damoh-news:-पानी-की-जलधारा-झरखंडी-महादेव-का-12-महीने-करती-है-अभिषेक,-दमोह-से-75-किमी-दूर-जंगल-में-है-स्थान
शिवलिंग के ऊपर गिर रही जलधारा - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us दमोह जिला मुख्यालय के हटा ब्लॉक में पत्थर पर उकेरा हुआ शिवलिंग है। यहां भगवान शिव का अभिषेक 12 महीने पानी की जलधारा से होता है। जंगल में स्थापित इस स्थान के बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है। लेकिन यह ऐसा स्थान है, जहां एक बार आने के बाद वापस जाने का मन नहीं करता। भीषण गर्मी के चलते जिले के अधिकांश जल स्त्रोतों में नाममात्र का पानी बचा है और बारिश न होने के चलते यह जलस्रोत भी सूखते जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जिला मुख्यालय से 75 किमी दूर हटा विकास खंड में जंगल के अंदर झरखंडी नामक सिद्ध स्थान है। यहां पर चट्टान के बीच से पानी की जलधारा पत्थर पर उकरे स्वयं भू शिवलिंग के ऊपर निरंतर गिर रही है। ग्रामीणों के अनुसार यह जलधारा 12 माह ऐसे ही अविरल रूप से बहती रहती है। जो शिवपिंडी का जलाभिषेक करती है। पुरातत्व विभाग के परिचायक डॉ. सुरेंद्र चौरसिया ने बताया कि यह स्थान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित भिलोनी किले के पास है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है। बारिश में चारों ओर फैली हरियाली यहां की खूबसूरती को चार-चांद लगा देती है। इस स्थान के बारे में लोगों को जानकारी कुछ कम है, लेकिन जो भी इस स्थान को देखकर आता है रोमांचित जरूर होता है।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

शिवलिंग के ऊपर गिर रही जलधारा – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

दमोह जिला मुख्यालय के हटा ब्लॉक में पत्थर पर उकेरा हुआ शिवलिंग है। यहां भगवान शिव का अभिषेक 12 महीने पानी की जलधारा से होता है। जंगल में स्थापित इस स्थान के बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है। लेकिन यह ऐसा स्थान है, जहां एक बार आने के बाद वापस जाने का मन नहीं करता।

भीषण गर्मी के चलते जिले के अधिकांश जल स्त्रोतों में नाममात्र का पानी बचा है और बारिश न होने के चलते यह जलस्रोत भी सूखते जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जिला मुख्यालय से 75 किमी दूर हटा विकास खंड में जंगल के अंदर झरखंडी नामक सिद्ध स्थान है। यहां पर चट्टान के बीच से पानी की जलधारा पत्थर पर उकरे स्वयं भू शिवलिंग के ऊपर निरंतर गिर रही है।

ग्रामीणों के अनुसार यह जलधारा 12 माह ऐसे ही अविरल रूप से बहती रहती है। जो शिवपिंडी का जलाभिषेक करती है। पुरातत्व विभाग के परिचायक डॉ. सुरेंद्र चौरसिया ने बताया कि यह स्थान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित भिलोनी किले के पास है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है। बारिश में चारों ओर फैली हरियाली यहां की खूबसूरती को चार-चांद लगा देती है।

इस स्थान के बारे में लोगों को जानकारी कुछ कम है, लेकिन जो भी इस स्थान को देखकर आता है रोमांचित जरूर होता है।

Posted in MP