damoh-news:-डूब-क्षेत्र-में-आ-रहे-स्कूल-आंगनवाड़ी-केंद्र-को-नहीं-किया-विस्थापित,-अब-छात्र-खतरे-में
स्कूल के समीप धस गई मिट्टी दमोह जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर स्थित पथरिया ब्लॉक के सीतानगर बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले चेनपुरा और बरखेरा चौपरा गांव के लोगों को प्रशासन ने नई कॉलोनी में शिफ्ट कर विस्थापित कर दिया है। लेकिन इन दोनों गांवों के अंतर्गत आने वाले चार शासकीय स्कूल और एक आंगनबाड़ी केंद्र अब तक शिफ्ट नहीं किए गए हैं। इससे यहां पढ़ने वाले 317 बच्चों के साथ कभी भी कोई हादसा हो सकता है, क्योंकि भारी बारिश होते ही बहाव और बांध का बैक वॉटर इन स्कूलों तक पहुंच जाएगा। हाल ही में बरखेरा नाहर और बरखेरा चौपरा स्कूल तक तो बांध का पानी पहुंच गया है। इसके बावजूद इन स्कूलों में कक्षाएं लगाई जा रही हैं। ऐसे में जिम्मेदारों की अनदेखी से बच्चों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। दरअसल, प्रशासन ने इन दोनों गांवों के डूब क्षेत्र में रहने वाले परिवारों के लिए नरसिंहगढ़ के पास कल्यापुरा में नया गांव बसाया है। यहां पर बिजली, पानी, सड़क के साथ स्कूल भवन, सामुदायिक भवन, और मंदिर बनाए जा चुके हैं। इन लोगों को प्लॉट भी उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे मुआवजा राशि से अधिकांश लोगों ने यहां पर अपने मकान भी बना लिए हैं। लेकिन विस्थापन के बाद भी इन गांवों की 25 से 30 फीसदी आबादी अभी भी गांव में अपने निवास बनाए हुए हैं। यहां अधिकांश घर खाली हो चुके हैं। ज्यादातर पक्के मकानों में ताले डल गए हैं और लोग खिड़की-दरवाजे की चौखट निकाल चुके हैं, जिससे यह गांव खंडहर जैसे नजर आने लगे हैं। आगामी महीनों में जब डेम पूरा भरेगा तो यह दोनों गांव जलमग्न हो जाएंगे। स्कूल तक पहुंच गया पानी  पहाड़ी पर बसे बरखेरा चौपरा गांव सीतानगर बांध के सबसे नजदीक है। यहां से बांध की दूरी करीब दो किमी है। बांध का पानी शासकीय प्राइमरी स्कूल तक पहुंच गया है, जिससे स्कूल के पुराने भवन के बाजू से करीब 20 फीट जगह पर मिट्टी धंस गई है। इससे यह स्कूल किसी भी दिन धराशायी हो सकता है। पुराने भवन के बाजू में ही नए भवन में कक्षाएं संचालित हो रही हैं। यहां के शिक्षक रामसिंह धुर्वे ने बताया कि अभी प्रशासन से स्कूल शिफ्ट कराने का कोई आदेश नहीं आया। इसी स्कूल से आधा किमी दूर पहाड़ी के नीचे बरखेरा नाहर मिडिल स्कूल संचालित है, जहां 64 बच्चे दर्ज हैं। इस स्कूल के सामने बनी सड़क के दूसरी ओर बांध का पानी आ गया है। यहां के छात्रों ने बताया कि डर तो लगा रहता है, लेकिन वे क्या कर सकते हैं। स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र भी डूब क्षेत्र में  सुनार नदी से करीब 300 मीटर दूरी पर शासकीय प्राइमरी और मिडिल स्कूल चेनपुरा है। प्राइमरी स्कूल में 116 बच्चे दर्ज हैं जबकि मिडिल स्कूल में 71 बच्चे दर्ज हैं। प्राइमरी में 6 शिक्षक और मिडिल स्कूल में केवल एक शिक्षिका पदस्थ हैं। छात्रा तपस्या, अभय कुमारी, लक्ष्मी, पुष्पेंद्र ने बताया कि वे लोग कल्यापुरा में रहने लगे हैं, लेकिन वहां स्कूल छोटा है, इसलिए यहां आते हैं। जनशिक्षक खिलान सिंह ने बताया कि नदी के इस साइड का एरिया बटियागढ़ और दूसरी तरफ का एरिया पथरिया ब्लॉक में आता है, जिससे इन दोनों गांवों के स्कूल कल्यापुरा में शिफ्ट नहीं हो पाए हैं। प्रक्रिया चल रही है। इसी स्कूल के बाजू से आंगनबाड़ी केंद्र में 51 बच्चे दर्ज हैं। कार्यकर्ता ने बताया कि अभी कोई आदेश नहीं आया है। बताया गया है कि कल्यापुरा में प्रशासन द्वारा प्राइमरी और मिडिल स्कूल भवन बनाए गए हैं, जहां चार-चार कमरे हैं। लेकिन इन चारों स्कूलों के बच्चों के आधे बच्चे भी वहां नहीं बन पाएंगे। एक साल पहले ही हैंडओवर कर दिया  जल संसाधन विभाग के ई. शुभम अग्रवाल का कहना है कि दोनों गांव का विस्थापन हो चुका है और उन्हें कल्यापुरा गांव में शिफ्ट कर दिया गया है। वहां स्कूल भवन भी बन चुके हैं, जिन्हें पिछले साल ही शिक्षा विभाग को हैंडओवर कर दिया गया है। यदि मांग करेंगे तो स्कूल के लिए और कमरे बनवा दिए जाएंगे। जल्द शिफ्ट होंगे स्कूल  डीपीसी मुकेश द्विवेदी ने बताया कि चेनपुरा गांव के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों को कल्यापुरा गांव में शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है। वहां पर प्राइमरी स्कूल शुरू हो गया है, जहां एक शिक्षक भी नियुक्त हो गया है। जगह कम है, इसलिए मिडिल स्कूल को नरसिंहगढ़ गांव में शिफ्ट किया जाएगा। बरखेरा नाहर और बरखेरा चौपरा के संबंध में जानकारी नहीं है। उपयंत्री को भेजकर दिखवा लेते हैं। वहां भी खतरा है तो वहां के स्कूलों को भी जल्द से जल्द कल्यापुरा या नरसिंहगढ़ में शिफ्ट कराया जाएगा। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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स्कूल के समीप धस गई मिट्टी

