damoh-news:-खाट-पर-लिटाकर-गर्भवती-महिला-को-एंबुलेंस-तक-ले-गए-परिजन,-मुख्य-मार्ग-से-गांव-जाने-के-लिए-नहीं-सड़क
महिला को खाट पर लेकर जाते परिजन - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us दमोह जिले में हटा ब्लॉक के ग्राम पंचायत दामोतीपुरा के सूरजपुरा गांव में एक गर्भवती महिला को परिजन खाट पर लिटाकर घुटनों से भरे पानी से होकर एंबुलेंस तक ले गए। यहां मुख्य मार्ग से करीब 400 मीटर दूर तक गांव जाने वाले रास्ते में पानी भरा हुआ है और रास्ता नहीं है। जिले में ऐसे कई गांव हैं, जहां मुख्य मार्ग से उनके गांव तक जाने के लिए सड़क नहीं बनी और इसी कारण बारिश के समय लोग कई तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सूरजपुरा गांव में सामने आया। मंगलवार को इस गांव की एक महिला शीला रानी पति पूरन आदिवासी 35 को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिवार के लोगों ने जननी वाहन को फोन लगा दिया। वाहन मुख्य मार्ग पर जाकर खड़ा हो गया। लेकिन गांव जाने वाले रास्ते में पानी भरा हुआ था और ऐसे में वाहन गांव नहीं पहुंच सकता था। वाहन चालक ने परिवार के लोगों को बोला कि वो महिला को मुख्य मार्ग लेकर आ जाए। महिला को तकलीफ अधिक थी, इसलिए परिवार के लोगों ने गर्भवती महिला को खाट पर लिटाया और उसे अपने सिर पर रखकर महिला को कीचड़ भरे पानी से निकलकर एंबुलेंस तक ले गए। गांव के लोगों का कहना है कि 50 साल हो गए। अधिकारी से लेकर नेताओं तक सबसे निवेदन कर चुके हैं। पंचायत के सरपंच भी समस्या जानते हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि सड़क बन जाएगी तो उनके गांव के लोगों को होने वाली परेशानी समाप्त हो सकेगी।

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महिला को खाट पर लेकर जाते परिजन – फोटो : अमर उजाला

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दमोह जिले में हटा ब्लॉक के ग्राम पंचायत दामोतीपुरा के सूरजपुरा गांव में एक गर्भवती महिला को परिजन खाट पर लिटाकर घुटनों से भरे पानी से होकर एंबुलेंस तक ले गए। यहां मुख्य मार्ग से करीब 400 मीटर दूर तक गांव जाने वाले रास्ते में पानी भरा हुआ है और रास्ता नहीं है।

जिले में ऐसे कई गांव हैं, जहां मुख्य मार्ग से उनके गांव तक जाने के लिए सड़क नहीं बनी और इसी कारण बारिश के समय लोग कई तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सूरजपुरा गांव में सामने आया। मंगलवार को इस गांव की एक महिला शीला रानी पति पूरन आदिवासी 35 को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिवार के लोगों ने जननी वाहन को फोन लगा दिया। वाहन मुख्य मार्ग पर जाकर खड़ा हो गया। लेकिन गांव जाने वाले रास्ते में पानी भरा हुआ था और ऐसे में वाहन गांव नहीं पहुंच सकता था।

वाहन चालक ने परिवार के लोगों को बोला कि वो महिला को मुख्य मार्ग लेकर आ जाए। महिला को तकलीफ अधिक थी, इसलिए परिवार के लोगों ने गर्भवती महिला को खाट पर लिटाया और उसे अपने सिर पर रखकर महिला को कीचड़ भरे पानी से निकलकर एंबुलेंस तक ले गए।

गांव के लोगों का कहना है कि 50 साल हो गए। अधिकारी से लेकर नेताओं तक सबसे निवेदन कर चुके हैं। पंचायत के सरपंच भी समस्या जानते हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि सड़क बन जाएगी तो उनके गांव के लोगों को होने वाली परेशानी समाप्त हो सकेगी।

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