global-investors-summit-2023:-मध्यप्रदेश-इंवेस्टमेंट-के-लिए-कितना-बेहतर,-जानिए-क्या-बोले-उद्योगपति
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Tue, 20 Dec 2022 05: 36 PM IST मध्यप्रदेश में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (GIS) 2023 आयोजित होना है। इंदौर में 11 और 12 जनवरी को होने वाली समिट की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद मैराथन बैठकें ले रहे हैं। उद्योगपतियों से बात करने के साथ ही समिट की तैयारियों की समीक्षा भी कर रहे हैं। समिट में अलग-अलग देशों और विभिन्न उद्योगों के दो हजार से ज्यादा प्रतिनिधि भाग लेंगे। सीएम उद्योगपतियों को बता रहे हैं कि प्रदेश में बिजली, सड़क और पानी सहित उद्योगों के लिए सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस बीच अमर उजाला की टीम ने भोपाल के पास मण्डीदीप औद्योगिक क्षेत्र के बढ़े उद्योगों के कामकाज को देखने के साथ ही उनके उद्योगपतियों से बातचीत की। मध्यप्रदेश इवेंस्टमेंट के लिहाज से कितना बेहतर है। इसको लेकर उद्योगपति बोले, साल 1983 में मंडीदीप में 49 औद्योगिक इकाइयां थी। यहां करीब 650 औद्योगिक प्लांट हैं। इन पर 450 फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं।   मंडीदीप स्थित ल्यूपिन कंपनी की स्थापना 2 अक्टूबर 1987-88 में हुई। फार्मा और मेडिकल सेक्टर की दवाईयों का उत्पादन  कर रही है और विदेशों  में बड़ी मात्रा में अपनी एंटीबायोटिक दवाइयां निर्यात कर रही है। इसके माध्यम से प्रदेश में फार्मा और मेडिकल सेक्टर में रोजगार के नए अवसर बने हैं। भारत अपने फॉर्मा सेक्टर में कच्चे माल के रूप में उपयोग में आने वाले एक्टिव फार्मास्यूटिकल इन्ग्रीडियेंट (एपीआई) का बड़ा हिस्सा चीन से आयात करता है। इसलिए अब  कंपनी आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एपीआई के घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने  की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ी है। कंपनी के सीनियर जनरल मैनेजर साइट हैड थॉमस मैथ्यू ने बताया कि यहां लेबर को लेकर कोई दिक्कत नहीं है। पानी की पर्याप्त उपलब्धता है। इंफ्रास्ट्रक्चर अब बेहतर हो गया है। पहले कम सड़कों के गड्ढों और कम चौड़ाई के कारण आवागमन में दिक्कत होती थी। अब हाइवे निर्माण से ट्रेवलिंग का समय भी बहुत कम हो गया है। पहले पेपर वर्क बहुत ज्यादा था, अब सिंगल विंडों के कारण स्थिति बहुत बेहतर हो गई है।     अमेरिकी कंपनी प्रॉक्टर एंड गैंबल (पीएंडजी) कंपनी मंडीदीप में रोजमर्रा के उपयोग के वस्तुएं बनाने के काम कर रही है। कंपनी के उत्पादों में एरियल, टाइड, जिलेट, ओरल बी जैसे उत्पाद शामिल हैं। घर में साफ-सफाई रखने से लेकर पर्सनल केयर तक के प्रोडक्ट्स का निर्माण भी यहां के विभिन्न संयंत्रों में किया जा रहा है। यहां प्लास्टिक पैकेजिंग कचरे को एकत्रित कर उसका प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण किया जाता है। कंपनी की यहां पर सौर संयंत्र स्थापित करने की भी योजना है। कंपनी के पदाधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में कुछ दिक्कत आई, लेकिन बाद में सब आसान हो गया। पहले सड़कों की बदहाली के कारण ट्रांसपोर्टर भी आने से मना कर देते थे। अब यह समस्या पूरी तरह खत्म हो गई है। सरकारी जरूरी अनुमतियों की आसान प्रक्रिया से पहले की तुलना में समय भी कम लगता है।     वर्धमान टेक्सटाइल्स लिमिटेड टेक्सटाइल क्षेत्र में सत्तर के दशक से भारत में काम कर रही है। मध्यप्रदेश में 1991 में इसका प्लांट मंडीदीप में स्थापित किया गया। 