न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ग्वालियर Published by: दिनेश शर्मा Updated Mon, 22 Jul 2024 03: 43 PM IST
अचलेश्वर महादेव के प्रति लोगों की काफी गहरी श्रद्धा है। सावन के पहले सोमवार पर लोग सुबह से ही भगवान अचलेश्वर के दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। साथ ही भगवान अचलेश्वर महादेव पर कई बड़ी राजनीतिक हस्तियां भी दर्शन करने के लिए आती हैं। ग्वालियर में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर – फोटो : अमर उजाला
विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें
आज सावन का पहला सोमवार है और इस मौके पर हम ग्वालियर के भगवान शिव के ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां इस मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग को हटाने के लिए बड़े से बड़े राजा महाराजा लगे रहे, पर इस शिवलिंग को हिला नहीं सके। उन्होंने कई हाथियों से इस शिवलिंग को हटाने का प्रयास किया, लेकिन हाथियों का बल भी बेकार हो गया। इसे खोदकर निकालने की कोशिश की गई, तो खोदते-खोदते पानी तो निकल आया, लेकिन शिवलिंग का कोई छोर नहीं मिला। लगभग 750 साल से ग्वालियर बीच चौराहे पर आज भी विराजमान हैं भगवान भोलेनाथ का चमत्कारी शिवलिंग, जिन्हें लोग बाबा अचलेश्वर महादेव के नाम से पुकारते हैं।
Trending Videos
अचलेश्वर महादेव के प्रति लोगों की काफी गहरी श्रद्धा है। सावन के पहले सोमवार पर लोग सुबह से ही भगवान अचलेश्वर के दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। साथ ही भगवान अचलेश्वर महादेव पर कई बड़ी राजनीतिक हस्तियां भी दर्शन करने के लिए आती हैं। पूरे उत्तर भारत में मान्यता है कि भगवान अचलनाथ के दरबार में जो भी मत्था टेकने पहुंचता है, अचलनाथ उसको इच्छापूर्ति का वरदान देते हैं। मान्यता है कि बाबा अचलनाथ का वरदान भी उनकी प्रतिमा की तरह चल रहता है। यानी भक्तों की हर मुराद पूरी होती है।
अचलेश्वर महादेव के पुजारी ने बताया कि लगभग 750 साल पहले जिस स्थान पर आज मंदिर है, वहां एक पीपल का पेड़ हुआ करता था। यह पेड़ सड़क के बीचों-बीच होने के कारण लोगों की आवागमन में परेशानी उत्पन्न होती थी। सबसे ज्यादा परेशानी सिंधिया परिवार को उस समय उठानी पड़ती थी। जब उन्हें विजयदशमी के अवसर पर सिंधिया परिवार की शाही सवारी निकलती थी और यह मार्ग रास्ते में आता था। उस पेड़ को हटाने के लिए शासकों ने आदेश दिए, पेड़ हटते ही वहां एक स्वयंभू शिवलिंग प्रकट हो गई। उनको हटाने के लिए काफी मेहनत की पर वहां से नहीं हटी। इस शिवलिंग की अगल-बगल काफी गहरी खुदाई की गई, लेकिन कोई भी व्यक्ति शिवलिंग को नहीं हिला सका। बाद में सिंधिया परिवार ने शिवलिंग को हटाने के लिए हाथी भी भेजे, हाथी में जंजीर बांधकर जब पिंडी खींची हुई तो जंजीर टूट गई। उसके बाद भगवान ने तत्कालीन राजा को सपने में कहा कि अगर मूर्ति खंडित हो गई तो तुम्हारा सर्वनाश हो जाएगा। इसके बाद राजा ने पूजा अर्चना कराई और पिंडी की प्रतिष्ठा कराई थी।
अचलेश्वर महादेव मंदिर पर सावन के पर्व पर यहां लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं। सावन के पर्व पर यहां सुरक्षा व्यवस्था की भी पूरे इंतजाम होते हैं। पुलिस के साथ-साथ सीसीटीवी से भी यहां निगरानी की जाती है। वहीं आज सोमवार को शहर के हजारों श्रद्धालु भगवान का अचलेश्वर के यहां आते हैं।
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
Comments