damoh-news:-खकरिया-गांव-में-दलदल-भरे-मार्ग-से-निकलने-मजबूर-ग्रामीण,-आवागमन-के-लिए-केवल-एक-मार्ग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: दमोह ब्यूरो Updated Thu, 25 Jul 2024 04: 52 PM IST कीचड़ में फसी बुलेरो दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक में आने वाले खाकरिया गांव के लोग दलदल भरे मार्ग से निकलने मजबूर हैं, क्योंकि इसके अलावा कोई दूसरा मार्ग नहीं है। यह समस्या बारिश के चार महीने बनी रहती है। इस पर अधिकारी सहित सरपंच, सचिव भी ध्यान नहीं दे रहे। यह गांव नरगवा ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है। Trending Videos सड़क पर दलदल दूसरा मार्ग नहीं खखरिया कला गांव जगली क्षेत्र में बसा हुआ है। जहां 500 से अधिक लोग निवास करते हैं। हर साल बारिश शुरू होते ही इस गांव के लोगों को कीचड़ से भरे मार्ग से होकर गुजरना पड़ता है। आने-जाने के लिए दूसरा मार्ग नहीं है। जो मार्ग शासन के रिकॉर्ड में मंजूर है, वहां दलदल है। जहां से दो पहिया, चार पहिया वाहन निकल नहीं सकता है। ऐसी स्थिति में बारिश के दिनों में यहां के ग्रामीण कैसे सामग्री खरीदी करने आते होंगे, बीमार केसे अस्पताल पहुंचते होंगे। ये बोले ग्रामीण देवेंद्र घोसी ने बताया कि अभी तक हम लोग जंगली रास्ते से मुख्य मार्ग पकड़ लेते थे, लेकिन अब वन विभाग ने वहां प्रतिबंध लगा दिया है। जो हमारे गांव से एक कच्चा मार्ग है वहां दलदल इतनी ज्यादा है कि दो पहिया या चार पहिया वाहन निकलना संभव नहीं है। कमल आदिवासी ने बताया कि गर्मियों के समय तक आवागमन होता रहा, लेकिन बारिश होते ही कच्ची सड़क पर दलदल हो गया है। गांव में यदि किसी महिला का प्रसव होने पर दर्द उठता है तो अस्पताल कैसे लेकर जाएंगे, क्योंकि कच्चे मार्ग से वाहनों का आवागमन संभव नहीं है। जगदीश आदिवासी ने बताया कि खखरिया गांव की आबादी 500 से अधिक है। आवागमन के केवल दो मार्ग थे पहला जंगली क्षेत्र से होकर गुजरता है और दूसरा कच्चा मार्ग। जंगली मार्ग वन विभाग ने बंद कर दिया है कच्चे मार्ग पर दलदल मची है और वाहनों का आना जाना पूरी तरह बंद है। यदि कोई अचानक बीमार हो जाए तो अस्पताल पहुंचना संभव नहीं है। बीच रास्ते में फंस गई कार खखरिया निवासी अर्जुन घोसी ने बताया आवागमन के लिए पिछले वर्ष तक जंगली रास्ता था, लेकिन इस वर्ष वह वन विभाग ने पौधे रोप दिए हैं इसलिए इस वर्ष केवल यही एक रास्ता बचा है। जिस पर दलदल मच गई है। स्कूल से आने बाली कार जब बच्चों को लेकर गांव से तेंदूखेड़ा आ रही थी तो रास्ते में कीचड़ में फंस गई। ग्रामीणों ने उसे बाहर निकाला। लखन घोसी ने बताया कि यह मार्ग 2012 में बना था उसके बाद से आज तक कोई कार्य नहीं हुआ है। हम लोगों को यह पता नहीं 2012 में किस योजना से कार्य हुआ था, लेकिन अब यह मार्ग मुख्यमंत्री योजना मे जुड़ गया है। दलदल भरे मार्ग में बाइक सवार फिसल रहे हैं। तेंदूखेड़ा जनपद सीईओ मनीष बागरी ने बताया की सड़क लंबी है और मेरे पास कुछ लोग सड़क की समस्या लेकर आए थे। मैंने जानकारी ली तो पता चला सड़क कार्य प्रगति पर है और मुख्यमंत्री योजना से सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है।  रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: दमोह ब्यूरो Updated Thu, 25 Jul 2024 04: 52 PM IST

