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दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे ओलंपियन और भारत के शूटिंग स्टार मनु भाकर के साथ पत्रकार रोहन दुआ के साक्षात्कार को लिंगभेदी बताते हुए आलोचना करने वाले अपने पोस्ट हटा दें। न्यायमूर्ति नवीन चावला ने सोशल मीडिया हैंडल को एक सप्ताह के भीतर पोस्ट हटाने का आदेश दिया।
अदालत ने कहा कि यदि हैंडल पोस्ट हटाने में विफल रहते हैं तो सोशल मीडिया मध्यस्थों को सामग्री को ब्लॉक कर देना चाहिए। अदालत का अंतरिम आदेश तब आया, जब पत्रकार के वकीलों ने एक हलफनामा दिया। इसमें कहा गया कि भाकर को दुआ का साक्षात्कार पसंद आया था, जिससे साबित हुआ कि उन्होंने उनसे पूछे गए सवालों पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
हलफनामे में अदालत की ओर से पत्रकार के वकीलों को दिए गए निर्देश के बाद विवरण पेश किया गया ताकि यह दिखाया जा सके कि शूटर को साक्षात्कार से कोई दिक्कत नहीं है। अदालत को सूचित किया गया कि साक्षात्कार को भाकर की टीम ने भी मंजूरी दे दी थी। इस साल पेरिस ओलंपिक में दो कांस्य पदक जीतने के बाद दुआ ने भाकर का साक्षात्कार लिया।
साक्षात्कार की एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जहां दुआ को भाकर से साथी ओलंपियन नीरज चोपड़ा के साथ उनकी और उनकी मां की तस्वीरों के बारे में पूछते देखा गया। साक्षात्कार के बाद कई सोशल मीडिया हैंडल ने भी सवाल को सेक्सिस्ट और साक्षात्कारकर्ता को “गैर-पेशेवर” बताते हुए वीडियो पोस्ट किया।
अपनी मानहानि याचिका में, दुआ ने तर्क दिया है कि ये बयान न केवल उनकी पेशेवर क्षमता पर हमला करते हैं, बल्कि एक झूठी कहानी भी फैलाते हैं कि वह भाकर की उपलब्धियों पर पानी फेरते हुए लैंगिकवादी और अनुचित व्यवहार कर रहे थे।
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