damoh-news:-हटा-में-अंग्रेजों-के-समय-में-बनी-100-साल-पुरानी-सराय-को-प्रशासन-ने-गिराया,-दो-घंटे-में-हुई-जमींदोज
कार्यवाई देखने लगी लोगों की भीड़ विस्तार Follow Us दमोह जिले के हटा बस स्टैंड पर अंग्रेजों के समय में बनी करीब 100 साल पुराने सराय भवन को नगर पालिका और जनपद पंचायत के सहयोग से गिरा दिया गया। पुराने भवन को गिराए जाने की कार्रर्वा के दौरान सैकड़ों लोग मोजूद रहे। दो घंटे में भवन को जमींदोज कर दिया गया। शासकीय भूमि पर 0.142 हेक्टेयर में यह सराय बनी थी जो पहले मुसाफिरों के रुकने के काम आती थी। बाद में यात्री प्रतीक्षालय, राज्य परिवहन का बुकिंग ऑफिस स्थापित हो गया। यहां करीब 11 कमरे जनपद पंचायत ने किराए पर दे दिए और अन्य पर धीरे-धीरे कब्जा होता गया। साल 2017 में अनुष्का राय की अध्यक्षता वाली जनपद पंचायत ने इसे कंडम घोषित करते हुए कलेक्टर से भी अनुमति प्राप्त कर ली। इस दौरान पदस्थ रहे जनपद सीईओ आरके चौबे ने इसे गिराने की पृष्ठ भूमि तैयार की जिस पर अंतिम मुहर सीईओ ब्रतेश जैन ने लगाई और क्रियान्वयन वर्तमान सीईओ बीएस यादव ने किया। इस सराय को जमींदोज करने के पूर्व सभी किराएदारों और अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर तीन दिन का समय दिया कि अपनी सामग्री हटा लें अन्यथा बल पूर्वक हटा दी जाएगी। इन नोटिस ग्रहिताओं में से मुकेश चौरसिया, अरविंद चौरसिया, रमेश साहू ने उच्च न्यायालय में विभिन्न याचिकाओं में उन्हें प्राप्त यथा स्थिति के स्थगन की कॉपी एसडीएम, सीईओ हटा और नगर पालिका को प्रस्तुत कर जानकारी दी। जिस पर सीईओ ने परीक्षण कर सीएमओ को पत्र दिया कि उक्त किराएदार के स्थगन आदेश प्रभावशील होने के कारण उन्हें छोड़कर सराय का अन्य हिस्सा गिरा दिया जाए। शनिवार दोपहर पोकलेन मशीन और जेसीबी की मदद से किले के सामने व मझार के सामने से एक साथ कार्रवाई शुरू की गई। देखते ही देखते समूचा सराय परिसर मिट्टी के ढेर में तब्दील हो गया। लोहा, पत्थर, लकड़ी उठाने दर्जनों लोगों का हुजूम टूट पड़ा। जिसे पुलिस ने बल पूर्वक हटाया। कार्रवाई के दौरान नायाब तहसीलदार शिवराम चढ़ार, सीईओ बीएस यादव, सीएमओ राजेंद्र खरे ने पूरे समय निगरानी रखी। जनपद सीईओ ने बताया कि जनपद पंचायत के स्वामित्व की इन दो जमीनों के सदुपयोग के लिए एक कार्य योजना बनाई गई है, जिस पर शीघ्र ही जनप्रतिनिधियों के सहयोग से अमल में लाया जाएगा।

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कार्यवाई देखने लगी लोगों की भीड़

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दमोह जिले के हटा बस स्टैंड पर अंग्रेजों के समय में बनी करीब 100 साल पुराने सराय भवन को नगर पालिका और जनपद पंचायत के सहयोग से गिरा दिया गया। पुराने भवन को गिराए जाने की कार्रर्वा के दौरान सैकड़ों लोग मोजूद रहे। दो घंटे में भवन को जमींदोज कर दिया गया। शासकीय भूमि पर 0.142 हेक्टेयर में यह सराय बनी थी जो पहले मुसाफिरों के रुकने के काम आती थी। बाद में यात्री प्रतीक्षालय, राज्य परिवहन का बुकिंग ऑफिस स्थापित हो गया। यहां करीब 11 कमरे जनपद पंचायत ने किराए पर दे दिए और अन्य पर धीरे-धीरे कब्जा होता गया।

साल 2017 में अनुष्का राय की अध्यक्षता वाली जनपद पंचायत ने इसे कंडम घोषित करते हुए कलेक्टर से भी अनुमति प्राप्त कर ली। इस दौरान पदस्थ रहे जनपद सीईओ आरके चौबे ने इसे गिराने की पृष्ठ भूमि तैयार की जिस पर अंतिम मुहर सीईओ ब्रतेश जैन ने लगाई और क्रियान्वयन वर्तमान सीईओ बीएस यादव ने किया। इस सराय को जमींदोज करने के पूर्व सभी किराएदारों और अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर तीन दिन का समय दिया कि अपनी सामग्री हटा लें अन्यथा बल पूर्वक हटा दी जाएगी।

इन नोटिस ग्रहिताओं में से मुकेश चौरसिया, अरविंद चौरसिया, रमेश साहू ने उच्च न्यायालय में विभिन्न याचिकाओं में उन्हें प्राप्त यथा स्थिति के स्थगन की कॉपी एसडीएम, सीईओ हटा और नगर पालिका को प्रस्तुत कर जानकारी दी। जिस पर सीईओ ने परीक्षण कर सीएमओ को पत्र दिया कि उक्त किराएदार के स्थगन आदेश प्रभावशील होने के कारण उन्हें छोड़कर सराय का अन्य हिस्सा गिरा दिया जाए।

शनिवार दोपहर पोकलेन मशीन और जेसीबी की मदद से किले के सामने व मझार के सामने से एक साथ कार्रवाई शुरू की गई। देखते ही देखते समूचा सराय परिसर मिट्टी के ढेर में तब्दील हो गया।

लोहा, पत्थर, लकड़ी उठाने दर्जनों लोगों का हुजूम टूट पड़ा। जिसे पुलिस ने बल पूर्वक हटाया। कार्रवाई के दौरान नायाब तहसीलदार शिवराम चढ़ार, सीईओ बीएस यादव, सीएमओ राजेंद्र खरे ने पूरे समय निगरानी रखी। जनपद सीईओ ने बताया कि जनपद पंचायत के स्वामित्व की इन दो जमीनों के सदुपयोग के लिए एक कार्य योजना बनाई गई है, जिस पर शीघ्र ही जनप्रतिनिधियों के सहयोग से अमल में लाया जाएगा।

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