Earthquake - फोटो : istock विस्तार Follow Us मध्यप्रदेश के अनूपपुर और सिंगरौली जिले में सोमवार रात करीब साढ़े आठ बजे भूकंप के झटके महसूस किए हैं। रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.9 दर्ज की गई। भूकंप का केंद्र छत्तीसगढ़ का सरगुजा रहा।  जानकारी के अनुसार सोमवार रात आठ बजकर 6 मिनट पर छत्तीसगढ़ के सरगुजा में धरती कांपी थी। 3.9 तीव्रता के झटके लगे हैं। भूकंप का हाइपोसेंटर 11 किलोमीटर गहराई पर रहा। इसका असर मध्यप्रदेश के अनूपपुर और सिंगरौली में भी रहा। हलचल महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल आए।  भूकंप कैसे आता है पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।  कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है। 

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मध्यप्रदेश के अनूपपुर और सिंगरौली जिले में सोमवार रात करीब साढ़े आठ बजे भूकंप के झटके महसूस किए हैं। रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.9 दर्ज की गई। भूकंप का केंद्र छत्तीसगढ़ का सरगुजा रहा। 

जानकारी के अनुसार सोमवार रात आठ बजकर 6 मिनट पर छत्तीसगढ़ के सरगुजा में धरती कांपी थी। 3.9 तीव्रता के झटके लगे हैं। भूकंप का हाइपोसेंटर 11 किलोमीटर गहराई पर रहा। इसका असर मध्यप्रदेश के अनूपपुर और सिंगरौली में भी रहा। हलचल महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल आए। 

भूकंप कैसे आता है
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। 

कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है। 

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