33 एमओयू हुए – फोटो : अमर उजाला
विस्तार इंदौर में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में दुनिया भर की शीर्ष कंपनियों ने रुचि दिखाई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ 2 दिन तक चली वन टू वन चर्चा में अधिकतर उद्योगपतियों ने इंदौर के आसपास अपना काम शुरू करने में रुचि दिखाई है। मध्यप्रदेश के अन्य क्षेत्रों की तुलना में इंदौर में हो रहे डेवलपमेंट और स्वच्छता जैसी मुख्य बातों ने सभी का ध्यान आकर्षण किया है। दो दिन चले निवेश सम्मेलन में एमपीआईडीसी ने सफलता पूर्वक 23 व्यापार संगठनों के साथ 36 एमओयू करार हस्ताक्षरित किए हैं। यह संगठन 215 से अधिक देशों में 15 निवेश और सहयोग के क्षेत्रों में कार्यरत हैं। इनमें दुनिया की शीर्ष कंपनियों के साथ औद्योगिक संगठन भी शामिल हैं।
इन वजहों से इंदौर प्राथमिकता पर
1. स्वच्छता
2. रोड
3. इंफ्रास्ट्रक्चर
4. कम अपराध
5. स्वास्थ्य सुविधाएं
6. खानपान
7. इंटरनेशनल ब्रांड्स की मौजूदगी
8. एयरपोर्ट, रेलवे, बस परिवहन
9. मौसम
10. सस्ता और अच्छा रहन सहन
सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर : प्रेरित करने की आवश्यकता
केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम करने की बहुत संभावनाएं हैं। निवेशकों से कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता आदि में बहुत संभावनाएं हैं। सामाजिक-आर्थिक विकास में आगे बढ़ने के लिए लोगों को जागरूक करने की, प्रेरित करने की आवश्यकता है। क्षेत्र को चिन्हित कर कार्य योजना बनाकर कार्य करें।
ऐक्सेस मध्यप्रदेश-कम्प्लीट बिज़नेस सॉलूशन्स : 12 हजार से अधिक योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट
मुख्य सचिव वित्त विभाग अजीत केसरी ने उद्योगों के संदर्भ में मध्यप्रदेश की भौतिक सुविधाओं की जानकारी प्रकाश डालते हुए बताया कि आगामी वर्ष में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 48 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर से संबंधी विषयों के अनुपालन को पूरी तरह से डिजिटल बनाया गया है, जिससे निवेशकों की व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता न्यूनतम है। अध्यक्ष ICAI देबाशीष मित्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में विकास का स्वर्णिम भविष्य है। यहां 12 हजार से अधिक योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, जो टैक्स कंप्लायंस को सहज बनाने में मध्यप्रदेश सरकार के साथ हैं।
एरोस्पेस एण्ड डिफेंस : लायसेंस की प्रक्रिया सरल हो
सेना का काम युद्ध लड़ना है, देश की रक्षा करना है। सेना के लिए जरूरी उपकरण आप बनाएं। एयर वाइस मार्शल राजीव रंजन ने यह बात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सत्र “एरोस्पेश एण्ड डिफेंस” में कही। रंजन ने कहा कि काम के लिए पैसे की कमी नहीं है। रक्षा बजट का लगभग 68 प्रतिशत स्थानीय निर्माण के लिए है। निजी निवेशकों के लिए रक्षा क्षेत्र से संबंधित उपकरण बनाने के लिए विण्डो खुली हुई है। ज्वाइंट प्रेसीडेंट एण्ड हेड लैण्ड सिस्टमस् डिफेंस एण्ड एरोस्पेस अडानी ग्रुप अशोक वाधवान ने कहा कि हमने सर्वप्रथम मध्यप्रदेश में मालनपुर से रक्षा उपकरणों के निर्माण का कार्य शुरू किया था। हम यहां पर पिस्टल और मशीनगन सहित अन्य उपकरण बनाते हैं। शीघ्र ही हम इसका विस्तार करेंगे। उन्होंने कहा कि लायसेंस की प्रक्रिया सरल हो। चेयरमेन एण्ड एम.डी. इंडियन रेयर अर्थ लिमिटेड दीपेन्द्र सिंह ने कहा कि जल्द ही भोपाल में रेयर अर्थ लिमिटेड का ऑफिस खुलेगा। इससे मध्यप्रदेश के निवेशकों को माइंस और मिनिरल्स के क्षेत्र में निवेश करने के लिए जरूरी सलाह और सुविधाएं समय पर मिल सकेंगी।