कीचड़ में फसी बुलेरो

दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक में आने वाले खाकरिया गांव के लोग दलदल भरे मार्ग से निकलने मजबूर हैं, क्योंकि इसके अलावा कोई दूसरा मार्ग नहीं है। यह समस्या बारिश के चार महीने बनी रहती है। इस पर अधिकारी सहित सरपंच, सचिव भी ध्यान नहीं दे रहे। यह गांव नरगवा ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है।

Trending Videos

सड़क पर दलदल दूसरा मार्ग नहीं
खखरिया कला गांव जगली क्षेत्र में बसा हुआ है। जहां 500 से अधिक लोग निवास करते हैं। हर साल बारिश शुरू होते ही इस गांव के लोगों को कीचड़ से भरे मार्ग से होकर गुजरना पड़ता है। आने-जाने के लिए दूसरा मार्ग नहीं है। जो मार्ग शासन के रिकॉर्ड में मंजूर है, वहां दलदल है। जहां से दो पहिया, चार पहिया वाहन निकल नहीं सकता है। ऐसी स्थिति में बारिश के दिनों में यहां के ग्रामीण कैसे सामग्री खरीदी करने आते होंगे, बीमार केसे अस्पताल पहुंचते होंगे।

ये बोले ग्रामीण
देवेंद्र घोसी ने बताया कि अभी तक हम लोग जंगली रास्ते से मुख्य मार्ग पकड़ लेते थे, लेकिन अब वन विभाग ने वहां प्रतिबंध लगा दिया है। जो हमारे गांव से एक कच्चा मार्ग है वहां दलदल इतनी ज्यादा है कि दो पहिया या चार पहिया वाहन निकलना संभव नहीं है। कमल आदिवासी ने बताया कि गर्मियों के समय तक आवागमन होता रहा, लेकिन बारिश होते ही कच्ची सड़क पर दलदल हो गया है। गांव में यदि किसी महिला का प्रसव होने पर दर्द उठता है तो अस्पताल कैसे लेकर जाएंगे, क्योंकि कच्चे मार्ग से वाहनों का आवागमन संभव नहीं है। जगदीश आदिवासी ने बताया कि खखरिया गांव की आबादी 500 से अधिक है। आवागमन के केवल दो मार्ग थे पहला जंगली क्षेत्र से होकर गुजरता है और दूसरा कच्चा मार्ग। जंगली मार्ग वन विभाग ने बंद कर दिया है कच्चे मार्ग पर दलदल मची है और वाहनों का आना जाना पूरी तरह बंद है। यदि कोई अचानक बीमार हो जाए तो अस्पताल पहुंचना संभव नहीं है।

बीच रास्ते में फंस गई कार
खखरिया निवासी अर्जुन घोसी ने बताया आवागमन के लिए पिछले वर्ष तक जंगली रास्ता था, लेकिन इस वर्ष वह वन विभाग ने पौधे रोप दिए हैं इसलिए इस वर्ष केवल यही एक रास्ता बचा है। जिस पर दलदल मच गई है। स्कूल से आने बाली कार जब बच्चों को लेकर गांव से तेंदूखेड़ा आ रही थी तो रास्ते में कीचड़ में फंस गई। ग्रामीणों ने उसे बाहर निकाला। लखन घोसी ने बताया कि यह मार्ग 2012 में बना था उसके बाद से आज तक कोई कार्य नहीं हुआ है। हम लोगों को यह पता नहीं 2012 में किस योजना से कार्य हुआ था, लेकिन अब यह मार्ग मुख्यमंत्री योजना मे जुड़ गया है। दलदल भरे मार्ग में बाइक सवार फिसल रहे हैं।

तेंदूखेड़ा जनपद सीईओ मनीष बागरी ने बताया की सड़क लंबी है और मेरे पास कुछ लोग सड़क की समस्या लेकर आए थे। मैंने जानकारी ली तो पता चला सड़क कार्य प्रगति पर है और मुख्यमंत्री योजना से सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। 

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