बनवार बीट गार्ड भरत सिंह ठाकुर ने बताया कि गहरे पानी में होने के कारण मगरमच्छ का रेस्क्यू संभव नहीं है, आसपास रहने वाले लोगों को संतर्क में रहने और नाले के आसपास न जाने की समझाइश दी है। ग्रामीणों से कहा गया है कि जब मगरमच्छ नाले से निकलकर खेतों में बैठता हुआ दिखाई दे तो तत्काल सूचित करें ताकि उसे पकड़ा जा सके। विस्तार Follow Us
दमोह जिले के जबेरा ब्लॉक के ग्राम झरौली से निकली व्यारमा नदी में रहने वाला एक मगरमच्छ पांजी नाले के मुहास हार में आ गया। 6 से 7 फीट का लंबा मगरमच्छ नाले में जाकर बैठ गया। जिससे नाले के आसपास रहने वाले किसान और मछुआरे दहशत में हैं। सूचना पर सरपंच देवी सिंह मौके पर पहुंचे, उन्होंने नाले के पास खेत में मगरमच्छ को देखकर वन विभाग को सूचना दी। सूचना पर वन विभाग के लोग भी मौके पर पहुंचे।
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बनवार बीट गार्ड भरत सिंह ठाकुर ने बताया कि पांजी नाले के गहरे पानी में मगरमच्छ दिखाई दिया। गहरे पानी में होने के कारण मगरमच्छ का रेस्क्यू संभव नहीं है, आसपास रहने वाले किसानों और मछवारों को संतर्क में रहने और नाले के आसपास न जाने की समझाइश दी है। ग्रामीणों से कहा गया है कि जब मगरमच्छ नाले से निकलकर खेतों में बैठता हुआ दिखाई दे तो तत्काल सूचित करें ताकि उसे पकड़ा जा सके।
बता दें कि नाला व्यारमा नदी से जुड़ा हुआ और उसमें पेड़ पौधे खरपतवार अधिक है। इसकी वजह सें मगरमच्छ का रेस्क्यू नहीं किया जा सकता। इधर, सरपंच ने ग्राम कोटवार से मुनादी करवाई है। जिसमें ग्रामीणों को ब्यारमा नदी से लगे मुहास झिन्ना हार के पांजी नाले के आसपास न जाने की हिदायत दी गई है।
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