एमपी स्टार्ट अप इकोसिस्टम : इंदौर में भी स्टार्टअप सेंटर खोला जाएगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन 2047 को पूरा करने के लिए स्टार्टअप नींव का काम करेगा। यह भारत में सबसे तेजी से बढ़ता हुआ इको सिस्टम है। यह बात सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में “एमपी स्टार्ट अप इकोसिस्टम” सेशन में कहीं। मंत्री सखलेचा ने कहा कि मध्यप्रदेश में स्टार्टअप नीति एवं क्रियान्वयन योजना 2022 से स्टार्टअप को बढ़ने और विकसित होने का आधार मिला है। भोपाल में स्टार्टअप को सहयोग देने के लिए स्टार्टअप सेंटर की स्थापना की गई है। जल्दी ही इंदौर में भी स्टार्टअप सेंटर खोला जाएगा। स्टार्टअप को अनुदान देने के साथ-साथ उन्हें फंड की व्यवस्था भी कराई जाती है। उद्योग आयुक्त एवं सचिव एमएसएमई पी. नरहरि ने मध्यप्रदेश के स्टार्टअप इकोसिस्टम की विशेषताएं बताते हुए कहा कि प्रदेश में 2 हजार 597 डीबीआईटी से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप है जिसमें से 1 हजार 143 स्टार्टअप महिलाओं के हैं। प्रदेश में कृषि, फूड और प्रोडक्ट बेस स्टार्टअप की संभावनाएं अधिक है। प्रदेश में स्कूली विद्यार्थियों को भी कौशल प्रशिक्षण और स्टार्टअप के बारे में जानकारी दी जाती है। प्रदेश का स्टार्टअप पोर्टल भारत सरकार के पोर्टल से इंटीग्रेट है। जहां से स्टार्टअप से संबंधित जानकारी, प्रशिक्षण, अनुदान और नीति संबंधी जानकारी युवा उद्यमियों को मिलती है।
मध्य प्रदेश में भूमि अधिग्रहण भी ऑनलाइन
भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग सचिव अनुराग जैन ने कहा कि मध्यप्रदेश में दवा, मेडिकल डिवाइस, टेक्सटाइल और आईटी के क्षेत्र में अगली पीढ़ी के हिसाब से अधोसंरचना विकसित की गई है। उन्होंने विक्रमपुरी उद्योग क्षेत्र में विकसित अधोसंरचना का उल्लेख करते हुए कहा कि कुशल श्रम के साथ बेहतर नेटवर्क भी यहां उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि अब डीपीआर 6 के स्थान पर 2 माह, भूमि अधिग्रहण भी ऑनलाइन हुआ है। वाणिज्य और उद्योग सचिव ने कहा कि मध्यप्रदेश सहित 19 राज्यों के साथ भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए सिंगल विडो सिस्टम का उल्लेख करते हुए कहा कि सभी संबंधित विभाग इस ऑनलाइन सिस्टम से जुड़े है और 20 से 25 जानकारियों के बाद उद्योगों को अनुमति मिल जाती है।
आयुर्वेदिक क्षेत्र में ईकोनॉमिक ग्रोथ की प्रबल संभावना
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2025 तक पांच ट्रिलियन डालर तक ले जाने में मध्य प्रदेश 550 बिलियन डालर का योगदान देने के लिए जरूरी तैयारियों में जुटा है। मध्य प्रदेश स्टेट पालिसी एंड प्लानिंग कमीशन के सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि मध्यप्रदेश में बायो ईकोनॉमी का बहुत स्कोप है और इसका रोड-मेप बनाया गया है। केन्दीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि मध्यप्रदेश में वन क्षेत्र अधिक है। इसमें आयुर्वेदिक क्षेत्र में ईकोनॉमिक ग्रोथ की प्रबल संभावना है।
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