180 एकड़ और 50 एकड़ में यहां पर इसके दो प्लांट काम कर रहे हैं, जिनके माध्यम से 15 हजार से अधिक लोगों को सीधा रोजगार मिल रहा है, जिसमें से  4500 महिलायें भी शामिल हैं। प्रदेश के हर कोने से यहां के प्लांट में स्थानीय युवक और युवतियों को सीधा रोजगार मिला है। वधर्मान टेक्सटाइल्स के चेयरमैन एसपी ओसवाल ने कहा कि मध्य प्रदेश में वर्धमान यूनिट की स्थापना के समय हम निश्चित नहीं थे कि यूनिट का विस्तार कर पाएंगे। लेकिन मध्य प्रदेश की मेन पॉवर की स्कील, व्यवहार और सरकार की नीतियों ने इंडस्ट्री को बहुत मदद की। हमें किसी प्रकार की अनुमति, परमिशन लेने में कोई कठिनाई नहीं हुई। सरकार के जमीन अधीग्रहण के निर्णय और डेवलपमेंट के निर्णय ने प्रदेश को उद्योगों के अनुकूल वातावरण दिया है। बुधनी में सरकार ने हमें बहुत कम नोटिस पर जमीन उपलब्ध कराई। मध्य प्रदेश के देश के सेंट्रल में होने से गुड्स के आवागमन बहुत आसान है। पर्याप्त मैन पावर और बिजली की उपलब्धता के साथ बहुत सस्था है। वर्ष 2000 के बाद बिजली की उपलब्धता के चलते हमने अपने जनरेट को स्क्रैप कर दिया है। क्योंकि उनका रखरखव हमें महंगा पढ़ रहा था। प्रदेश की इंडस्ट्रीयल पॉलिसी बहुत ही फ्रेंडली है। मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से दी जा रही सेवाएं की समय पर और बिना बाधा के उपलब्ध हो रही है। मेरा प्रदेश सरकार के साथ अनुभव बहुत ही शानदार रहा हैं।  70  के दशक में मध्यप्रदेश मंडीदीप में औद्योगीकरण का दीया जलाने वाला पहला उद्योग एचईजी था। स्टील प्लांट्स के लिए दुनिया में सबसे ज्यादा ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड बनाने वाली एचईजी के ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड की मांग आज दुनिया भर में है। ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड उन इस्पात उत्पादकों के लिए एक कच्चा माल है, जो पारंपरिक ब्लास्ट फर्नेंस प्रक्रिया के बजाय इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेंस रूट (ईएएफ) का इस्तेमाल करते हैं। मंडीदीप प्लांट से अमरीका, यूरोप और अफ्रीकी देशों को इसकी सप्लाई की जा रही है। मंडीदीप, मध्यप्रदेश में एचईजी के पास 76.5 मेगावाट (दो थर्मल पावर प्लांट और एक हाइड्रोपावर प्लांट) की क्षमता वाले ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड के उत्पादन का कारखाना है। एचईजी लिमिटेड मंडीदीप के सीएमडी रवि झुनझुनवाला का कहना है कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में काम करने का बेहतरीन माहौल है। सरकार की औद्योगिक नीति निवेशकों को आकर्षित कर रही है और मध्यप्रदेश निवेशकों के लिए उपयुक्त राज्य है। उनकी कंपनी की इकाई ग्रेफाईट एनोड के विनिर्माण के लिए प्रदेश में 2000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। देवास जिले के ग्राम सिरसौदा में निवेश किया जाएगा, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 20 हजार मीट्रिक टन होगी। एक जनवरी 2025 तक प्रथम चरण का उत्पादन शुरू होगा और एक जनवरी 2028 तक परियोजना को पूरा कर लिया जाएगा। प्रथम चरण में कंपनी द्वारा ग्रेफाइट विनिर्माण के लिए औद्यागिक क्षेत्र मंडीदीप स्थित इकाई परिसर में 1200 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश से किए जा रहे विस्तारीकरण के बाद यह इकाई ग्रेफाइट उत्पादन के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी कंपनी होगी।  

