emergency:-'दादी-और-पिता-के-नाम-पर-वोट-बटोरते-हैं-क्या-उनके-कारनामों-की-भी-जिम्मेदारी-लेंगे'
Emergency: सत्र का तीसरा दिन स्पीकर का चुनाव और इमरजेंसी का मुद्दा छाया रहा. आपातकाल की 50वीं बरसी पर एनडीए नेताओं ने संसद के मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया और नारे लगाए. हिमाचल प्रदेश की मंडी से बीजेपी सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा, जो सबसे ज्यादा संविधान की दुहाइयां देते हैं उनको इस बात की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. राहुल गांधी से उन्होंने सवाल किया और पूछा, वो दादी और पिताजी ने नाम पर वोट बटोरते हैं तो क्या वे उनके किए कारनामों की भी जिम्मेदारी लेते हैं? आज जो संविधान की सबसे ज्यादा दुहाइयां देते हैं वे खुद का भी ट्रैक रिकॉर्ड देखें. बिरला ने आपातकाल की लोकसभा में निंदा की, विपक्ष ने किया हंगामा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 1975 में कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल की लोकसभा में निंदा करते हुए बुधवार को एक प्रस्ताव पढ़ा और कहा कि वह कालखंड काले अध्याय के रूप में दर्ज है जब देश में तानाशाही थोप दी गई थी, लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया था और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंट दिया गया था. इस दौरान सदन में कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया और नारेबाजी की. सदन में रखा गया दो मिनट का मौन आपातकाल के दौरान मारे गए लोगों की याद में सदन में दो मिनट का मौन रखा गया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, इमरजेंसी ने भारत के कितने ही नागरिकों का जीवन तबाह कर दिया था, कितने ही लोगों की मृत्यु हो गई थी. इमरजेंसी के उस काले कालखंड में, कांग्रेस की तानाशाह सरकार के हाथों अपनी जान गंवाने वाले भारत के ऐसे कर्तव्यनिष्ठ और देश से प्रेम करने वाले नागरिकों की स्मृति में हम दो मिनट का मौन रखते हैं. Also Read: OM Birla 2.0: ओम बिरला फिर चुने गए लोकसभा स्पीकर, आसन तक लेकर गये पीएम मोदी और राहुल गांधी

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Emergency: सत्र का तीसरा दिन स्पीकर का चुनाव और इमरजेंसी का मुद्दा छाया रहा. आपातकाल की 50वीं बरसी पर एनडीए नेताओं ने संसद के मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया और नारे लगाए. हिमाचल प्रदेश की मंडी से बीजेपी सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा, जो सबसे ज्यादा संविधान की दुहाइयां देते हैं उनको इस बात की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. राहुल गांधी से उन्होंने सवाल किया और पूछा, वो दादी और पिताजी ने नाम पर वोट बटोरते हैं तो क्या वे उनके किए कारनामों की भी जिम्मेदारी लेते हैं? आज जो संविधान की सबसे ज्यादा दुहाइयां देते हैं वे खुद का भी ट्रैक रिकॉर्ड देखें.

बिरला ने आपातकाल की लोकसभा में निंदा की, विपक्ष ने किया हंगामा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 1975 में कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल की लोकसभा में निंदा करते हुए बुधवार को एक प्रस्ताव पढ़ा और कहा कि वह कालखंड काले अध्याय के रूप में दर्ज है जब देश में तानाशाही थोप दी गई थी, लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया था और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंट दिया गया था. इस दौरान सदन में कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया और नारेबाजी की.

सदन में रखा गया दो मिनट का मौन आपातकाल के दौरान मारे गए लोगों की याद में सदन में दो मिनट का मौन रखा गया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, इमरजेंसी ने भारत के कितने ही नागरिकों का जीवन तबाह कर दिया था, कितने ही लोगों की मृत्यु हो गई थी. इमरजेंसी के उस काले कालखंड में, कांग्रेस की तानाशाह सरकार के हाथों अपनी जान गंवाने वाले भारत के ऐसे कर्तव्यनिष्ठ और देश से प्रेम करने वाले नागरिकों की स्मृति में हम दो मिनट का मौन रखते हैं.

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