दमोह जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर स्थित पथरिया ब्लॉक के सीतानगर बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले चेनपुरा और बरखेरा चौपरा गांव के लोगों को प्रशासन ने नई कॉलोनी में शिफ्ट कर विस्थापित कर दिया है। लेकिन इन दोनों गांवों के अंतर्गत आने वाले चार शासकीय स्कूल और एक आंगनबाड़ी केंद्र अब तक शिफ्ट नहीं किए गए हैं। इससे यहां पढ़ने वाले 317 बच्चों के साथ कभी भी कोई हादसा हो सकता है, क्योंकि भारी बारिश होते ही बहाव और बांध का बैक वॉटर इन स्कूलों तक पहुंच जाएगा। हाल ही में बरखेरा नाहर और बरखेरा चौपरा स्कूल तक तो बांध का पानी पहुंच गया है। इसके बावजूद इन स्कूलों में कक्षाएं लगाई जा रही हैं। ऐसे में जिम्मेदारों की अनदेखी से बच्चों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है।

दरअसल, प्रशासन ने इन दोनों गांवों के डूब क्षेत्र में रहने वाले परिवारों के लिए नरसिंहगढ़ के पास कल्यापुरा में नया गांव बसाया है। यहां पर बिजली, पानी, सड़क के साथ स्कूल भवन, सामुदायिक भवन, और मंदिर बनाए जा चुके हैं। इन लोगों को प्लॉट भी उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे मुआवजा राशि से अधिकांश लोगों ने यहां पर अपने मकान भी बना लिए हैं। लेकिन विस्थापन के बाद भी इन गांवों की 25 से 30 फीसदी आबादी अभी भी गांव में अपने निवास बनाए हुए हैं। यहां अधिकांश घर खाली हो चुके हैं। ज्यादातर पक्के मकानों में ताले डल गए हैं और लोग खिड़की-दरवाजे की चौखट निकाल चुके हैं, जिससे यह गांव खंडहर जैसे नजर आने लगे हैं। आगामी महीनों में जब डेम पूरा भरेगा तो यह दोनों गांव जलमग्न हो जाएंगे।