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Tue, 20 Dec 2022 05: 36 PM IST

मध्यप्रदेश में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (GIS) 2023 आयोजित होना है। इंदौर में 11 और 12 जनवरी को होने वाली समिट की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद मैराथन बैठकें ले रहे हैं। उद्योगपतियों से बात करने के साथ ही समिट की तैयारियों की समीक्षा भी कर रहे हैं।

समिट में अलग-अलग देशों और विभिन्न उद्योगों के दो हजार से ज्यादा प्रतिनिधि भाग लेंगे। सीएम उद्योगपतियों को बता रहे हैं कि प्रदेश में बिजली, सड़क और पानी सहित उद्योगों के लिए सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

इस बीच अमर उजाला की टीम ने भोपाल के पास मण्डीदीप औद्योगिक क्षेत्र के बढ़े उद्योगों के कामकाज को देखने के साथ ही उनके उद्योगपतियों से बातचीत की। मध्यप्रदेश इवेंस्टमेंट के लिहाज से कितना बेहतर है। इसको लेकर उद्योगपति बोले, साल 1983 में मंडीदीप में 49 औद्योगिक इकाइयां थी। यहां करीब 650 औद्योगिक प्लांट हैं। इन पर 450 फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं।
 

मंडीदीप स्थित ल्यूपिन कंपनी की स्थापना 2 अक्टूबर 1987-88 में हुई। फार्मा और मेडिकल सेक्टर की दवाईयों का उत्पादन  कर रही है और विदेशों  में बड़ी मात्रा में अपनी एंटीबायोटिक दवाइयां निर्यात कर रही है। इसके माध्यम से प्रदेश में फार्मा और मेडिकल सेक्टर में रोजगार के नए अवसर बने हैं। भारत अपने फॉर्मा सेक्टर में कच्चे माल के रूप में उपयोग में आने वाले एक्टिव फार्मास्यूटिकल इन्ग्रीडियेंट (एपीआई) का बड़ा हिस्सा चीन से आयात करता है।

इसलिए अब  कंपनी आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एपीआई के घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने  की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ी है। कंपनी के सीनियर जनरल मैनेजर साइट हैड थॉमस मैथ्यू ने बताया कि यहां लेबर को लेकर कोई दिक्कत नहीं है। पानी की पर्याप्त उपलब्धता है। इंफ्रास्ट्रक्चर अब बेहतर हो गया है। पहले कम सड़कों के गड्ढों और कम चौड़ाई के कारण आवागमन में दिक्कत होती थी। अब हाइवे निर्माण से ट्रेवलिंग का समय भी बहुत कम हो गया है। पहले पेपर वर्क बहुत ज्यादा था, अब सिंगल विंडों के कारण स्थिति बहुत बेहतर हो गई है।
 
 

अमेरिकी कंपनी प्रॉक्टर एंड गैंबल (पीएंडजी) कंपनी मंडीदीप में रोजमर्रा के उपयोग के वस्तुएं बनाने के काम कर रही है। कंपनी के उत्पादों में एरियल, टाइड, जिलेट, ओरल बी जैसे उत्पाद शामिल हैं। घर में साफ-सफाई रखने से लेकर पर्सनल केयर तक के प्रोडक्ट्स का निर्माण भी यहां के विभिन्न संयंत्रों में किया जा रहा है। यहां प्लास्टिक पैकेजिंग कचरे को एकत्रित कर उसका प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण किया जाता है।

कंपनी की यहां पर सौर संयंत्र स्थापित करने की भी योजना है। कंपनी के पदाधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में कुछ दिक्कत आई, लेकिन बाद में सब आसान हो गया। पहले सड़कों की बदहाली के कारण ट्रांसपोर्टर भी आने से मना कर देते थे। अब यह समस्या पूरी तरह खत्म हो गई है। सरकारी जरूरी अनुमतियों की आसान प्रक्रिया से पहले की तुलना में समय भी कम लगता है।
 
 

