damoh-news:-पार्षदों-ने-अध्यक्ष-के-खिलाफ-अविश्वास-प्रस्ताव-का-किया-विरोध,-कलेक्टर-बोले-नियमों-का-पालन-होगा
दमोह जिला कांग्रेस अध्यक्ष रतनचंद जैन ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार कैबिनेट ने अविश्वास प्रस्ताव की समयसीमा बढ़ाकर तीन साल कर दी है। यहां अविश्वास प्रस्ताव के लिए सम्मेलन के लिए जो तारीख तय की है, उसे निरस्त किया जाए। कलेक्टर से चर्चा करते कांग्रेस नेता विस्तार Follow Us दमोह नगर पालिका की अध्यक्ष और कांग्रेस नेता मंजू वीरेंद्र राय के खिलाफ भाजपा पार्षदों के अविश्वास प्रस्ताव पर घमासान जारी है। मंगलवार को कांग्रेस के सभी पार्षद अपने वरिष्ठ नेताओं और अधिवक्ताओं के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्टर सुधीर कोचर से चार सितंबर को बुलाए गए विशेष सम्मेलन की तारीख को रद्द करने की मांग की। कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि नियम अनुसार कार्यवाही की जाएगी। दमोह के पूर्व विधायक अजय टंडन ने कहा, "हमने कलेक्टर से मांग की है कि भाजपा द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की तारीख को निरस्त किया जाए। इसके पीछे दो प्रमुख कारण हैं। पहला, सागर जिले के देवरी नगर परिषद में अविश्वास प्रस्ताव के लिए दिए गए आवेदन को कलेक्टर ने आगामी आदेश तक निरस्त कर दिया है। दूसरा, मध्य प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में अविश्वास प्रस्ताव की समय सीमा बढ़ाकर 2 साल से 3 साल कर दी है, तो फिर दमोह में अविश्वास प्रस्ताव कैसे हो सकता है।" जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रतन चंद जैन ने कहा, "प्रदेश में समान आचार संहिता लागू है और कैबिनेट ने अविश्वास प्रस्ताव की समय सीमा बढ़ाकर 3 साल कर दी है। इसलिए, दमोह में सम्मेलन की तारीख को निरस्त किया जाना चाहिए। देवरी नगर पालिका में भी अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन को निरस्त कर दिया गया है, और हम चाहते हैं कि दमोह कलेक्टर भी यही करें। हमारे पास पर्याप्त पार्षदों का समर्थन है, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव का कोई प्रावधान नहीं बनता।" कलेक्टर सुधीर कोचर ने कहा, "कांग्रेस के पदाधिकारियों और पार्षदों द्वारा दिए गए ज्ञापन का मंथन किया जा रहा है, और आगे नियम संगत कार्रवाई की जाएगी।" क्या है मामला भाजपा के 20 पार्षदों ने शुक्रवार को कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव के लिए आवेदन सौंपा था। कलेक्टर ने इस पर पत्र जारी कर चार सितंबर को सम्मेलन की तारीख निर्धारित की है। पार्षदों को इस सूचना के साथ-साथ लिखित पत्र भी भेजा जा रहा है। नगर पालिका में कुल 39 पार्षद हैं। इनमें से भाजपा के 14 पार्षद और टीएसएम के पांच पार्षद, तथा एक निर्दलीय पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में हैं। कांग्रेस के 17 पार्षद और बीएसपी का एक पार्षद मंजू वीरेंद्र राय के साथ हैं। इससे कांग्रेस के पास कुल 18 पार्षद हो गए हैं। अविश्वास प्रस्ताव पर जीत के लिए 27 पार्षदों की जरूरत है।  रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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दमोह जिला कांग्रेस अध्यक्ष रतनचंद जैन ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार कैबिनेट ने अविश्वास प्रस्ताव की समयसीमा बढ़ाकर तीन साल कर दी है। यहां अविश्वास प्रस्ताव के लिए सम्मेलन के लिए जो तारीख तय की है, उसे निरस्त किया जाए। कलेक्टर से चर्चा करते कांग्रेस नेता

विस्तार Follow Us

दमोह नगर पालिका की अध्यक्ष और कांग्रेस नेता मंजू वीरेंद्र राय के खिलाफ भाजपा पार्षदों के अविश्वास प्रस्ताव पर घमासान जारी है। मंगलवार को कांग्रेस के सभी पार्षद अपने वरिष्ठ नेताओं और अधिवक्ताओं के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्टर सुधीर कोचर से चार सितंबर को बुलाए गए विशेष सम्मेलन की तारीख को रद्द करने की मांग की। कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि नियम अनुसार कार्यवाही की जाएगी।

दमोह के पूर्व विधायक अजय टंडन ने कहा, “हमने कलेक्टर से मांग की है कि भाजपा द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की तारीख को निरस्त किया जाए। इसके पीछे दो प्रमुख कारण हैं। पहला, सागर जिले के देवरी नगर परिषद में अविश्वास प्रस्ताव के लिए दिए गए आवेदन को कलेक्टर ने आगामी आदेश तक निरस्त कर दिया है। दूसरा, मध्य प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में अविश्वास प्रस्ताव की समय सीमा बढ़ाकर 2 साल से 3 साल कर दी है, तो फिर दमोह में अविश्वास प्रस्ताव कैसे हो सकता है।” जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रतन चंद जैन ने कहा, “प्रदेश में समान आचार संहिता लागू है और कैबिनेट ने अविश्वास प्रस्ताव की समय सीमा बढ़ाकर 3 साल कर दी है। इसलिए, दमोह में सम्मेलन की तारीख को निरस्त किया जाना चाहिए। देवरी नगर पालिका में भी अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन को निरस्त कर दिया गया है, और हम चाहते हैं कि दमोह कलेक्टर भी यही करें। हमारे पास पर्याप्त पार्षदों का समर्थन है, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव का कोई प्रावधान नहीं बनता।” कलेक्टर सुधीर कोचर ने कहा, “कांग्रेस के पदाधिकारियों और पार्षदों द्वारा दिए गए ज्ञापन का मंथन किया जा रहा है, और आगे नियम संगत कार्रवाई की जाएगी।”

क्या है मामला
भाजपा के 20 पार्षदों ने शुक्रवार को कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव के लिए आवेदन सौंपा था। कलेक्टर ने इस पर पत्र जारी कर चार सितंबर को सम्मेलन की तारीख निर्धारित की है। पार्षदों को इस सूचना के साथ-साथ लिखित पत्र भी भेजा जा रहा है। नगर पालिका में कुल 39 पार्षद हैं। इनमें से भाजपा के 14 पार्षद और टीएसएम के पांच पार्षद, तथा एक निर्दलीय पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में हैं। कांग्रेस के 17 पार्षद और बीएसपी का एक पार्षद मंजू वीरेंद्र राय के साथ हैं। इससे कांग्रेस के पास कुल 18 पार्षद हो गए हैं। अविश्वास प्रस्ताव पर जीत के लिए 27 पार्षदों की जरूरत है। 

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