damoh-news:-नगर-पालिका-अध्यक्ष-के-खिलाफ-लाए-अविश्वास-प्रस्ताव-का-सम्मलेन-स्थगित,-हाईकोर्ट-में-मामला-विचाराधीन
विस्तार Follow Us कांग्रेस शासित नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ भाजपा पार्षदों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के लिए चार सितंबर को बुलाया गया सम्मलेन स्थगित हो गया है। क्योंकि यह मामला अब हाईकोर्ट में विचाराधीन है।बता दें नगर पालिका अध्यक्ष मंजू वीरेंद्र राय के खिलाफ भाजपा एवं अन्य मिलाकर 20 पार्षदों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के लिए कलेक्टर को आवेदन दिया था। भाजपा पार्षदों का कहना था कि सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए जो नया नियम बनाया है, उसका नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ केवल घोषणा की गई है। इस पर मतदान के लिए कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने चार सितंबर की तिथि निर्धारित कर दी थी। इस मामले में कांग्रेस पार्षदों द्वारा सरकार द्वारा लाये गए अविश्वास प्रस्ताव के नये निर्देशों के तहत सम्मेलन को निरस्त करने की मांग कलेक्टर से की थी। कलेक्टर ने नियम के तहत कार्रवाई की बात कही थी। तभी राजपत्र में नए नियम का प्रकाशन हो गया। जिस कारण से दोनों ही दलों के पार्षद असमंजस में थे और इस बात के लिए दोनों ही दल के पार्षद अपना-अपना बहुमत सिद्ध करने के लिए प्रयासरत थे। कांग्रेस पक्ष द्वारा इस मामले में उच्च न्यायालय में जहां रिट याचिका दायर की थी। वहीं भाजपा द्वारा भी इस मामले में कैबिनेट दायर की थी, लेकिन इसी बीच हाईकोर्ट में कांग्रेस पक्ष की दायर याचिका का मामला विचाराधीन होने के कारण कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए बुलाए गए विशेष सम्मेलन की प्रक्रिया को न्यायालय के अंतिम निर्णय पारित होने तक स्थगित कर दिया है। उन्होंने अपर कलेक्टर को निर्देशित किया है कि इस आदेश के अनुपालन में आगामी कार्रवाई विधि अनुसार संपादित की जाए। इस आदेश के होते ही जहां कांग्रेस की नगर पालिका अध्यक्ष मंजू राय सहित कांग्रेस पार्षदों ने राहत की सांस ली है। वहीं भाजपा पार्षद अभी मायूस हैं। बता दें अविश्वास प्रस्ताव के लिए भाजपा को 27 पार्षदों की जरूरत थी जबकि उनके पास 20 पार्षद थे।

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कांग्रेस शासित नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ भाजपा पार्षदों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के लिए चार सितंबर को बुलाया गया सम्मलेन स्थगित हो गया है। क्योंकि यह मामला अब हाईकोर्ट में विचाराधीन है।बता दें नगर पालिका अध्यक्ष मंजू वीरेंद्र राय के खिलाफ भाजपा एवं अन्य मिलाकर 20 पार्षदों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के लिए कलेक्टर को आवेदन दिया था।

भाजपा पार्षदों का कहना था कि सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए जो नया नियम बनाया है, उसका नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ केवल घोषणा की गई है। इस पर मतदान के लिए कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने चार सितंबर की तिथि निर्धारित कर दी थी। इस मामले में कांग्रेस पार्षदों द्वारा सरकार द्वारा लाये गए अविश्वास प्रस्ताव के नये निर्देशों के तहत सम्मेलन को निरस्त करने की मांग कलेक्टर से की थी। कलेक्टर ने नियम के तहत कार्रवाई की बात कही थी। तभी राजपत्र में नए नियम का प्रकाशन हो गया।

जिस कारण से दोनों ही दलों के पार्षद असमंजस में थे और इस बात के लिए दोनों ही दल के पार्षद अपना-अपना बहुमत सिद्ध करने के लिए प्रयासरत थे। कांग्रेस पक्ष द्वारा इस मामले में उच्च न्यायालय में जहां रिट याचिका दायर की थी। वहीं भाजपा द्वारा भी इस मामले में कैबिनेट दायर की थी, लेकिन इसी बीच हाईकोर्ट में कांग्रेस पक्ष की दायर याचिका का मामला विचाराधीन होने के कारण कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए बुलाए गए विशेष सम्मेलन की प्रक्रिया को न्यायालय के अंतिम निर्णय पारित होने तक स्थगित कर दिया है।

उन्होंने अपर कलेक्टर को निर्देशित किया है कि इस आदेश के अनुपालन में आगामी कार्रवाई विधि अनुसार संपादित की जाए। इस आदेश के होते ही जहां कांग्रेस की नगर पालिका अध्यक्ष मंजू राय सहित कांग्रेस पार्षदों ने राहत की सांस ली है। वहीं भाजपा पार्षद अभी मायूस हैं। बता दें अविश्वास प्रस्ताव के लिए भाजपा को 27 पार्षदों की जरूरत थी जबकि उनके पास 20 पार्षद थे।

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