gail-india:-सरकारी-जमीन-पर-खेती-करने-वाले-किसान-विरोध-कर-रहे,-गेल-इंडिया-से-सभी-को-फायदा
सीहोर के पास आष्टा में गेल इंडिया का प्रोजेक्ट आ रहा है। - फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर विस्तार Follow Us मप्र में सीहोर के पास आष्टा में गेल इंडिया (Gail India) का प्रोजेक्ट आ रहा है। इसके लिए सरकार किसानों की जमीन भी अधिग्रहित कर रही है। किसान अपनी जमीन नहीं देना चाहते और तीन महीने से विरोध हो रहा है। अब इस मामले में अमर उजाला ने आष्टा के विधायक गोपाल सिंह इंजीनियर से बात की। गोपाल पहले कांग्रेस में थे और इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा से जुड़े। वे इस प्रोजेक्ट के पूरी तरह से पक्षधर हैं और उनका कहना है कि विरोध से नुकसान ही होगा। यह 60 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट है जो मप्र के इतिहास का सबसे बड़ा निवेश है। भाजपा सरकार ने इसके लिए  बहुत प्रयास किए और इससे बहुत फायदा होगा। सरकारी जमीन पर खेती करने वाले विरोध कर रहे गोपाल सिंह इंजीनियर ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि सरकारी जमीन पर खेती करने वाले किसान ही विरोध कर रहे हैं। अधिकतर किसान वे हैं जिनकी 80 से 90 प्रतिशत खेती सरकारी जमीनों पर है। बहुत कम हिस्से में वे निजी भूमि पर खेती करते हैं। प्रशासन सर्वे कर रहा है और जमीनों की जांच कर रहा है। जांच रिपोर्ट में सारी स्थिति साफ हो जाएगी।  Exclusive: मप्र का सबसे बड़ा औद्योगिक निवेश, किसानों के विरोध से होल्ड पर प्रोजेक्ट से पूरे प्रदेश का विकास होगा इंजीनियर ने कहा कि प्रोजेक्ट से पूरे प्रदेश का विकास होगा। हजारों की संख्या में नौकरियां मिलेंगी और इंदौर से भोपाल के बीच बड़े स्तर पर बदलाव आएंगे। उन्होंने कहा कि आसपास के किसानों को ही इस प्रोजेक्ट से सबसे अधिक फायदा मिलेगा।  किसान खुद जमीनें बेचना चाहते हैं इंजीनियर ने कहा कि प्रोजेक्ट के आसपास के किसान खुद अपनी जमीनें बेचना चाहते हैं। उन्हें पता है कि उन्हें चार गुना लाभ मिलेगा। आसपास के गांवों के कई किसान मुझसे मिलने आ चुके हैं। वे सभी अपनी जमीन बेचना चाहते हैं। जो किसान सरकारी जमीन पर खेती कर रहे हैं उन्हें नुकसान होगा इसलिए वे विरोध कर रहे हैं। 

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सीहोर के पास आष्टा में गेल इंडिया का प्रोजेक्ट आ रहा है। – फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर

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मप्र में सीहोर के पास आष्टा में गेल इंडिया (Gail India) का प्रोजेक्ट आ रहा है। इसके लिए सरकार किसानों की जमीन भी अधिग्रहित कर रही है। किसान अपनी जमीन नहीं देना चाहते और तीन महीने से विरोध हो रहा है। अब इस मामले में अमर उजाला ने आष्टा के विधायक गोपाल सिंह इंजीनियर से बात की। गोपाल पहले कांग्रेस में थे और इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा से जुड़े। वे इस प्रोजेक्ट के पूरी तरह से पक्षधर हैं और उनका कहना है कि विरोध से नुकसान ही होगा। यह 60 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट है जो मप्र के इतिहास का सबसे बड़ा निवेश है। भाजपा सरकार ने इसके लिए  बहुत प्रयास किए और इससे बहुत फायदा होगा।

सरकारी जमीन पर खेती करने वाले विरोध कर रहे
गोपाल सिंह इंजीनियर ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि सरकारी जमीन पर खेती करने वाले किसान ही विरोध कर रहे हैं। अधिकतर किसान वे हैं जिनकी 80 से 90 प्रतिशत खेती सरकारी जमीनों पर है। बहुत कम हिस्से में वे निजी भूमि पर खेती करते हैं। प्रशासन सर्वे कर रहा है और जमीनों की जांच कर रहा है। जांच रिपोर्ट में सारी स्थिति साफ हो जाएगी। 

Exclusive: मप्र का सबसे बड़ा औद्योगिक निवेश, किसानों के विरोध से होल्ड पर

प्रोजेक्ट से पूरे प्रदेश का विकास होगा
इंजीनियर ने कहा कि प्रोजेक्ट से पूरे प्रदेश का विकास होगा। हजारों की संख्या में नौकरियां मिलेंगी और इंदौर से भोपाल के बीच बड़े स्तर पर बदलाव आएंगे। उन्होंने कहा कि आसपास के किसानों को ही इस प्रोजेक्ट से सबसे अधिक फायदा मिलेगा। 

किसान खुद जमीनें बेचना चाहते हैं
इंजीनियर ने कहा कि प्रोजेक्ट के आसपास के किसान खुद अपनी जमीनें बेचना चाहते हैं। उन्हें पता है कि उन्हें चार गुना लाभ मिलेगा। आसपास के गांवों के कई किसान मुझसे मिलने आ चुके हैं। वे सभी अपनी जमीन बेचना चाहते हैं। जो किसान सरकारी जमीन पर खेती कर रहे हैं उन्हें नुकसान होगा इसलिए वे विरोध कर रहे हैं। 

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