न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: दमोह ब्यूरो Updated Mon, 12 Aug 2024 05: 53 PM IST वन विभाग के अधिकारियों की माने तो दमोह जिले की व्यारमा नदी में सैकड़ों की संख्या में मगरमच्छ होने का अनुमान है। हालांकि, उनकी कभी गणना नहीं हो पाई है। अनुमान के आधार पर ही इन्हें इतनी संख्या में होना माना जा रहा है। नाले में तैरता मगरमच्छ - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us दमोह जिले में नदी और तालाब में बड़ी संख्या में मगरमच्छ हैं, जिसके चलते दमोह मगरमच्छों की शरण स्थली बनता जा रहा है। हालात यह है कि यहां की हर नदी, नाले और तालाब में मगरमच्छ घूम रहे हैं, जिससे ग्रामीण भय के साए में जी रहे हैं। अब जबेरा तहसील के पड़रिया थोबन गांव में नाले में विशालकाय मगरमच्छ तैरता हुआ दिखाई दिया है, जिसे देख ग्रामीण सकते में हैं। बता दें कि हालात यह हो गए हैं कि बारिश होते ही दमोह जिले की नदी, नालों, आबादी क्षेत्रों खेत खलियान, तालाबों में ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब मगरमच्छ दिखाई न देता हो। इसके अलावा कई लोग मगरमच्छ के हमले से घायल भी हो चुके हैं और एक बच्चे की मौत भी हो गई है। जिले की सबसे बड़ी व्यारमा नदी में तो मगरमच्छों की संख्या सैकड़ों में है। जंगली नाले, खेतीहर नाले और आबादी क्षेत्र के तालाब में भी मगरमच्छ पहुंच रहे हैं। स्मार्ट गांव पड़रिया थोवन के नाले में सोमवार को सात फीट का मगरमच्छ नाले के पास तैरता हुआ दिखाई दिया। वह कई बार पानी के ऊपर आ जाता और कुछ ही देर में पानी के अंदर चला जाता, जिसका वीडियो भी ग्रामीणों के द्वारा बनाया गया है। जिले के सबसे बड़े माला जलाशय और व्यारमां नदी से लगे नाले से निकल कर आबादी क्षेत्र के तालाबों में मगरमच्छ पहुंच रहे हैं। जिले के सबसे बड़े माला जलाशय से शून्य नदी और जिले की सबसे बड़ी नदी व्यारमा से लगे हुए नालों से बारिश में बाहर निकलकर आबादी क्षेत्र में पहुंच रहे। मगरमच्छ आए दिन नालों और तालाबों में तैरते हुए ग्रामीणों को दिखाई देते है। ग्रामीणों की सूचना पर कुछ मगरमच्छों का वन विभाग की टीम रेस्क्यू करने में सफल हो जाती है और कुछ गहरे पानी में विचरण करते हुए दिखाई देते, जिसमें भदर नाला, कोरता पटी नाला और अब इन तीनों नालों के संगम स्थल पड़रिया थोवन में सात फीट का मगरमच्छ तैरता हुआ दिखाई दिया। दमोह जिले की नदियों में मगरमच्छों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। वन विभाग के अधिकारियों की माने तो व्यारमा नदी में बड़ी संख्या में मगरमच्छ हैं। लोग काफी जागरुक हैं और वह मगरमच्छ को देखते ही वन विभाग को सूचना पहुंचा देते हैं। दमोह जिले की व्यारमा नदी में सैकड़ों की संख्या में मगरमच्छ होने का अनुमान है। हालांकि, उनकी कभी गणना नहीं हो पाई है। अनुमान के आधार पर ही इन्हें इतनी संख्या में होना माना जा रहा है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: दमोह ब्यूरो Updated Mon, 12 Aug 2024 05: 53 PM IST

वन विभाग के अधिकारियों की माने तो दमोह जिले की व्यारमा नदी में सैकड़ों की संख्या में मगरमच्छ होने का अनुमान है। हालांकि, उनकी कभी गणना नहीं हो पाई है। अनुमान के आधार पर ही इन्हें इतनी संख्या में होना माना जा रहा है। नाले में तैरता मगरमच्छ – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

दमोह जिले में नदी और तालाब में बड़ी संख्या में मगरमच्छ हैं, जिसके चलते दमोह मगरमच्छों की शरण स्थली बनता जा रहा है। हालात यह है कि यहां की हर नदी, नाले और तालाब में मगरमच्छ घूम रहे हैं, जिससे ग्रामीण भय के साए में जी रहे हैं। अब जबेरा तहसील के पड़रिया थोबन गांव में नाले में विशालकाय मगरमच्छ तैरता हुआ दिखाई दिया है, जिसे देख ग्रामीण सकते में हैं।

बता दें कि हालात यह हो गए हैं कि बारिश होते ही दमोह जिले की नदी, नालों, आबादी क्षेत्रों खेत खलियान, तालाबों में ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब मगरमच्छ दिखाई न देता हो। इसके अलावा कई लोग मगरमच्छ के हमले से घायल भी हो चुके हैं और एक बच्चे की मौत भी हो गई है। जिले की सबसे बड़ी व्यारमा नदी में तो मगरमच्छों की संख्या सैकड़ों में है। जंगली नाले, खेतीहर नाले और आबादी क्षेत्र के तालाब में भी मगरमच्छ पहुंच रहे हैं। स्मार्ट गांव पड़रिया थोवन के नाले में सोमवार को सात फीट का मगरमच्छ नाले के पास तैरता हुआ दिखाई दिया। वह कई बार पानी के ऊपर आ जाता और कुछ ही देर में पानी के अंदर चला जाता, जिसका वीडियो भी ग्रामीणों के द्वारा बनाया गया है।

जिले के सबसे बड़े माला जलाशय और व्यारमां नदी से लगे नाले से निकल कर आबादी क्षेत्र के तालाबों में मगरमच्छ पहुंच रहे हैं। जिले के सबसे बड़े माला जलाशय से शून्य नदी और जिले की सबसे बड़ी नदी व्यारमा से लगे हुए नालों से बारिश में बाहर निकलकर आबादी क्षेत्र में पहुंच रहे। मगरमच्छ आए दिन नालों और तालाबों में तैरते हुए ग्रामीणों को दिखाई देते है। ग्रामीणों की सूचना पर कुछ मगरमच्छों का वन विभाग की टीम रेस्क्यू करने में सफल हो जाती है और कुछ गहरे पानी में विचरण करते हुए दिखाई देते, जिसमें भदर नाला, कोरता पटी नाला और अब इन तीनों नालों के संगम स्थल पड़रिया थोवन में सात फीट का मगरमच्छ तैरता हुआ दिखाई दिया।

दमोह जिले की नदियों में मगरमच्छों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। वन विभाग के अधिकारियों की माने तो व्यारमा नदी में बड़ी संख्या में मगरमच्छ हैं। लोग काफी जागरुक हैं और वह मगरमच्छ को देखते ही वन विभाग को सूचना पहुंचा देते हैं। दमोह जिले की व्यारमा नदी में सैकड़ों की संख्या में मगरमच्छ होने का अनुमान है। हालांकि, उनकी कभी गणना नहीं हो पाई है। अनुमान के आधार पर ही इन्हें इतनी संख्या में होना माना जा रहा है।

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