प्रतिमा को दूध पिलाते ग्रामीण विस्तार Follow Us दमोह जिले मडियादो थाना क्षेत्र के चंदेना गांव में नागपंचमी के दिन नाग देवता की प्रतिमा द्वारा दूध पीने की बात कही जा रही है। जैसे ही यह बात ग्रामीणों को पता चली तो उस घर में भजन कीर्तन शुरू हो गया और गांव के लोग पहुंच गए। हालांकि केमिस्ट्री की प्रोफेसर का कहना है यह संभव नहीं है ऐसा नहीं हो सकता। बता दें शुक्रवार को दमोह जिले में नाग पंचमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। लोग अपने घरोंं में नागदेव की पूजा-पाठ कर रहे हैं। साथ ही सपेरे भी लोगों के घर पहुंचकर उनसे दान ले रहे हैं। इन सपेरे द्वारा ले गए नाग देवता की पूजा कर रहे हैं। शुक्रवार दोपहर चंदेना गांव के लेखराम रजक के घर में रखी नाग देवता की पीतल की प्रतिमा द्वारा दूध पीने की बात कही गई। लेखराम ने कहा कि वह चम्मच में भरकर नाग देवता की प्रतिमा के फन के पास दूध लेकर गए और कुछ ही समय में चम्मच का दूध खत्म हो गया। इसके बाद कई लोगों ने यह दावा किया कि नाग देवता की प्रतिमा दूध पी रही है और उसके बाद सैकड़ों की संख्या में लोग उस घर में पहुंच गए और भजन, कीर्तन का काम शुरू हो गया। हालांकि इसको लेकर लोगों का अलग-अलग मत है, कई लोगों का कहना है कि ऐसा संभव नहीं है। लोग इसे नाग पंचमी पर्व को लेकर जरूर जोड़ रहे हैं, लेकिन उनका यह वहम हो सकता है। पीजी कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. प्रियंका चौहान से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि पीतल सहित अन्य जितनी भी धातु है वह इस प्रकार की चीज अवशोषित नहीं करती। इसलिए यदि कोई कहे कि पीतल की प्रतिमा दूध पी रही है तो यह संभव नहीं है। इसे ग्रामीणों की आस्था ही कहा जा सकता है।

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प्रतिमा को दूध पिलाते ग्रामीण

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दमोह जिले मडियादो थाना क्षेत्र के चंदेना गांव में नागपंचमी के दिन नाग देवता की प्रतिमा द्वारा दूध पीने की बात कही जा रही है। जैसे ही यह बात ग्रामीणों को पता चली तो उस घर में भजन कीर्तन शुरू हो गया और गांव के लोग पहुंच गए। हालांकि केमिस्ट्री की प्रोफेसर का कहना है यह संभव नहीं है ऐसा नहीं हो सकता।

बता दें शुक्रवार को दमोह जिले में नाग पंचमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। लोग अपने घरोंं में नागदेव की पूजा-पाठ कर रहे हैं। साथ ही सपेरे भी लोगों के घर पहुंचकर उनसे दान ले रहे हैं। इन सपेरे द्वारा ले गए नाग देवता की पूजा कर रहे हैं। शुक्रवार दोपहर चंदेना गांव के लेखराम रजक के घर में रखी नाग देवता की पीतल की प्रतिमा द्वारा दूध पीने की बात कही गई। लेखराम ने कहा कि वह चम्मच में भरकर नाग देवता की प्रतिमा के फन के पास दूध लेकर गए और कुछ ही समय में चम्मच का दूध खत्म हो गया। इसके बाद कई लोगों ने यह दावा किया कि नाग देवता की प्रतिमा दूध पी रही है और उसके बाद सैकड़ों की संख्या में लोग उस घर में पहुंच गए और भजन, कीर्तन का काम शुरू हो गया। हालांकि इसको लेकर लोगों का अलग-अलग मत है, कई लोगों का कहना है कि ऐसा संभव नहीं है। लोग इसे नाग पंचमी पर्व को लेकर जरूर जोड़ रहे हैं, लेकिन उनका यह वहम हो सकता है।

पीजी कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. प्रियंका चौहान से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि पीतल सहित अन्य जितनी भी धातु है वह इस प्रकार की चीज अवशोषित नहीं करती। इसलिए यदि कोई कहे कि पीतल की प्रतिमा दूध पी रही है तो यह संभव नहीं है। इसे ग्रामीणों की आस्था ही कहा जा सकता है।

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