ganesh-chaturthi:-श्रीगणेश-की-स्थापना-और-विसर्जन-का-शुभ-मुहूर्त-क्या-है?-कौन-सी-मूर्ति-होगी-फलदायक,-यहां-जानिए
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीहोर Published by: उदित दीक्षित Updated Tue, 03 Sep 2024 03: 38 PM IST Ganesh Chaturthi Sthapna Visarjan Muhurat: ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल (दोपहर) के दौरान हुआ था। ऐसे में मध्याह्न के समय को गणेश स्थापना और पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस मुहूर्त में की गई पूजा को षोडशोपचार गणपति पूजा के नाम से जाना जाता है। Ganesh Chaturthi 2024 - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us भाद्रपद का महीना चल रहा है, इसी माह में गणेश उत्सव की शुरुआत होती है। ज्योतिष पद्म भूषण स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषाचार्य डॉ. पंडित गणेश शर्मा के अनुसार भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर सात सितंबर को शुरुआत होगी। 10 दिन चलने वाला गणेश उत्सव के दौरान पूरे प्रदेश भर में धूम रहेगी।  जानिए, गणपति स्थापना और विसर्जन का शुभ...   07 सितंबर: गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11: 54 से दोपहर 12: 44 तक विजय मुहूर्त: दोपहर 02: 24 से दोपहर 03: 14 तक सर्वार्थ सिद्धि योग: दोपहर 12: 34 से अगले दिन सुबह 06: 03 तक रवि योग: सुबह 06: 02 से दोपहर 12: 34 तक 17 सितंबर: गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त: ज्योतिषाचार्य डॉ. पंडित गणेश शर्मा ने बताया कि विसर्जन के दिन अनंत चतुर्दशी रहती है। भक्तों को गणेशजी के साथ भगवान अनंत की पूजा भी करें।  अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11: 51 से दोपहर 12: 40 तक विजय मुहूर्त: दोपहर 02: 18 से दोपहर 03: 07 तक भगवान गणेश की स्थापना का शुभ समय क्या?  ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल (दोपहर) के दौरान हुआ था। ऐसे में मध्याह्न के समय को गणेश स्थापना और पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। अंग्रेजी समय के अनुसार, मध्याह्न काल दोपहर के तुल्य माना गया है। इस मुहूर्त में जो भक्त विधि-विधान से करते हैं पूजा को उसे षोडशोपचार गणपति पूजा के नाम से जाना जाता है। कैसे करें भगवान गणेश की स्थापना?    भगवान गणेश के स्वरूप की बैठी हुई मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें, जिसकी सूंड दाईं ओर हो, मूषक हो और जनेऊधारी हो।   शुभ मुहूर्त में ही स्थापना करें, खासकर मध्यान्न काल में। श्रीगणेश मूर्ति को घर की उत्तर दिशा या ईशान कोण में स्थापित करें। वह जगह शुद्ध और पवित्र होनी चाहिए। गणेशजी की मूर्ति का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। लकड़ी के पाट पर लाल या पीला वस्त्र बिछाकर ही भगवान को स्थापित करें। एक बार गणेश मूर्ति को जहां स्थापित करें, फिर वहां से विसर्जन के समय तक हिलाएं नहीं। गणपति स्थापना के दौरान मन में बुरे भाव न लाएं और न ही कोई बुरा कार्य करें। स्थापना के दौरान घर में तामसिक भोजन न बनाएं, केवल सात्विक भोजन करें। गणेशजी की स्थापना के बाद प्रतिदिन सुबह-शाम पूजा करें और भोग लगाएं। स्थापना के बाद विधि-विधान से पूजा-आरती करें और फिर प्रसाद वितरण करें। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीहोर Published by: उदित दीक्षित Updated Tue, 03 Sep 2024 03: 38 PM IST

Ganesh Chaturthi Sthapna Visarjan Muhurat: ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल (दोपहर) के दौरान हुआ था। ऐसे में मध्याह्न के समय को गणेश स्थापना और पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस मुहूर्त में की गई पूजा को षोडशोपचार गणपति पूजा के नाम से जाना जाता है। Ganesh Chaturthi 2024 – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

भाद्रपद का महीना चल रहा है, इसी माह में गणेश उत्सव की शुरुआत होती है। ज्योतिष पद्म भूषण स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषाचार्य डॉ. पंडित गणेश शर्मा के अनुसार भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर सात सितंबर को शुरुआत होगी। 10 दिन चलने वाला गणेश उत्सव के दौरान पूरे प्रदेश भर में धूम रहेगी।  जानिए, गणपति स्थापना और विसर्जन का शुभ…  

07 सितंबर: गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11: 54 से दोपहर 12: 44 तक विजय मुहूर्त: दोपहर 02: 24 से दोपहर 03: 14 तक सर्वार्थ सिद्धि योग: दोपहर 12: 34 से अगले दिन सुबह 06: 03 तक रवि योग: सुबह 06: 02 से दोपहर 12: 34 तक
17 सितंबर: गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त:

ज्योतिषाचार्य डॉ. पंडित गणेश शर्मा ने बताया कि विसर्जन के दिन अनंत चतुर्दशी रहती है। भक्तों को गणेशजी के साथ भगवान अनंत की पूजा भी करें।  अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11: 51 से दोपहर 12: 40 तक विजय मुहूर्त: दोपहर 02: 18 से दोपहर 03: 07 तक
भगवान गणेश की स्थापना का शुभ समय क्या? 
ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल (दोपहर) के दौरान हुआ था। ऐसे में मध्याह्न के समय को गणेश स्थापना और पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। अंग्रेजी समय के अनुसार, मध्याह्न काल दोपहर के तुल्य माना गया है। इस मुहूर्त में जो भक्त विधि-विधान से करते हैं पूजा को उसे षोडशोपचार गणपति पूजा के नाम से जाना जाता है।

कैसे करें भगवान गणेश की स्थापना?   

भगवान गणेश के स्वरूप की बैठी हुई मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें, जिसकी सूंड दाईं ओर हो, मूषक हो और जनेऊधारी हो।   शुभ मुहूर्त में ही स्थापना करें, खासकर मध्यान्न काल में। श्रीगणेश मूर्ति को घर की उत्तर दिशा या ईशान कोण में स्थापित करें। वह जगह शुद्ध और पवित्र होनी चाहिए। गणेशजी की मूर्ति का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। लकड़ी के पाट पर लाल या पीला वस्त्र बिछाकर ही भगवान को स्थापित करें। एक बार गणेश मूर्ति को जहां स्थापित करें, फिर वहां से विसर्जन के समय तक हिलाएं नहीं। गणपति स्थापना के दौरान मन में बुरे भाव न लाएं और न ही कोई बुरा कार्य करें। स्थापना के दौरान घर में तामसिक भोजन न बनाएं, केवल सात्विक भोजन करें। गणेशजी की स्थापना के बाद प्रतिदिन सुबह-शाम पूजा करें और भोग लगाएं। स्थापना के बाद विधि-विधान से पूजा-आरती करें और फिर प्रसाद वितरण करें। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
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