du:-विकसित-भारत-का-लक्ष्य-बिना-महिला-भागीदारी-नहीं-है-संभव
दिल्ली विश्वविद्यालय के भारती कॉलेज में ‘विकसित भारत में महिलाओं की भूमिका’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश के विकास में महिलाओं की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि शिक्षा उस ताले की चाबी है जिसके जरिये विकास के द्वार खुलते हैं. | August 30, 2024 7: 19 PM DU: देश के विकास में महिलाओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है. भारत को वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रहने वाली है.  दिल्ली विश्वविद्यालय के भारती कॉलेज में ‘विकसित भारत में महिलाओं की भूमिका’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश के विकास में महिलाओं की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि शिक्षा उस ताले की चाबी है जिसके जरिये विकास के द्वार खुलते हैं. छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि यदि आप एक पुरुष को शिक्षित करते हैं तो आप एक व्यक्ति को शिक्षित करते हैं, लेकिन यदि आप एक महिला को शिक्षित करते हैं तो आप पूरे परिवार को शिक्षित करते हैं. मौजूदा समय देश के इतिहास का निर्णायक क्षण है. ऐसे में सभी को देश की उपलब्धियों के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहिए.   जल्द ही देश अर्थव्यवस्था के मामले में जापान और जर्मनी से होगा आगे उपराष्ट्रपति ने कहा कि मौजूदा समय में महिलाएं उद्यमी के तौर पर काम कर रही है और दूसरे लोगों को भी रोजगार मुहैया करा रही है. महिलाओं के सशक्तिकरण के कारण आने वाले दो-तीन साल में अर्थव्यवस्था के मामले में भारत तीसरे स्थान पर होगा. जापान और जर्मनी जैसे देश भारत से पीछे हो जायेंगे. लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण गेम चेंजर होगा. इस पहल से  नीति निर्धारण की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव आयेगा. उपराष्ट्रपति ने सरकारी नौकरी और कोचिंग संस्थानों के प्रति छात्रों की दीवानगी पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि अखबार के पन्नों पर कोचिंग संस्थान के विज्ञापन देखकर दुख होता है. क्योंकि विज्ञापन के पैसा छात्रों की जेब से जाता है. देश को विकसित बनना है तो लड़कियों को आगे आना होगा. लड़कियों में काफी संभावना है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि क्षेत्र की रीढ़ देश की आधी आबादी है. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहा कि हाल ही में जारी राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ़) में दिल्ली विश्वविद्यालय ने छठा स्थान हासिल किया है. यह पिछले साल के मुकाबले काफी अच्छा है. कुलपति ने देश में महिला सुरक्षा की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त करते हुए सभी से महिलाओं के लिए बेहतर माहौल बनाने का प्रयास करने का आग्रह किया.

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दिल्ली विश्वविद्यालय के भारती कॉलेज में ‘विकसित भारत में महिलाओं की भूमिका’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश के विकास में महिलाओं की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि शिक्षा उस ताले की चाबी है जिसके जरिये विकास के द्वार खुलते हैं.

| August 30, 2024 7: 19 PM

DU: देश के विकास में महिलाओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है. भारत को वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रहने वाली है.  दिल्ली विश्वविद्यालय के भारती कॉलेज में ‘विकसित भारत में महिलाओं की भूमिका’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश के विकास में महिलाओं की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि शिक्षा उस ताले की चाबी है जिसके जरिये विकास के द्वार खुलते हैं. छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि यदि आप एक पुरुष को शिक्षित करते हैं तो आप एक व्यक्ति को शिक्षित करते हैं, लेकिन यदि आप एक महिला को शिक्षित करते हैं तो आप पूरे परिवार को शिक्षित करते हैं. मौजूदा समय देश के इतिहास का निर्णायक क्षण है. ऐसे में सभी को देश की उपलब्धियों के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहिए.  

जल्द ही देश अर्थव्यवस्था के मामले में जापान और जर्मनी से होगा आगे

उपराष्ट्रपति ने कहा कि मौजूदा समय में महिलाएं उद्यमी के तौर पर काम कर रही है और दूसरे लोगों को भी रोजगार मुहैया करा रही है. महिलाओं के सशक्तिकरण के कारण आने वाले दो-तीन साल में अर्थव्यवस्था के मामले में भारत तीसरे स्थान पर होगा. जापान और जर्मनी जैसे देश भारत से पीछे हो जायेंगे. लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण गेम चेंजर होगा. इस पहल से  नीति निर्धारण की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव आयेगा. उपराष्ट्रपति ने सरकारी नौकरी और कोचिंग संस्थानों के प्रति छात्रों की दीवानगी पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि अखबार के पन्नों पर कोचिंग संस्थान के विज्ञापन देखकर दुख होता है. क्योंकि विज्ञापन के पैसा छात्रों की जेब से जाता है. देश को विकसित बनना है तो लड़कियों को आगे आना होगा. लड़कियों में काफी संभावना है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि क्षेत्र की रीढ़ देश की आधी आबादी है. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहा कि हाल ही में जारी राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ़) में दिल्ली विश्वविद्यालय ने छठा स्थान हासिल किया है. यह पिछले साल के मुकाबले काफी अच्छा है. कुलपति ने देश में महिला सुरक्षा की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त करते हुए सभी से महिलाओं के लिए बेहतर माहौल बनाने का प्रयास करने का आग्रह किया.