haryana-election-2024:-बीजेपी-का-निर्देश,-विनेश-और-बजरंग-पर-कोई-बयान-न-दें-बृजभूषण-सिंह
Haryana Election 2024: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया पर जमकर हमला किया और कहा- दोनों खिलाड़ियों को कांग्रेस ने मोहरे की तरह इस्तेमाल किया. इधर बृजभूषण सिंह को खिलाड़ियों पर बयान देने से बीजेपी आलाकमान ने साफ मना कर दिया है. बीजेपी आलाकमान की ओर से सख्त निर्देश दिया गया है कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के खिलाफ कोई भी बयान न दें बृजभूषण सिंह. Haryana Election 2024: विनेश और बजरंग पर क्या बोले थे बृजभूषण भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने शनिवार को कहा था कि कांग्रेस ने डब्ल्यूएफआई पर नियंत्रण और भारतीय जनता पार्टी पर हमले की अपनी साजिश में पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को मोहरे के तौर पर इस्तेमाल किया. ओलंपियन पहलवान फोगाट और पुनिया के कांग्रेस में शामिल होने के एक दिन बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता सिंह ने यहां कहा कि उन्होंने 2012 के डब्ल्यूएफआई चुनाव में कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा को हराया था, इसलिए वे उनसे रंजिश रखते हैं. वे चेहरे थे… वे मोहरे थे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दो प्रमुख चेहरे फोगाट और पुनिया के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा, वे चेहरे थे… वे मोहरे थे. (हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री) भूपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस और कांग्रेस परिवार ने उन्हें मोहरों की तरह इस्तेमाल किया. यह सब भारतीय कुश्ती महासंघ पर नियंत्रण पाने और भाजपा तथा उसकी विचारधारा पर हमला करने के लिए रची गई साजिश थी. राहुल की यह टीम, कांग्रेस इस तरह का काम करती रहती है. हुड्डा के साथ कड़े मुकाबले के बाद 2012 में सिंह को पहली बार डब्ल्यूएफआई का नियंत्रण मिला था. पिछले साल महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने और उन्हें डराने-धमकाने के आरोप में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू होने से पहले तक उनका इस संस्था पर नियंत्रण था. विनेश और बजरंग के अलावा साक्षी मलिक ने भी किया था आंदोलन फोगाट और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पुनिया के साथ-साथ एक अन्य ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने आंदोलन का नेतृत्व किया. परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश के कैसरगंज निर्वाचन क्षेत्र से छह बार लोकसभा सदस्य रहे सिंह को डब्ल्यूएफआई प्रमुख के पद से हटना पड़ा और वह अदालत में आपराधिक आरोपों का भी सामना कर रहे हैं. उनको पद से हटाए जाने के बाद उनके करीबी संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई का प्रमुख चुना गया, लेकिन इस संस्था को अभी तक खेल मंत्रालय से मान्यता नहीं मिली है, जबकि कुश्ती की विश्व नियामक संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने इसका समर्थन किया है. फोगाट और पूनिया ने कहा, लड़ाई जारी रहेगी कांग्रेस का दामन थामने के बाद फोगाट और पूनिया ने कहा कि वे सिंह के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. फोगाट ने बयान दिया था कि किसी भी महिला को वह सब न सहना पड़े, जो उन्हें सहना पड़ा है. कांग्रेस ने फोगाट को हरियाणा विधानसभा की जुलाना सीट से चुनाव मैदान में उतारा है. ससुराल से विनेश ने शुरू किया चुनावी प्रचार, देखें वीडियो

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Haryana Election 2024: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया पर जमकर हमला किया और कहा- दोनों खिलाड़ियों को कांग्रेस ने मोहरे की तरह इस्तेमाल किया. इधर बृजभूषण सिंह को खिलाड़ियों पर बयान देने से बीजेपी आलाकमान ने साफ मना कर दिया है. बीजेपी आलाकमान की ओर से सख्त निर्देश दिया गया है कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के खिलाफ कोई भी बयान न दें बृजभूषण सिंह.

Haryana Election 2024: विनेश और बजरंग पर क्या बोले थे बृजभूषण भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने शनिवार को कहा था कि कांग्रेस ने डब्ल्यूएफआई पर नियंत्रण और भारतीय जनता पार्टी पर हमले की अपनी साजिश में पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को मोहरे के तौर पर इस्तेमाल किया. ओलंपियन पहलवान फोगाट और पुनिया के कांग्रेस में शामिल होने के एक दिन बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता सिंह ने यहां कहा कि उन्होंने 2012 के डब्ल्यूएफआई चुनाव में कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा को हराया था, इसलिए वे उनसे रंजिश रखते हैं.

वे चेहरे थे… वे मोहरे थे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दो प्रमुख चेहरे फोगाट और पुनिया के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा, वे चेहरे थे… वे मोहरे थे. (हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री) भूपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस और कांग्रेस परिवार ने उन्हें मोहरों की तरह इस्तेमाल किया. यह सब भारतीय कुश्ती महासंघ पर नियंत्रण पाने और भाजपा तथा उसकी विचारधारा पर हमला करने के लिए रची गई साजिश थी. राहुल की यह टीम, कांग्रेस इस तरह का काम करती रहती है. हुड्डा के साथ कड़े मुकाबले के बाद 2012 में सिंह को पहली बार डब्ल्यूएफआई का नियंत्रण मिला था. पिछले साल महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने और उन्हें डराने-धमकाने के आरोप में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू होने से पहले तक उनका इस संस्था पर नियंत्रण था.

विनेश और बजरंग के अलावा साक्षी मलिक ने भी किया था आंदोलन फोगाट और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पुनिया के साथ-साथ एक अन्य ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने आंदोलन का नेतृत्व किया. परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश के कैसरगंज निर्वाचन क्षेत्र से छह बार लोकसभा सदस्य रहे सिंह को डब्ल्यूएफआई प्रमुख के पद से हटना पड़ा और वह अदालत में आपराधिक आरोपों का भी सामना कर रहे हैं. उनको पद से हटाए जाने के बाद उनके करीबी संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई का प्रमुख चुना गया, लेकिन इस संस्था को अभी तक खेल मंत्रालय से मान्यता नहीं मिली है, जबकि कुश्ती की विश्व नियामक संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने इसका समर्थन किया है.

फोगाट और पूनिया ने कहा, लड़ाई जारी रहेगी कांग्रेस का दामन थामने के बाद फोगाट और पूनिया ने कहा कि वे सिंह के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. फोगाट ने बयान दिया था कि किसी भी महिला को वह सब न सहना पड़े, जो उन्हें सहना पड़ा है. कांग्रेस ने फोगाट को हरियाणा विधानसभा की जुलाना सीट से चुनाव मैदान में उतारा है.

ससुराल से विनेश ने शुरू किया चुनावी प्रचार, देखें वीडियो