पिता से मिलने जेल पहुंचा मासूम – फोटो : अमर उजाला
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रक्षाबंधन पर्व पर सभी बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध रही हैं और टीका लगाकर रक्षा का वचन ले रही हैं। वहीं, जिला जेल भी बड़ी संख्या में बहने अपने भाइयों से आंखों में आंसू लेकर मिलने के लिए पहुंची हैं। इन्हीं महिलाओं के बीच एक आठ साल का मासूम भी हाथों में मिठाई, शरीर पर वर्दी और आंखों में आंसू लिए अपने पिता से मिलने जेल पहुंचा है।
इस मासूम का कहना था कि वह अपने पिता से मिलने के लिए पुलिस की वर्दी पहनकर आया है और उन्हें यह बताने आया है कि गलत काम का नतीजा जेल ही होता है। उसे आगे चलकर पुलिस बनना है। इसलिए वह अपने पिता से वादा लेने भी आया है कि दोबारा जेल मत आना।
दमोह के पटना गांव निवासी आठ वर्षीय मासूम वीरू ने बताया कि रक्षाबंधन पर्व पर अपनी मां, मौसी और बुआ के साथ पिता प्रकाश से मिलने जेल आया है। वह गांजा रखने के मामले में जेल में बंद हैं। पुलिस की वर्दी पहन कर आए मासूम से जब पूछा कि उसने पुलिस की वर्दी क्यों पहनी है तो मासूम ने जवाब दिया कि उसे आगे चलकर पुलिस बनना है और आज वह अपने पिता से यह वादा करने आया है कि उसे आगे चलकर पुलिस विभाग में ही जाना है और पिता को यह बताने भी आया है कि आगे से दोबारा कोई काम ऐसा मत करना की जेल आना पड़े।
रक्षाबंधन पर्व पर इस तरह से उसकी मां और बुआ पिता से मिलने जेल पहुंचे। मासूम ने बड़ी अच्छी बात कही कि गलत काम का नतीजा करने वालों को जेल ही जाना पड़ता है। इसलिए वह अपने पिता को यह बात बताने भी आया है कि उसे आगे चलकर एक अच्छा आदमी बनना है।
रक्षाबंधन पर्व के चलते बहनें भाइयों की कलाई पर जेल पहुंचकर राखी बांध रही थीं और उनसे यह वचन ले रही थी कि आगे से किसी भी गलत राह पर मत चलना कि उन्हें इस तरह से जेल में अपने भाई को राखी बांधना पड़े। जेलर सीएल प्रजापति ने बताया, 30 और 31 अगस्त दोनों दिन बहने अपने भाइयों को राखी बांध सकेंगी। इसके लिए सभी व्यवस्थाएं कर दी गई हैं। बहनों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इस प्रकार के निर्देश भी कर्मचारियों को दिए गए हैं। साथ ही जेल प्रशासन के द्वारा जो नियम बनाए गए हैं, उस नियम का पालन करते हुए ही बहनों को अपने भाइयों से मिलने और राखी बांधने दिया जा रहा है।
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