damoh-news:-कोलकाता-के-कलाकार-बालू-मिट्टी-से-दे-रहे-भगवान-गणेश-की-प्रतिमाओं-को-आकार,-अंतिम-दौर-में-तैयारियां
मूर्ति बनाने में जुटे कलाकार विस्तार Follow Us दमोह शहर में दस दिवसीय गणेशोत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। बजरिया वार्ड में, कोलकाता से आए मूर्तिकार भगवान श्री गणेश की प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं, जो सात सितंबर से शुरू होने वाले गणेश पर्व के लिए तैयार की जा रही हैं। सात सितंबर से गणेशोत्सव की शुरुआत हो रही है, और इस मौके के लिए मूर्तिकार भगवान श्री गणेश की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। बजरिया वार्ड नंबर हनुमान मंदिर के पास कोलकाता से आए कलाकार प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं। यहां पर आधा फीट से लेकर 18 फीट ऊंचाई तक की गणेश प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं। इन प्रतिमाओं का निर्माण कोलकाता के नदिया जिले से गंगा नदी की बालू मिट्टी से किया जा रहा है। इस मिट्टी की खासियत यह है कि इसमें एक भी कंकड़ नहीं होते और यह चिकनी होने के कारण मूर्तियों की फिनिशिंग बेहतरीन होती है। मुख्य मूर्तिकार आशीष हल्दार ने बताया कि वह पिछले 40 वर्षों से दमोह में मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं। उनकी 10 सदस्यीय टीम हर साल जून में यहां आती है और गणेश प्रतिमाओं के साथ-साथ मां दुर्गा की प्रतिमाओं का निर्माण करती है।  नया बाजार नंबर पांच निवासी 23 वर्षीय युवा मूर्तिकार अंशुल रजक ने बताया कि वह गणेश और दुर्गा मां की प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं। अंशुल रजक ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बुलावे पर भोपाल में महाराणा प्रताप की मूर्ति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना के तहत दिल्ली में भी एक मूर्ति बनाई थी। प्रतिमाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है और दो दिन के अंदर सभी प्रतिमाओं पर रंग भर दिया जाएगा।

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मूर्ति बनाने में जुटे कलाकार

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दमोह शहर में दस दिवसीय गणेशोत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। बजरिया वार्ड में, कोलकाता से आए मूर्तिकार भगवान श्री गणेश की प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं, जो सात सितंबर से शुरू होने वाले गणेश पर्व के लिए तैयार की जा रही हैं।

सात सितंबर से गणेशोत्सव की शुरुआत हो रही है, और इस मौके के लिए मूर्तिकार भगवान श्री गणेश की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। बजरिया वार्ड नंबर हनुमान मंदिर के पास कोलकाता से आए कलाकार प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं। यहां पर आधा फीट से लेकर 18 फीट ऊंचाई तक की गणेश प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं।

इन प्रतिमाओं का निर्माण कोलकाता के नदिया जिले से गंगा नदी की बालू मिट्टी से किया जा रहा है। इस मिट्टी की खासियत यह है कि इसमें एक भी कंकड़ नहीं होते और यह चिकनी होने के कारण मूर्तियों की फिनिशिंग बेहतरीन होती है। मुख्य मूर्तिकार आशीष हल्दार ने बताया कि वह पिछले 40 वर्षों से दमोह में मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं। उनकी 10 सदस्यीय टीम हर साल जून में यहां आती है और गणेश प्रतिमाओं के साथ-साथ मां दुर्गा की प्रतिमाओं का निर्माण करती है। 

नया बाजार नंबर पांच निवासी 23 वर्षीय युवा मूर्तिकार अंशुल रजक ने बताया कि वह गणेश और दुर्गा मां की प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं। अंशुल रजक ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बुलावे पर भोपाल में महाराणा प्रताप की मूर्ति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना के तहत दिल्ली में भी एक मूर्ति बनाई थी। प्रतिमाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है और दो दिन के अंदर सभी प्रतिमाओं पर रंग भर दिया जाएगा।

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