमला किया, जो बेबुनियाद हमला है. सेबी ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की.
#WATCH | On the recent report of Hindenburg Research, BJP MP Ravi Shankar Prasad says, “…After being rebuffed by the people of India, the Congress party, its allies and the toolkit gang have conspired together to usher in economic anarchy and instability in India? Hindenburg… pic.twitter.com/2BFRRfgbBm
— ANI (@ANI) August 12, 2024 कांग्रेस ने सेबी, पीएम और वित्त मंत्री से मांगा जवाब इससे पहले, कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के ताजा आरोप पर कहा कि सेबी, प्रधानमंत्री और निर्मला सीतारमण हिंडनबर्ग की ओर से उठाए गए तथ्यात्मक और बिंदुवार मुद्दों पर कब जवाब देंगे? हम उस तारीख का इंतजार कर रहे हैं. क्या उन्होंने इस बात पर जवाब दिया कि सेबी अध्यक्ष बनने के बाद भी उन्होंने अपने ईमेल आईडी से पैसे के लिए मेल भेजा था? सेबी अध्यक्ष बनने से पहले क्या उन्होंने विदेशी कंपनियों में अपने निवेश का खुलासा किया था? क्या भारत सरकार को संदेह था कि उनकी कंपनियों ने गौतम अदाणी के भाई विनोद अदाणी की विदेशी कंपनियों में निवेश किया है? अगर उनके पास ऐसी जानकारी थी, तो उन्हें सेबी अध्यक्ष क्यों बनाया गया? अगर उनके पास जानकारी नहीं थी, तो वे सत्ता में रहकर क्या कर रहे हैं? अगर उन्हें यह नहीं पता है, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.
#WATCH | On Hindenburg report and allegations therein, Congress leader Pawan Khera says, “…When will SEBI, PM and Nirmala Sitharaman give a point-wise reply to the factual and point-wise issues raised by Hindenburg? We are waiting for that date…Did she respond on Agora? Did… pic.twitter.com/xxx8G9QhuU
— ANI (@ANI) August 12, 2024 हिंडनबर्ग ने बुच दंपति पर लगाए नए आरोप इस बीच, अमेरिका शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोमवार को सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर नए आरोप लगाए हैं. 10 अगस्त को लगाए गए आरोपों के संबंध में माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच द्वारा दिए गए बयानों के बाद अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने सेबी चेयरपर्सन के लिए नए सवाल उठाए हैं. इसमें आरोप लगाया गया है कि उनके जवाब में कई महत्वपूर्ण स्वीकारोक्ति शामिल हैं और कई नए महत्वपूर्ण सवाल उठाए गए हैं. हिंडनबर्ग ने लिखा है कि सेबी को अदाणी मामले से संबंधित निवेश निधियों की जांच करने का काम सौंपा गया था. इसमें माधवी बुच की ओर से व्यक्तिगत रूप से निवेश किए गए फंड और उसी प्रायोजक द्वारा किए गए फंड शामिल होंगे. इन्हें हमारी मूल रिपोर्ट में विशेष रूप से उजागर किया गया था. उसने आरोप लगाया कि यह स्पष्ट रूप से हितों का एक बड़ा टकराव है.
SEBI Chairperson Madhabi Buch’s response to our report includes several important admissions and raises numerous new critical questions.
(1/x) https://t.co/Usk0V6e90K
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) August 11, 2024 इसे भी पढ़ें: Hindenburg की दूसरी रिपोर्ट से मचा कोहराम! सदमे में बाजार, जानें अब तक की कहानी
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