दमोह के तेंदूखेड़ा में साइंस लैब के बिना ही तीन अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करने का मामला सामने आया है। कलेक्टर ने इसे गंभीर मामला बताते हुए जांच करवाने का आश्वासन दिया है। सेलवाडा हायर सेकंडरी स्कूल
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दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक स्थित सेलवाडा एकीकृत हायर सेकेंडरी स्कूल में अतिथि शिक्षक नियुक्ति में एक अनोखा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस स्कूल में विज्ञान की प्रयोगशाला (लैब) नहीं है, फिर भी तीन अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई, जो पिछले दो वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं और उनका मानदेय भी नियमित रूप से मिल रहा है। मामला उजागर होने पर संबंधित अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। हालांकि, कलेक्टर ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब लैब ही नहीं है, तो बच्चों ने क्या और कैसे पढ़ाई की होगी?
पिछले सत्र 2023-24 में सेलवाडा हायर सेकेंडरी स्कूल में तीन अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई, जिन्हें पूरे वर्ष मानदेय दिया गया। यह सवाल उठता है कि जब स्कूल में लैब की सामग्री ही नहीं है और लैब चालू नहीं है, तो ये शिक्षक छात्र-छात्राओं को क्या पढ़ाते रहे, जिसके आधार पर उनका मानदेय जारी होता रहा। जब स्कूल के शासकीय शिक्षकों से जानकारी ली गई, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि स्कूल में कोई लैब नहीं है। सेलवाडा एकीकृत हायर सेकेंडरी स्कूल संकुल प्राचार्य के निर्देश पर संचालित होता है, क्योंकि भर्ती और भुगतान का कार्य इन्हीं के द्वारा किया जाता है। प्राचार्य और संकुल प्राचार्य दोनों को इस बात की जानकारी थी कि स्कूल में लैब नहीं है, फिर भी तीन अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति हो गई, जिन्होंने पूरे वर्ष कागजों में सेवाएं दीं और उन्हें मानदेय भी मिला। इस नियुक्ति के पीछे की प्रक्रिया को लेकर कोई भी अधिकारी स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहा है। इस मामले को लेकर तेंदूखेड़ा के बीईओ नितेश पांडे ने कहा कि लैब के अभाव में नियुक्ति कैसे हुई, इसकी पूरी जानकारी ली जाएगी। वहीं, कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कहा कि यह गंभीर मामला है, जिसकी जांच करवाई जाएगी और इसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
लैब पर सवाल पूछा तो पूर्व प्राचार्य ने काट दिया फोन
सेलवाडा हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रभारी प्राचार्य गुड्डू बेन ने कहा कि उनकी पदस्थापना पिछले वर्ष ही हुई है, और लैब की सुविधा न होने पर तीन अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कैसे हुई, इसकी जानकारी पूर्व प्राचार्य और संकुल प्राचार्य ही दे सकते हैं। जब इस संबंध में पूर्व प्राचार्य रंजीत नागीसिया से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि पहले एक लैब थी, जो अब बंद हो गई है। लेकिन जब उन्हें बताया गया कि स्कूल के शिक्षक और छात्र कह रहे हैं कि स्कूल में कभी लैब थी ही नहीं, तो उन्होंने फोन काट दिया। संकुल प्राचार्य रघुराज राजपूत से भी संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। बताया जाता है कि प्रयोगशाला में नियुक्त अतिथि शिक्षकों को वर्ग तीन में नियुक्त किया जाता है, जो बच्चों को प्रैक्टिकल कराने के साथ ही पढ़ाई भी कराते हैं।
छात्रों की लैब की मांग
सेलवाडा की सरपंच नीतू साहू ने बताया कि स्कूल में आर्ट्स और साइंस दोनों विषय हैं, लेकिन लैब नहीं है। पिछले वर्ष बच्चों ने लैब चालू कराने के लिए ज्ञापन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने भी पुष्टि की कि स्कूल में लैब नहीं है, फिर भी हर वर्ष अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाती है। स्कूल के छात्र-छात्राओं ने भी कहा कि वे प्रयोगशाला की सुविधाओं से वंचित हैं और कई बार लैब चालू करने की मांग की, लेकिन आज तक कोई कदम नहीं उठाया गया।
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