न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Sun, 14 Jul 2024 06: 32 PM IST
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (mcu) में भाषा प्रयोगशाला स्थापित करने की तैयारी की जा रही है। जिसमें उच्चारण और वर्तनी पर विशेष जोर दिया जाएगा। वीसी केजी सुरेश – फोटो : अमर उजाला
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यदि आप हिंदी भाषा, अनुवाद और प्रौद्योगिकी में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आपके लिए सुनहरा अवसर है। विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो.( डॉ.)के. जी. सुरेश ने कहा की हिंदी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोली और पढ़ी जाने वाली भाषाओं में से एक है । विश्व के कई देशों में इसकी मांग है, लेकिन देश के कई सरकारी संस्थानों,निजी संस्थानों में भी हिंदी भाषा, अनुवाद, प्रौद्योगिकी को लेकर बहुत मांग है। प्रो. सुरेश ने कहा कि इन्हीं सब बातों को देखते हुए विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा विभाग की स्थापना की गई है। जिसके तहत विद्यार्थी इस क्षेत्र में अपना सुनहरा भविष्य बना सकते हैं। कुलगुरु ने बताया कि अगर हिंदी भाषा की स्वीकार्यता को विद्यार्थियों के बीच बढ़ाना है तो इसका रोजगार परख होना अति आवश्यक है। इसी दृष्टि से हम यह विशिष्ट पाठ्यक्रम लेकर आए हैं। जल्द ही भारतीय भाषा विभाग के अंतर्गत भाषा प्रयोगशाला भी स्थापित किया जाएगा, जिसमें उच्चारण और वर्तनी पर जोर दिया जाएगा।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी हिंदी का प्रयोग बढ़ा
भारतीय भाषा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी के अनुसार प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और वेब मीडिया के साथ ही साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी हिंदी का प्रयोग लगातार बढ़ता और लोकप्रिय होता जा रहा है। माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी दिग्गज कंपनियों में प्रौद्योगिकी के माध्यम से विश्व के हिंदी पाठकों और प्रयोगकर्ताओं तक हिंदी भाषा का उपयोग कर पहुंच बढ़ाने की होड़ लगी हुई है। ऐसी स्थिति में उन होनहार युवाओं को करियर के असीम अवसर प्राप्त हो सकते हैं, जिन्होंने हिंदी भाषा, अनुवाद और प्रौद्योगिकी के प्रयोग में निपुणता और कुशलता हासिल की है।
वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर विद्यार्थियों को मिलेंगे रोजगार के अवसर
डॉ. राखी तिवारी ने बताया कि बीए हिंदी भाषा, प्रौद्योगिकी और अनुवाद का यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों में ऐसे ही कौशल विकसित करने के लिए बनाया गया है। इस पाठ्यक्रम को पूर्ण करते-करते विद्यार्थी वैश्विक एवं राष्ट्रीय स्तर पर स्वयं को ट्रांसलेटर (अनुवादक), राजभाषा अधिकारी, हिंदी भाषा के पत्रकार, क्रिएटिव राइटर, एंकर, रेडियो जॉकी और हिंदी के प्रोफेसर या शोधकर्ता के रूप में स्थापित कर सकते हैं।इसके साथ बी.ए हिंदी भाषा, प्रौद्योगिकी और अनुवाद (ऑनर्स, रिसर्च) कोर्स को पूरा करने के बाद विद्यार्थी विभिन्न प्रकार के कंटेंट जैसे वाणिज्यिक, शैक्षणिक, वित्तीय, कानूनी, विपणन, चिकित्सा, राजनीतिक, वैज्ञानिक और तकनीकी, प्रकार की सामग्री का अनुवाद करने का कौशल हासिल कर सकते हैं। अंग्रेजी हिंदी लैंग्वेज एवं इनफार्मेशन कम्युनिकेशन और लैंग्वेज टेक्नोलॉजी को अपने करियर विकास में अच्छी तरह से समझ पाएंगे। ट्रांसलेशन ओरिएंटेड एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का प्रयोग सीख पाएंगें एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीनी अनुवाद के द्वारा कंटेंट क्रिएट भी कर पाएंगे।
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