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जीवाजी विश्वविद्यालय के कैंपस में लगी भीषण आग - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें जीवाजी विश्वविद्यालय के कैंपस में भीषण आग लग गई। जिसके बाद दमकल की आधा दर्जन से अधिक गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आगजनी के पीछे डीप फ्रीजर और AC में ब्लास्ट होना माना जा रहा है। वहीं आगजनी में लाखों के नुकसान का आंकलन भी किया जा रहा है।  दरअसल, ग्वालियर के जीवाजी विश्विद्यालय के न्यूरोसाइंस भवन में आग लग गयी। आग की घनी लपटों और आसमान छूते धुंए को कई किलोमीटर दूर से देखा गया। आग बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर न्यूरोसाइंस लैब में लगी थी,उस दौरान सेंकड फ्लोर पर MSC फोर्थ सेमिस्टर की वायवा परीक्षा चल रही थी। आग के धुंए से जब छात्रा छात्राओं को घुटन महसूस होना शुरू हुई तब मालूम हुआ कि नीचे फर्स्ट फ्लोर लैब में भीषण आग लगी है। आनन फानन में कर्मचारियों ने पहले बिल्डिंग के काँचों को हाथों से फोड़ा फिर छात्र छात्राओं को कैंपस से बाहर निकाला गया। मौके पर फायर अमले की टीम भी पहुंची जहां आधा दर्जन से अधिक फायर फाइटिंग गाड़ियों से पानी की बौछार कर उस पर काबू पाया गया।  यूनिवर्सिटी के रजिस्टर अरुण चौहान का कहना है कि फिलहाल आग पीछे वास्तविक कारण नहीं बताया जा सकता है, लेकिन लैब होने के चलते आग में विकराल रूप लिया। वहीं कांच तोड़कर छात्राओं की जान बचाने वाले यूनिवर्सिटी के कर्मचारी निरंजन का कहना है कि सबसे पहली प्राथमिकता छात्र छात्राओं को बचाने की थी, इसलिए हाथों से खिड़कियों के कांच तोड़े ताकि किसी भी प्रकार से छात्र-छात्राओं को दम घुटने की परेशानी ना हो, वहीं फायर ब्रिगेड के नोडल अधिकारी डॉ अतिबल सिंह यादव ने आग लगने के पीछे लैब के AC और डीप फ्रीजर में ब्लास्ट होना माना है।

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जीवाजी विश्वविद्यालय के कैंपस में लगी भीषण आग – फोटो : अमर उजाला

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जीवाजी विश्वविद्यालय के कैंपस में भीषण आग लग गई। जिसके बाद दमकल की आधा दर्जन से अधिक गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आगजनी के पीछे डीप फ्रीजर और AC में ब्लास्ट होना माना जा रहा है। वहीं आगजनी में लाखों के नुकसान का आंकलन भी किया जा रहा है। 

दरअसल, ग्वालियर के जीवाजी विश्विद्यालय के न्यूरोसाइंस भवन में आग लग गयी। आग की घनी लपटों और आसमान छूते धुंए को कई किलोमीटर दूर से देखा गया। आग बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर न्यूरोसाइंस लैब में लगी थी,उस दौरान सेंकड फ्लोर पर MSC फोर्थ सेमिस्टर की वायवा परीक्षा चल रही थी। आग के धुंए से जब छात्रा छात्राओं को घुटन महसूस होना शुरू हुई तब मालूम हुआ कि नीचे फर्स्ट फ्लोर लैब में भीषण आग लगी है। आनन फानन में कर्मचारियों ने पहले बिल्डिंग के काँचों को हाथों से फोड़ा फिर छात्र छात्राओं को कैंपस से बाहर निकाला गया। मौके पर फायर अमले की टीम भी पहुंची जहां आधा दर्जन से अधिक फायर फाइटिंग गाड़ियों से पानी की बौछार कर उस पर काबू पाया गया। 

यूनिवर्सिटी के रजिस्टर अरुण चौहान का कहना है कि फिलहाल आग पीछे वास्तविक कारण नहीं बताया जा सकता है, लेकिन लैब होने के चलते आग में विकराल रूप लिया। वहीं कांच तोड़कर छात्राओं की जान बचाने वाले यूनिवर्सिटी के कर्मचारी निरंजन का कहना है कि सबसे पहली प्राथमिकता छात्र छात्राओं को बचाने की थी, इसलिए हाथों से खिड़कियों के कांच तोड़े ताकि किसी भी प्रकार से छात्र-छात्राओं को दम घुटने की परेशानी ना हो, वहीं फायर ब्रिगेड के नोडल अधिकारी डॉ अतिबल सिंह यादव ने आग लगने के पीछे लैब के AC और डीप फ्रीजर में ब्लास्ट होना माना है।

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