पीड़िक व्यक्ति – फोटो : अमर उजाला
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धार के कुक्षी से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां पर कुक्षी के सिलकुआं में गुजरात से आए कुछ लोगों द्वारा बकाया राशि के चलते निजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के सुपरवाइजर का अपहरण कर लिया था, जिसके बाद कुक्षी पुलिस ने सजगता दिखाते हुए गुजरात जाकर निजी कंपनी के सुपरवाइजर को अपहरणकर्ताओं से मुक्त करवाकर सुरक्षित वापस ले आई।
पूरे घटनाक्रम में प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुक्षी के सीलकुआं में गुजरात की ओशिन कंस्ट्रक्शन नामक निजी कंपनी का आफिस है। जहां से क्षेत्र में पाइप लाइन डालने का काम चल रहा है। इसी कंपनी में मालदे कनारा, दिलीप कनारा, जगदीश और परेश नामक गुजरात के खंभालिया निवासी लोगों की जेसीबी मशीन ओशिन कंस्ट्रक्शन कंपनी में किराए से चल रही थी, जिसका करीब चार लाख 30 हजार रुपया किराया कंस्ट्रक्शन कंपनी पर बकाया था। रुपये वसूलने के चलते गुजरात के इन चारों आरोपियों ने कुक्षी के सीलकुआं पहुंचकर डेरा डाल दिया और डॉ राय नामक व्यक्ति के मकान में संचालित कंस्ट्रक्शन कंपनी के ऑफिस से अपने बकाया रुपयों की डिमांड करने लगे।
ऐसे में रुपये नहीं मिलने के चलते कंपनी के वाक बाधित (अस्पष्ट उच्चारण वाले) सुपरवाइजर पार्थ सोरठिया का अपहरण कर लिया और उसे जबरदस्ती गुजरात के खंभालिया ले गए। इस पूरे सनसनीखेज घटनाक्रम की जानकारी जैसे कुक्षी थाना पुलिस को लगी तो कुक्षी थाने के एएसआई चंचल चौहान के नेतृत्व में एक दल आरोपियों की सटीक जानकारी जुटाकर गुजरात के खंभालिया पहुंचा। 29 जुलाई को अपहरणकर्ताओं से बंधक पार्थ को छुड़ाकर कुक्षी लाया गया।
इस दौरान कुक्षी पुलिस की कार्रवाई की भनक मिलते ही चारो आरोपी मालदे कनारा, दिलीप कनारा, जगदीश और परेश सभी निवासी गुजरात मौके से फरार हो गए, जिन्हें पुलिस सघनता से तलाश रही है। वहीं, पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा- 365, 342 और 34 भादवी के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर लिया है। कुक्षी थाना पुलिस के एएसआई चंचल चौहान की सक्रियता के चलते अपहरणकर्ताओं के चुंगल से निजी कंपनी के सुपरवाइजर पार्थ सोरठिया को तुरंत कार्रवाई करते हुए मुक्त करा लिया गया, जिसकी क्षेत्र में प्रशंसा भी की जा रही है।
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