electric-vehicles:-भारत-में-अगस्त-में-इलेक्ट्रिक-वाहनों-की-बिक्री-में-देखी-गई-13-प्रतिशत-की-गिरावट,-जानें-वजह
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Tue, 03 Sep 2024 12: 55 PM IST सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक वाहन डेटा से पता चला है कि भारत में अगस्त में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में गिरावट आई। Electric Vehicles Charging Station - फोटो : Freepik विस्तार Follow Us सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक वाहन डेटा से पता चला है कि भारत में अगस्त में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में गिरावट आई। आंकड़ों से पता चला कि अगस्त में ईवी की बिक्री 156,199 यूनिट तक पहुंच गई, जो 13 प्रतिशत की गिरावट को बताती है।  हालांकि, बिक्री का आंकड़ा अभी भी वर्ष में तीसरा सबसे बड़ा मासिक आंकड़ा रहा, मार्च और जुलाई के बाद। जिसमें क्रमशः 213,000 इकाइयों और 178,900 इकाइयों की बिक्री हुई थी।  2024 के पहले आठ महीनों में, वाहनों की बिक्री 1.23 मिलियन के आंकड़े को पार कर गई। हालांकि, इस साल पिछले महीने की तुलना में मासिक बिक्री में चार बार गिरावट देखी गई है। फरवरी के दौरान, जनवरी में एक महीने पहले बताए गए आंकड़ों के मुकाबले बिक्री में 2.3 प्रतिशत की गिरावट आई। इसी तरह, मई की तुलना में जून में बिक्री में 0.5 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि अप्रैल में मार्च में बेची गई इकाइयों की तुलना में बिक्री में 45.6 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।  बिक्री में सबसे तेज गिरावट और सबसे ज्यादा बढ़ोतरी का पैटर्न सरकार द्वारा किए गए नीतिगत बदलावों के बाद के महीनों में दर्ज किया गया। पिछले साल मई में, सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक (और हाइब्रिड) व्हीकल्स (FAME) योजना के तहत अधिकतम सब्सिडी को घटाकर 22,500 रुपये करने की घोषणा के बाद बिक्री में उछाल आया। यह नीतिगत बदलाव 1 जून से लागू हुआ और इसके कारण मई में बिक्री में तेज उछाल आया। जबकि जून में बिक्री में 35 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।  चालू वर्ष में, FAME सब्सिडी 31 मार्च को खत्म हो गई, इसके बाद इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) 2024 की शुरुआत हुई। जिसकी वजह से सब्सिडी को आधे से भी कम कर दिया गया। इसके कारण वर्ष में बिक्री में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। EMPS योजना शुरू में 31 जुलाई को समाप्त होने वाली थी। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि इस समय सीमा को दो महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। 

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ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Tue, 03 Sep 2024 12: 55 PM IST

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक वाहन डेटा से पता चला है कि भारत में अगस्त में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में गिरावट आई। Electric Vehicles Charging Station – फोटो : Freepik

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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक वाहन डेटा से पता चला है कि भारत में अगस्त में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में गिरावट आई। आंकड़ों से पता चला कि अगस्त में ईवी की बिक्री 156,199 यूनिट तक पहुंच गई, जो 13 प्रतिशत की गिरावट को बताती है। 

हालांकि, बिक्री का आंकड़ा अभी भी वर्ष में तीसरा सबसे बड़ा मासिक आंकड़ा रहा, मार्च और जुलाई के बाद। जिसमें क्रमशः 213,000 इकाइयों और 178,900 इकाइयों की बिक्री हुई थी। 

2024 के पहले आठ महीनों में, वाहनों की बिक्री 1.23 मिलियन के आंकड़े को पार कर गई। हालांकि, इस साल पिछले महीने की तुलना में मासिक बिक्री में चार बार गिरावट देखी गई है। फरवरी के दौरान, जनवरी में एक महीने पहले बताए गए आंकड़ों के मुकाबले बिक्री में 2.3 प्रतिशत की गिरावट आई। इसी तरह, मई की तुलना में जून में बिक्री में 0.5 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि अप्रैल में मार्च में बेची गई इकाइयों की तुलना में बिक्री में 45.6 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। 

बिक्री में सबसे तेज गिरावट और सबसे ज्यादा बढ़ोतरी का पैटर्न सरकार द्वारा किए गए नीतिगत बदलावों के बाद के महीनों में दर्ज किया गया। पिछले साल मई में, सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक (और हाइब्रिड) व्हीकल्स (FAME) योजना के तहत अधिकतम सब्सिडी को घटाकर 22,500 रुपये करने की घोषणा के बाद बिक्री में उछाल आया। यह नीतिगत बदलाव 1 जून से लागू हुआ और इसके कारण मई में बिक्री में तेज उछाल आया। जबकि जून में बिक्री में 35 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। 

चालू वर्ष में, FAME सब्सिडी 31 मार्च को खत्म हो गई, इसके बाद इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) 2024 की शुरुआत हुई। जिसकी वजह से सब्सिडी को आधे से भी कम कर दिया गया। इसके कारण वर्ष में बिक्री में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। EMPS योजना शुरू में 31 जुलाई को समाप्त होने वाली थी। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि इस समय सीमा को दो महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।