damoh-news:-पुल-पानी-में-डूबा,-फिर-भी-जान-जोखिम-में-डालकर-पार-कर-रहे-ग्रामीण
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: दमोह ब्यूरो Updated Sat, 03 Aug 2024 02: 27 PM IST पानी का बहाव तेज होने के कारण कई घंटों तक पुल से आवागमन रुका रहा, लेकिन इसके बाद ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पुल पार करने लगे।  स्कूली बच्चे, महिलाओं के साथ बाइक सवार के पुल पार करने तस्वीरे सामने आई हैं। पुल पार करते ग्रामीण विस्तार Follow Us दमोह जिले के जबेरा तहसील अंतर्गत आने वाले मनगुवाघाट में शून्य नदी पर बना पुल पानी में डूब गया है। इसके बाद भी ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पुल पार कर रहे हैं। इसमें स्कूली बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। यह नजारा शुक्रवार दोपहर को देखने मिला जब पुल पानी में डूबा हुआ था। कलेक्टर के निर्देश के बावजूद पुल पर न तो बैरिकेटिंग की गई है और न कोई सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए। गुरुवार की रात्रि हुई तेज बारिश के चलते शुक्रवार की सुबह से मनगुवा घाट पुल उफान पर था। इसे लेकर जिला प्रशासन ने चेतावनी भी जारी की है। उफान वाले पुल को पार न करने की सख्त हिदायत दी गई है। प्रशासन द्वारा बाढ़ जैसी स्थिति वाले क्षेत्र में पुल और पुलियों पर बैरिकेडिंग करने निर्देश देते हुए विभागीय कर्मचारियों की तैनाती भी की गई है। लेकिन, मनगुघाट पुल पर खतरों से अंजान लोग दुर्घटना को दावत देते हुए पुल पार कर रहे थे। स्कूली बच्चे, महिलाओं के साथ बाइक सवार के पुल पार करने तस्वीरे सामने आई हैं। पानी का बहाव तेज होने के कारण कई घंटों तक पुल से आवागमन रुका रहा, लेकिन इसके बाद ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पुल पार करने लगे। शनिवार को भी पुल के ऊपर पानी रहा, लेकिन कुछ कम था। दर्जन गांवों को जोड़ता है पुल जानकारी के अनुसार यह मार्ग पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आता है, जो छपरवाहा, मौसीपुरा क्षेत्र से लगे दर्जनों गांवों को जोड़ता है। पुल की ऊंचाई कम होने की वजह से थोड़ी बारिश में भी पानी पुल के उपर से बहने लगता है। जिस वजह से आवागमन प्रभावित होता है। इस रास्ते से स्कूल जाने वाले बच्चों और मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्कूल जाने के लिए अक्सर बच्चे जान जोखिम में डालकर पुल पार करते हैं। पिछले वर्ष की बारिश में पुल का आधा हिस्सा बाढ़ में बह गया था और बारिश के ठीक पहले पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा आनन फानन में पुल की मरम्मत करवाई गई थी, बारिश में लोगों के लिए आवागमन लायक बना दिया था, लेकिन पुल की स्थाई मरम्मत नहीं करवाई गई। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि लोहे के जाले लगाकर पुल का पक्का निर्माण होना था, लेकिन वह नहीं हो पाया है। क्योंकि, जाले डालकर सेटिंग करने के लिए कम से कम 21 दिन का समय लगता है और मानसून आने की संभावना को देखते हुए यह कार्य रोक दिया गया था। लोगों को बारिश के दिनों में आने जाने लायक निर्माण कार्य कर दिया गया था बारिश खत्म होने के बाद पुल का पक्का निर्माण कार्य किया जाएगा। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: दमोह ब्यूरो Updated Sat, 03 Aug 2024 02: 27 PM IST

पानी का बहाव तेज होने के कारण कई घंटों तक पुल से आवागमन रुका रहा, लेकिन इसके बाद ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पुल पार करने लगे।  स्कूली बच्चे, महिलाओं के साथ बाइक सवार के पुल पार करने तस्वीरे सामने आई हैं। पुल पार करते ग्रामीण

विस्तार Follow Us

दमोह जिले के जबेरा तहसील अंतर्गत आने वाले मनगुवाघाट में शून्य नदी पर बना पुल पानी में डूब गया है। इसके बाद भी ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पुल पार कर रहे हैं। इसमें स्कूली बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। यह नजारा शुक्रवार दोपहर को देखने मिला जब पुल पानी में डूबा हुआ था। कलेक्टर के निर्देश के बावजूद पुल पर न तो बैरिकेटिंग की गई है और न कोई सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए। गुरुवार की रात्रि हुई तेज बारिश के चलते शुक्रवार की सुबह से मनगुवा घाट पुल उफान पर था। इसे लेकर जिला प्रशासन ने चेतावनी भी जारी की है। उफान वाले पुल को पार न करने की सख्त हिदायत दी गई है।

प्रशासन द्वारा बाढ़ जैसी स्थिति वाले क्षेत्र में पुल और पुलियों पर बैरिकेडिंग करने निर्देश देते हुए विभागीय कर्मचारियों की तैनाती भी की गई है। लेकिन, मनगुघाट पुल पर खतरों से अंजान लोग दुर्घटना को दावत देते हुए पुल पार कर रहे थे। स्कूली बच्चे, महिलाओं के साथ बाइक सवार के पुल पार करने तस्वीरे सामने आई हैं। पानी का बहाव तेज होने के कारण कई घंटों तक पुल से आवागमन रुका रहा, लेकिन इसके बाद ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पुल पार करने लगे। शनिवार को भी पुल के ऊपर पानी रहा, लेकिन कुछ कम था।

दर्जन गांवों को जोड़ता है पुल
जानकारी के अनुसार यह मार्ग पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आता है, जो छपरवाहा, मौसीपुरा क्षेत्र से लगे दर्जनों गांवों को जोड़ता है। पुल की ऊंचाई कम होने की वजह से थोड़ी बारिश में भी पानी पुल के उपर से बहने लगता है। जिस वजह से आवागमन प्रभावित होता है। इस रास्ते से स्कूल जाने वाले बच्चों और मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्कूल जाने के लिए अक्सर बच्चे जान जोखिम में डालकर पुल पार करते हैं। पिछले वर्ष की बारिश में पुल का आधा हिस्सा बाढ़ में बह गया था और बारिश के ठीक पहले पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा आनन फानन में पुल की मरम्मत करवाई गई थी, बारिश में लोगों के लिए आवागमन लायक बना दिया था, लेकिन पुल की स्थाई मरम्मत नहीं करवाई गई।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि लोहे के जाले लगाकर पुल का पक्का निर्माण होना था, लेकिन वह नहीं हो पाया है। क्योंकि, जाले डालकर सेटिंग करने के लिए कम से कम 21 दिन का समय लगता है और मानसून आने की संभावना को देखते हुए यह कार्य रोक दिया गया था। लोगों को बारिश के दिनों में आने जाने लायक निर्माण कार्य कर दिया गया था बारिश खत्म होने के बाद पुल का पक्का निर्माण कार्य किया जाएगा।

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