वर्धमान टेक्सटाइल्स लिमिटेड टेक्सटाइल क्षेत्र में सत्तर के दशक से भारत में काम कर रही है। मध्यप्रदेश में 1991 में इसका प्लांट मंडीदीप में स्थापित किया गया। 180 एकड़ और 50 एकड़ में यहां पर इसके दो प्लांट काम कर रहे हैं, जिनके माध्यम से 15 हजार से अधिक लोगों को सीधा रोजगार मिल रहा है, जिसमें से  4500 महिलायें भी शामिल हैं। प्रदेश के हर कोने से यहां के प्लांट में स्थानीय युवक और युवतियों को सीधा रोजगार मिला है। वधर्मान टेक्सटाइल्स के चेयरमैन एसपी ओसवाल ने कहा कि मध्य प्रदेश में वर्धमान यूनिट की स्थापना के समय हम निश्चित नहीं थे कि यूनिट का विस्तार कर पाएंगे। लेकिन मध्य प्रदेश की मेन पॉवर की स्कील, व्यवहार और सरकार की नीतियों ने इंडस्ट्री को बहुत मदद की। हमें किसी प्रकार की अनुमति, परमिशन लेने में कोई कठिनाई नहीं हुई। सरकार के जमीन अधीग्रहण के निर्णय और डेवलपमेंट के निर्णय ने प्रदेश को उद्योगों के अनुकूल वातावरण दिया है। बुधनी में सरकार ने हमें बहुत कम नोटिस पर जमीन उपलब्ध कराई। मध्य प्रदेश के देश के सेंट्रल में होने से गुड्स के आवागमन बहुत आसान है। पर्याप्त मैन पावर और बिजली की उपलब्धता के साथ बहुत सस्था है। वर्ष 2000 के बाद बिजली की उपलब्धता के चलते हमने अपने जनरेट को स्क्रैप कर दिया है। क्योंकि उनका रखरखव हमें महंगा पढ़ रहा था। प्रदेश की इंडस्ट्रीयल पॉलिसी बहुत ही फ्रेंडली है। मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से दी जा रही सेवाएं की समय पर और बिना बाधा के उपलब्ध हो रही है। मेरा प्रदेश सरकार के साथ अनुभव बहुत ही शानदार रहा हैं। 

70  के दशक में मध्यप्रदेश मंडीदीप में औद्योगीकरण का दीया जलाने वाला पहला उद्योग एचईजी था। स्टील प्लांट्स के लिए दुनिया में सबसे ज्यादा ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड बनाने वाली एचईजी के ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड की मांग आज दुनिया भर में है। ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड उन इस्पात उत्पादकों के लिए एक कच्चा माल है, जो पारंपरिक ब्लास्ट फर्नेंस प्रक्रिया के बजाय इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेंस रूट (ईएएफ) का इस्तेमाल करते हैं। मंडीदीप प्लांट से अमरीका, यूरोप और अफ्रीकी देशों को इसकी सप्लाई की जा रही है। मंडीदीप, मध्यप्रदेश में एचईजी के पास 76.5 मेगावाट (दो थर्मल पावर प्लांट और एक हाइड्रोपावर प्लांट) की क्षमता वाले ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड के उत्पादन का कारखाना है।

एचईजी लिमिटेड मंडीदीप के सीएमडी रवि झुनझुनवाला का कहना है कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में काम करने का बेहतरीन माहौल है। सरकार की औद्योगिक नीति निवेशकों को आकर्षित कर रही है और मध्यप्रदेश निवेशकों के लिए उपयुक्त राज्य है। उनकी कंपनी की इकाई ग्रेफाईट एनोड के विनिर्माण के लिए प्रदेश में 2000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। देवास जिले के ग्राम सिरसौदा में निवेश किया जाएगा, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 20 हजार मीट्रिक टन होगी। एक जनवरी 2025 तक प्रथम चरण का उत्पादन शुरू होगा और एक जनवरी 2028 तक परियोजना को पूरा कर लिया जाएगा। प्रथम चरण में कंपनी द्वारा ग्रेफाइट विनिर्माण के लिए औद्यागिक क्षेत्र मंडीदीप स्थित इकाई परिसर में 1200 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश से किए जा रहे विस्तारीकरण के बाद यह इकाई ग्रेफाइट उत्पादन के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी कंपनी होगी।
 

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