न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: दिनेश शर्मा Updated Sat, 05 Aug 2023 04: 54 PM IST
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दमोह जिले में निरंतर हो रही बरसात एवं तेंदूखेड़ा, जबेरा, नोहटा में तालाब फूटने के कारण व्यारमा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया है, जिससे नदी उफान पर है। इस दौरान लोगों को बचाने गई नाव बीच नदी में बंद पड़ गई। दूसरी नाव भेजकर लोगों को निकाला गया। दमोह में बचाव के दौरान बीच नदी में नाव बंद पड़ गई। – फोटो : सोशल मीडिया
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दमोह जिले में निरंतर हो रही बरसात एवं तेंदूखेड़ा, जबेरा, नोहटा में तालाब फूटने के कारण व्यारमा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया है, जिससे नदी उफान पर है। इसके कारण हटा अनुविभाग के करीब एक दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं। पटेरा जनपद क्षेत्र का इमलिया गांव पूरी तरह टापू बन गया है। यहां बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकालने बचाव दल में लगी नौका अचानक बीच नदी में बंद हो गई। नौका के अचानक बंद होने पर उसे एक पेड़ के सहारे रोके रखा गया। बाद में दूसरी मोटरबोर्ड के सहारे उसमें बैठे लोगों को नदी के किनारे लाया गया।
जब बचाव दल इमलिया गांव पहुंचा, तो गांव टापू बन चुका था। एसडीएम रीता डहेरिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा, एसडीओपी वीरेन्द्र बहादुर सिंह, पटेरा सीईओ ब्रतेश जैन सहित प्रशासनिक अधिकारी नदी किनारे पहुंचे। साथ ही एसडीआरएफ दमोह व सागर का बचाव दल भी अपनी नौका लेकर मौके पर पहुंचा। बचाव दल ने पहली बार में चार मासूम बच्चों के साथ उनके माता पिता को सुरक्षित निकाला। इसी तरह करीब 20 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। बाढ के कारण बंधा, बिजवार, मोहरा, इमलिया, जरौंदा, बलेह, हुसैना, लक्ष्मीखेडा, बासन, इटवा छक्का आदि गांव प्रभावित हुए हैं।
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