damoh-news:-स्टॉप-डैम-के-पास-खेतों-में-दिखा-मगरमच्छ,-खेत-जाने-से-डर-रहे-किसान,-वन-विभाग-की-टीम-पहुंची
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: दमोह ब्यूरो Updated Sat, 03 Aug 2024 03: 03 PM IST वन विभाग की टीम ने बताया कि मगरमच्छ नाले के गहरे पानी में है, ऐसे में उसका रेस्क्यू करना संभव नहीं है। लोग सतर्क रहे और नाले के आसपास न जाएं, मगरमच्छ पर नजर बनाए रखें। नाले के आसपास पिंजरे लगाकर मगरमच्छ का रेस्क्यू किया जाएगा। किनारे पर बैठा मगरमच्छ। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us दमोह जिले के तेजगढ़ रेंज के भदर नाला पर बने स्टॉप डैम के पास खेतों में मगरमच्छ दिखने से ग्रामीणों में दहशत फैल गई। ग्रामीण डैम के पास मौजूद अपने खेतों में जाने से घबरा रहे हैं। किसानों को आशंका है कि खेतों में बैठा मगरमच्छ कहीं से भी हमला कर सकता है। दरअसल, भदर नाले पर आधे किमी की दूरी पर स्टॉप डैम बने हुए हैं। जिससे विशालकाय मगरमच्छ डैम से चढ़कर नाले से आगे नहीं जा पा रहा और आधे किमी की दूरी पर नाले से खेतों में दिखाई देता है। वहीं, ग्रामीणों को डैम की पार से होकर जाना पड़ रहा है, जिससे मगरमच्छ का खतरा बना हुआ है। ऐसे में ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी है, लेकिन जबेरा में सीएम कार्यक्रम के चलते तेजगढ़ रेंज के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। इसके इसकी सूचना सगोनी रेंज के अधिकारी को दी गई। सागोनी रेंज से टीम भदर नाले पहुंची और मौका मुआयना किया। इस दौरान मगरमच्छ नदी के गहरे पानी से नहीं निकला। जैसे ही टीम वहां से वापस लौटी एक बार फिर मगरमच्छ नाले से बाहर निकालकर रेत के टीले पर बैठा हुआ ग्रामीणों को दिखाई दिया। किसान गनेश पटेल ने बताया शनिवार को खेतों में खाद डालकर लौट रहा था, तभी मगरमच्छ नाले के तट पर खेतों में बैठा हुआ था, आहट मिलते ही वह नाले में चला गया। किसान गनेश पटेल, नन्हे भाई पटेल, भरत पटेल ने बताया कि पिछले पांच दिनों से मगरमच्छ नाले से बाहर निकलकर खेतों में बैठा हुआ दिखाई दे रहा है। दिन या रात के समय कभी भी खेतों में जाना पड़ता है और खेतों के पास घर भी बने हुए हैं, जिनमें  हम लोग रहते है। ऐसे में हर समय डर का माहौल बना रहता है। मगरमच्छ को जल्द पकड़ा नहीं गया तो वह किसी पर भी हमला कर सकता है। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने बताया कि मगरमच्छ नाले के गहरे पानी में है, ऐसे में उसका रेस्क्यू करना संभव नहीं है। लोग सतर्क रहे और नाले के आसपास न जाएं, मगरमच्छ पर नजर बनाए रखें। नाले के आसपास पिंजरे लगाकर मगरमच्छ का रेस्क्यू किया जाएगा। बता दें इस समय जिले की व्यार्मा नदी में काफी अधिक संख्या में मगरमच्छ हैं जो अन्य सहायक नदियों और नालों में भी पहुंच रहे हैं। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: दमोह ब्यूरो Updated Sat, 03 Aug 2024 03: 03 PM IST

वन विभाग की टीम ने बताया कि मगरमच्छ नाले के गहरे पानी में है, ऐसे में उसका रेस्क्यू करना संभव नहीं है। लोग सतर्क रहे और नाले के आसपास न जाएं, मगरमच्छ पर नजर बनाए रखें। नाले के आसपास पिंजरे लगाकर मगरमच्छ का रेस्क्यू किया जाएगा। किनारे पर बैठा मगरमच्छ। – फोटो : अमर उजाला

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दमोह जिले के तेजगढ़ रेंज के भदर नाला पर बने स्टॉप डैम के पास खेतों में मगरमच्छ दिखने से ग्रामीणों में दहशत फैल गई। ग्रामीण डैम के पास मौजूद अपने खेतों में जाने से घबरा रहे हैं। किसानों को आशंका है कि खेतों में बैठा मगरमच्छ कहीं से भी हमला कर सकता है।

दरअसल, भदर नाले पर आधे किमी की दूरी पर स्टॉप डैम बने हुए हैं। जिससे विशालकाय मगरमच्छ डैम से चढ़कर नाले से आगे नहीं जा पा रहा और आधे किमी की दूरी पर नाले से खेतों में दिखाई देता है। वहीं, ग्रामीणों को डैम की पार से होकर जाना पड़ रहा है, जिससे मगरमच्छ का खतरा बना हुआ है। ऐसे में ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी है, लेकिन जबेरा में सीएम कार्यक्रम के चलते तेजगढ़ रेंज के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। इसके इसकी सूचना सगोनी रेंज के अधिकारी को दी गई।

सागोनी रेंज से टीम भदर नाले पहुंची और मौका मुआयना किया। इस दौरान मगरमच्छ नदी के गहरे पानी से नहीं निकला। जैसे ही टीम वहां से वापस लौटी एक बार फिर मगरमच्छ नाले से बाहर निकालकर रेत के टीले पर बैठा हुआ ग्रामीणों को दिखाई दिया। किसान गनेश पटेल ने बताया शनिवार को खेतों में खाद डालकर लौट रहा था, तभी मगरमच्छ नाले के तट पर खेतों में बैठा हुआ था, आहट मिलते ही वह नाले में चला गया।

किसान गनेश पटेल, नन्हे भाई पटेल, भरत पटेल ने बताया कि पिछले पांच दिनों से मगरमच्छ नाले से बाहर निकलकर खेतों में बैठा हुआ दिखाई दे रहा है। दिन या रात के समय कभी भी खेतों में जाना पड़ता है और खेतों के पास घर भी बने हुए हैं, जिनमें  हम लोग रहते है। ऐसे में हर समय डर का माहौल बना रहता है। मगरमच्छ को जल्द पकड़ा नहीं गया तो वह किसी पर भी हमला कर सकता है।

मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने बताया कि मगरमच्छ नाले के गहरे पानी में है, ऐसे में उसका रेस्क्यू करना संभव नहीं है। लोग सतर्क रहे और नाले के आसपास न जाएं, मगरमच्छ पर नजर बनाए रखें। नाले के आसपास पिंजरे लगाकर मगरमच्छ का रेस्क्यू किया जाएगा। बता दें इस समय जिले की व्यार्मा नदी में काफी अधिक संख्या में मगरमच्छ हैं जो अन्य सहायक नदियों और नालों में भी पहुंच रहे हैं।

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