Fact Check: बांग्लादेश में जारी हिंसा और प्रदर्शन को लेकर सोशल मीडिया में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में दावा किया जा रहा है कि पड़ोसी देश में हिंसा और प्रदर्शन को दबाने के लिए भारतीय सेना वहां के लिए रवाना हो चुकी है. Fact Check: वायरल वीडियो में क्या किया जा रहा दावा? सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए भारतीय सेना पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश में प्रवेश कर रही है. इस वीडियो को लोग तेजी से शेयर कर रहे हैं. तो आइये जानें वीडियो की सच्चाई? A video shared on social media claims that the Indian Army is entering Bangladesh from West Bengal to suppress protests#PIBFactCheck ✔️The video is from 2022 & is not related to Bangladesh protests ✔️No military aid has been sent from India to suppress protests in Bangladesh pic.twitter.com/UnohAkP6bT — PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 6, 2024 पीआईबी की टीम ने वीडियो का सच बताया पीआईबी फैक्ट चेक की टीम ने वायरल वीडियो की सच्चाई बताया है. एक्स पर पीआईबी ने वायरल वीडियो को पोस्ट किया और बताया, वीडियो दो साल पुराना है और बांग्लादेश हिंसा से उसका कोई लेना-देना नहीं है. पीआईबी ने एक्स पर लिखा, यह वीडियो 2022 का है और बांग्लादेश विरोध प्रदर्शन से संबंधित नहीं है. यह भी साफ किया कि बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए भारत की ओर से कोई सैन्य सहायता नहीं भेजी गई है. भम्र फैलाने वाले वीडियो से रहें सावधान सोशल मीडिया में कई खबरें और वीडियो तेजी से वायरल होते हैं. लेकिन संवेदनशील हालात में कोई भी मैसेज, वायरल खबर और वीडियो पर तुरंत से विश्वास कर लेना और उसे दूसरों तक शेयर करना अपराध है. इससे स्थिति और बिगड़ती है. इसलिए ऐसे कोई भी मैसेज और वीडियो आपके सामने से अगर गुजरते हैं, तो सबसे पहले उसकी पड़ताल कर लेनी चाहिए. आरक्षण विरोधी प्रदर्शन में अबतक गई 560 लोगों की जान बांग्लादेश में जुलाई के मध्य में शुरू हुए आरक्षण विरोधी प्रदर्शन के बाद से मरने वालों का आंकड़ा 560 हो गया है. आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने समाप्त कर दिया था, उसके बाद भी छात्रों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और शेख हसीना के इस्तीफे की मांग पर अड़े रहे. आखिरकार हसीना को पद से इस्तीफा देकर ढाका से भागना पड़ा. इन पांच चुनौतियों से लड़ेगी यूनुस की सरकार

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Fact Check: बांग्लादेश में जारी हिंसा और प्रदर्शन को लेकर सोशल मीडिया में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में दावा किया जा रहा है कि पड़ोसी देश में हिंसा और प्रदर्शन को दबाने के लिए भारतीय सेना वहां के लिए रवाना हो चुकी है.

Fact Check: वायरल वीडियो में क्या किया जा रहा दावा? सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए भारतीय सेना पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश में प्रवेश कर रही है. इस वीडियो को लोग तेजी से शेयर कर रहे हैं. तो आइये जानें वीडियो की सच्चाई?

A video shared on social media claims that the Indian Army is entering Bangladesh from West Bengal to suppress protests#PIBFactCheck

✔️The video is from 2022 & is not related to Bangladesh protests

✔️No military aid has been sent from India to suppress protests in Bangladesh pic.twitter.com/UnohAkP6bT

— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 6, 2024 पीआईबी की टीम ने वीडियो का सच बताया पीआईबी फैक्ट चेक की टीम ने वायरल वीडियो की सच्चाई बताया है. एक्स पर पीआईबी ने वायरल वीडियो को पोस्ट किया और बताया, वीडियो दो साल पुराना है और बांग्लादेश हिंसा से उसका कोई लेना-देना नहीं है. पीआईबी ने एक्स पर लिखा, यह वीडियो 2022 का है और बांग्लादेश विरोध प्रदर्शन से संबंधित नहीं है. यह भी साफ किया कि बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए भारत की ओर से कोई सैन्य सहायता नहीं भेजी गई है.

भम्र फैलाने वाले वीडियो से रहें सावधान सोशल मीडिया में कई खबरें और वीडियो तेजी से वायरल होते हैं. लेकिन संवेदनशील हालात में कोई भी मैसेज, वायरल खबर और वीडियो पर तुरंत से विश्वास कर लेना और उसे दूसरों तक शेयर करना अपराध है. इससे स्थिति और बिगड़ती है. इसलिए ऐसे कोई भी मैसेज और वीडियो आपके सामने से अगर गुजरते हैं, तो सबसे पहले उसकी पड़ताल कर लेनी चाहिए.

आरक्षण विरोधी प्रदर्शन में अबतक गई 560 लोगों की जान बांग्लादेश में जुलाई के मध्य में शुरू हुए आरक्षण विरोधी प्रदर्शन के बाद से मरने वालों का आंकड़ा 560 हो गया है. आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने समाप्त कर दिया था, उसके बाद भी छात्रों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और शेख हसीना के इस्तीफे की मांग पर अड़े रहे. आखिरकार हसीना को पद से इस्तीफा देकर ढाका से भागना पड़ा.

इन पांच चुनौतियों से लड़ेगी यूनुस की सरकार