gwalior:-वन-विभाग-की-जमीन-पर-थाना-प्रभारी-की-पत्नी-ने-बनाया-रेस्टोरेंट,-जमीन-खाली-कराने-सात-दिन-का-दिया-नोटिस
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, ग्वालियर Published by: अरविंद कुमार Updated Tue, 02 Jul 2024 06: 13 PM IST वन विभाग की जमीन पर थाना प्रभारी की पत्नी ने रेस्टोरेंट बनवा दिया। वहीं, अब जमीन खाली कराने के लिए सात दिन का नोटिस दिया गया है। वन विभाग की जमीन पर बना रेस्टोरेंट - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us ग्वालियर में वन विभाग की जमीन पर तत्कालीन थाना प्रभारी की पत्नी के द्वारा रेस्टोरेंट बनाने का मामला सामने आया है। इसकी जानकारी जब वन विभाग को पता लगी तो विभाग की टीम मौके पर पहुंची और यहां मधुबन रेस्टोरेंट नमक होटल पर बेदखली का आदेश चस्पा कर दिया है और सात दिन के अंदर होटल को खाली करने का आदेश दिया गया है। सबसे खास बात यह है कि होटल इंदौर में पदस्थ टीआई विनय शर्मा की पत्नी प्रियंका शर्मा के द्वारा बनाया गया है। वहीं, TI की पत्नी ने जिला कोर्ट में तत्काल सुनवाई का आवेदन भी लगाया था, जो खारिज हो गया है। अब स्टे दिए जाने की मांग के लिए आवेदन लगाया है। बता दें कि इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता संकेत साहू ने शिकायत की थी कि घाटीगांव तहसील के गांव दोरार के सर्वे नंबर 1221 पर प्रियंका शर्मा पत्नी विनय शर्मा ने मुन्ना गुप्ता से रजिस्टर्ड विक्रय पत्र से नौ फरवरी 2019 को खरीद ली थी। उसके बाद प्रियंका शर्मा ने सीमांकन के लिए नायब तहसीलदार घाटीगांव को आवेदन दिया था। तहसीलदार के साथ मिलकर उसके बाद तहसीलदार से मिलकर सीमांकन कर लिया था। जबकि यह भूमि वन विभाग की निकली सीमांकन करने के बाद तत्कालीन तहसीलदार घाटीगांव के साथ मिलकर नामांतरण और डायवर्सन भी कर लिया। उसके बाद प्रियंका शर्मा ने खसरे में अपना नाम चढ़ाया और उसके बाद भूमि पर मधुबन रेस्टोरेंट बनाने के लिए चारों तरफ लोहे की तार फेंसिंग लगवा दी। जबकि सर्वे नंबर 1221 की भूमि 1969 में नोटिफिकेशन के द्वारा भूमि संरक्षित वन भूमि घोषित की गई थी। उसके बाद 2019 को वन भूमि पर कब्जा करने को लेकर प्रियंका शर्मा पर मामला भी दर्ज किया गया। इसके बाद प्रियंका शर्मा ने हाईकोर्ट में यह याचिका लगाई, जो खारिज कर दी गई। फिर जिला कोर्ट में दावा किया, जिसमें शासन की ओर से तीन महीने से ज्यादा समय होने पर पक्ष पेश किया गया तो स्टे मिल गया। इसके बाद कोर्ट ने तथ्यों के आधार पर प्रियंका शर्मा का दावा खारिज कर जमीन को वन भूमि ही माना गया। वहीं, इस मामले को लेकर डीएफओ अंकित पांडे का कहना है कि सात दिन का समय खाली करने के लिए दिया गया है, उसके बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, ग्वालियर Published by: अरविंद कुमार Updated Tue, 02 Jul 2024 06: 13 PM IST

वन विभाग की जमीन पर थाना प्रभारी की पत्नी ने रेस्टोरेंट बनवा दिया। वहीं, अब जमीन खाली कराने के लिए सात दिन का नोटिस दिया गया है। वन विभाग की जमीन पर बना रेस्टोरेंट – फोटो : अमर उजाला

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ग्वालियर में वन विभाग की जमीन पर तत्कालीन थाना प्रभारी की पत्नी के द्वारा रेस्टोरेंट बनाने का मामला सामने आया है। इसकी जानकारी जब वन विभाग को पता लगी तो विभाग की टीम मौके पर पहुंची और यहां मधुबन रेस्टोरेंट नमक होटल पर बेदखली का आदेश चस्पा कर दिया है और सात दिन के अंदर होटल को खाली करने का आदेश दिया गया है। सबसे खास बात यह है कि होटल इंदौर में पदस्थ टीआई विनय शर्मा की पत्नी प्रियंका शर्मा के द्वारा बनाया गया है। वहीं, TI की पत्नी ने जिला कोर्ट में तत्काल सुनवाई का आवेदन भी लगाया था, जो खारिज हो गया है। अब स्टे दिए जाने की मांग के लिए आवेदन लगाया है।

बता दें कि इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता संकेत साहू ने शिकायत की थी कि घाटीगांव तहसील के गांव दोरार के सर्वे नंबर 1221 पर प्रियंका शर्मा पत्नी विनय शर्मा ने मुन्ना गुप्ता से रजिस्टर्ड विक्रय पत्र से नौ फरवरी 2019 को खरीद ली थी। उसके बाद प्रियंका शर्मा ने सीमांकन के लिए नायब तहसीलदार घाटीगांव को आवेदन दिया था। तहसीलदार के साथ मिलकर उसके बाद तहसीलदार से मिलकर सीमांकन कर लिया था। जबकि यह भूमि वन विभाग की निकली सीमांकन करने के बाद तत्कालीन तहसीलदार घाटीगांव के साथ मिलकर नामांतरण और डायवर्सन भी कर लिया। उसके बाद प्रियंका शर्मा ने खसरे में अपना नाम चढ़ाया और उसके बाद भूमि पर मधुबन रेस्टोरेंट बनाने के लिए चारों तरफ लोहे की तार फेंसिंग लगवा दी। जबकि सर्वे नंबर 1221 की भूमि 1969 में नोटिफिकेशन के द्वारा भूमि संरक्षित वन भूमि घोषित की गई थी।

उसके बाद 2019 को वन भूमि पर कब्जा करने को लेकर प्रियंका शर्मा पर मामला भी दर्ज किया गया। इसके बाद प्रियंका शर्मा ने हाईकोर्ट में यह याचिका लगाई, जो खारिज कर दी गई। फिर जिला कोर्ट में दावा किया, जिसमें शासन की ओर से तीन महीने से ज्यादा समय होने पर पक्ष पेश किया गया तो स्टे मिल गया। इसके बाद कोर्ट ने तथ्यों के आधार पर प्रियंका शर्मा का दावा खारिज कर जमीन को वन भूमि ही माना गया। वहीं, इस मामले को लेकर डीएफओ अंकित पांडे का कहना है कि सात दिन का समय खाली करने के लिए दिया गया है, उसके बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।

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