स्कूल तक पहुंच गया पानी 
पहाड़ी पर बसे बरखेरा चौपरा गांव सीतानगर बांध के सबसे नजदीक है। यहां से बांध की दूरी करीब दो किमी है। बांध का पानी शासकीय प्राइमरी स्कूल तक पहुंच गया है, जिससे स्कूल के पुराने भवन के बाजू से करीब 20 फीट जगह पर मिट्टी धंस गई है। इससे यह स्कूल किसी भी दिन धराशायी हो सकता है। पुराने भवन के बाजू में ही नए भवन में कक्षाएं संचालित हो रही हैं। यहां के शिक्षक रामसिंह धुर्वे ने बताया कि अभी प्रशासन से स्कूल शिफ्ट कराने का कोई आदेश नहीं आया। इसी स्कूल से आधा किमी दूर पहाड़ी के नीचे बरखेरा नाहर मिडिल स्कूल संचालित है, जहां 64 बच्चे दर्ज हैं। इस स्कूल के सामने बनी सड़क के दूसरी ओर बांध का पानी आ गया है। यहां के छात्रों ने बताया कि डर तो लगा रहता है, लेकिन वे क्या कर सकते हैं।

स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र भी डूब क्षेत्र में 
सुनार नदी से करीब 300 मीटर दूरी पर शासकीय प्राइमरी और मिडिल स्कूल चेनपुरा है। प्राइमरी स्कूल में 116 बच्चे दर्ज हैं जबकि मिडिल स्कूल में 71 बच्चे दर्ज हैं। प्राइमरी में 6 शिक्षक और मिडिल स्कूल में केवल एक शिक्षिका पदस्थ हैं। छात्रा तपस्या, अभय कुमारी, लक्ष्मी, पुष्पेंद्र ने बताया कि वे लोग कल्यापुरा में रहने लगे हैं, लेकिन वहां स्कूल छोटा है, इसलिए यहां आते हैं। जनशिक्षक खिलान सिंह ने बताया कि नदी के इस साइड का एरिया बटियागढ़ और दूसरी तरफ का एरिया पथरिया ब्लॉक में आता है, जिससे इन दोनों गांवों के स्कूल कल्यापुरा में शिफ्ट नहीं हो पाए हैं। प्रक्रिया चल रही है। इसी स्कूल के बाजू से आंगनबाड़ी केंद्र में 51 बच्चे दर्ज हैं। कार्यकर्ता ने बताया कि अभी कोई आदेश नहीं आया है। बताया गया है कि कल्यापुरा में प्रशासन द्वारा प्राइमरी और मिडिल स्कूल भवन बनाए गए हैं, जहां चार-चार कमरे हैं। लेकिन इन चारों स्कूलों के बच्चों के आधे बच्चे भी वहां नहीं बन पाएंगे।

एक साल पहले ही हैंडओवर कर दिया 
जल संसाधन विभाग के ई. शुभम अग्रवाल का कहना है कि दोनों गांव का विस्थापन हो चुका है और उन्हें कल्यापुरा गांव में शिफ्ट कर दिया गया है। वहां स्कूल भवन भी बन चुके हैं, जिन्हें पिछले साल ही शिक्षा विभाग को हैंडओवर कर दिया गया है। यदि मांग करेंगे तो स्कूल के लिए और कमरे बनवा दिए जाएंगे।

जल्द शिफ्ट होंगे स्कूल 
डीपीसी मुकेश द्विवेदी ने बताया कि चेनपुरा गांव के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों को कल्यापुरा गांव में शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है। वहां पर प्राइमरी स्कूल शुरू हो गया है, जहां एक शिक्षक भी नियुक्त हो गया है। जगह कम है, इसलिए मिडिल स्कूल को नरसिंहगढ़ गांव में शिफ्ट किया जाएगा। बरखेरा नाहर और बरखेरा चौपरा के संबंध में जानकारी नहीं है। उपयंत्री को भेजकर दिखवा लेते हैं। वहां भी खतरा है तो वहां के स्कूलों को भी जल्द से जल्द कल्यापुरा या नरसिंहगढ़ में शिफ्ट कराया जाएगा।

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